Palamu Tragedy: शादी की रात करंट ने छीन ली पिता-पुत्र की ज़िंदगी!

पलामू के हैदरनगर में 11 हजार वोल्ट के बिजली तार की चपेट में आकर डीजल लाने निकले पिता-पुत्र की मौत हो गई। शादी की खुशियां मातम में बदल गईं, लोगों में बिजली विभाग के खिलाफ भारी आक्रोश है।

May 5, 2025 - 10:22
 0
Palamu Tragedy: शादी की रात करंट ने छीन ली पिता-पुत्र की ज़िंदगी!
Palamu Tragedy: शादी की रात करंट ने छीन ली पिता-पुत्र की ज़िंदगी!

झारखंड के पलामू जिले का एक गांव जहां आज शादी की शहनाइयां बजनी थीं, वहां सुबह की शुरुआत चीख-पुकार और मातम से हुई। हैदरनगर थाना क्षेत्र के कुसमनिया में रविवार रात एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें बाइक सवार पिता-पुत्र की करंट की चपेट में आने से मौत हो गई। बिंदु मेहता (45 वर्ष) और उनके बेटे विपिन मेहता (22 वर्ष) की यह मौत सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि एक प्रशासनिक लापरवाही की कड़वी कहानी बन गई है।

शादी की रात बदल गई मातम में

बिंदु मेहता के घर रविवार को हल्दी की रस्म चल रही थी। उनकी भतीजी की शादी थी, घर में रंग-बिरंगी सजावट और ढोल-नगाड़ों की आवाज़ गूंज रही थी। लेकिन रात करीब 9:30 बजे जनरेटर का तेल खत्म होने के कारण बिंदु अपने बेटे के साथ डीजल लेने निकले। बाइक से पेट्रोल पंप की ओर बढ़ते हुए जब वे कुसमनिया के मुख्य नहर पुल के पास पहुंचे, तो सड़क पर गिरे 11 हजार वोल्ट के तार की चपेट में आ गए। नतीजा यह हुआ कि मौके पर ही दोनों की मौत हो गई और उनकी बाइक भी जलकर राख हो गई।

तूफान के बाद भी नहीं हुआ बिजली तारों का निरीक्षण

इस दुर्घटना ने यह भी उजागर किया कि किस तरह से आंधी-तूफान के बाद बिजली विभाग की लापरवाही जानलेवा साबित होती है। पंचायत के मुखिया जितेंद्र कुमार ने बताया कि शनिवार को आई तेज आंधी में 11 हजार वोल्ट का तार टूट कर सड़क पर गिर गया था। लेकिन इसके बावजूद बिजली विभाग के किसी भी अधिकारी या कर्मी ने मौके का निरीक्षण नहीं किया। इसी टूटी हुई तार ने बिंदु और विपिन की जान ले ली।

देर रात नहीं लौटे तो शुरू हुई खोजबीन

रातभर परिजन दोनों का इंतजार करते रहे। जब वे देर तक नहीं लौटे और फोन भी नहीं उठा रहे थे, तो परिवारवालों को चिंता हुई। सुबह 4:30 बजे गांव के कुछ राहगीरों ने बताया कि दो लोग नहर के पास करंट की चपेट में आकर मारे गए हैं। जब परिजन वहां पहुंचे, तो उनकी आंखों के सामने बिंदु और विपिन की जली हुई लाशें थीं। शादी की तैयारी में डूबा पूरा घर पलभर में शोकसभा में बदल गया।

बिजली विभाग के खिलाफ लोगों में गुस्सा

घटना के बाद पूरे इलाके में आक्रोश है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर बिजली विभाग ने समय रहते गिरे हुए तारों की मरम्मत कर दी होती, तो यह हादसा नहीं होता। यह कोई प्राकृतिक आपदा नहीं, बल्कि एक "सरकारी लापरवाही" की मार है। ग्रामीणों ने विभागीय अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है और मुआवज़े की मांग भी उठ रही है।

इतिहास दोहराता है—बिजली से मौत का सिलसिला थमा नहीं

झारखंड और बिहार में पिछले कुछ वर्षों में हाई वोल्टेज बिजली तारों के कारण सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है। कई बार ऐसे हादसे ग्रामीण इलाकों में होते हैं जहां टूटे हुए तारों की सूचना देने के बाद भी कार्रवाई में देरी होती है। एक तरफ जहां "डिजिटल इंडिया" की बात होती है, वहीं दूसरी तरफ आज भी गांवों में बिजली की लापरवाही से जिंदगियां खत्म हो रही हैं।


एक पिता जो अपने घर की खुशियों के लिए निकला था, और उसका बेटा जो उस खुशी में हाथ बंटा रहा था—दोनों ने एक ऐसी गलती की कीमत चुकाई, जो उनकी नहीं थी। अब सवाल ये है कि क्या प्रशासन इस बार नींद से जागेगा या अगली बार फिर कोई और बिंदु और विपिन इसी लापरवाही का शिकार होंगे?

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।