Jharkhand Exam Scam: झारखंड इंटर परीक्षा में बड़ा फर्जीवाड़ा, दोस्त के नाम पर लिख रहा था परीक्षा, लेकिन महाकुंभ ने खोल दी पोल!

झारखंड जैक बोर्ड परीक्षा में फर्जी परीक्षार्थी पकड़ा गया! दोस्त की जगह परीक्षा देने पहुंचा युवक, असली छात्र महाकुंभ में स्नान कर रहा था। जानें पूरा मामला।

Feb 17, 2025 - 15:40
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Jharkhand Exam Scam: झारखंड इंटर परीक्षा में बड़ा फर्जीवाड़ा, दोस्त के नाम पर लिख रहा था परीक्षा, लेकिन महाकुंभ ने खोल दी पोल!
Jharkhand Exam Scam: झारखंड इंटर परीक्षा में बड़ा फर्जीवाड़ा, दोस्त के नाम पर लिख रहा था परीक्षा, लेकिन महाकुंभ ने खोल दी पोल!

झारखंड में आयोजित जैक बोर्ड इंटरमीडिएट परीक्षा में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। चतरा जिले के टंडवा स्थित वनांचल इंटर कॉलेज में परीक्षा के दौरान एक युवक को फर्जी परीक्षार्थी के रूप में पकड़ा गया। आरोपी युवक की पहचान प्रिंस कुमार (22) निवासी हजारीबाग के जोको गांव के रूप में हुई है, जो अपने दोस्त रोहित कुमार साव की जगह परीक्षा देने पहुंचा था। लेकिन किस्मत ने उसका साथ नहीं दिया और परीक्षा के वीक्षकों ने उसे रंगे हाथ पकड़ लिया।

कैसे पकड़ा गया फर्जी परीक्षार्थी?

शनिवार को जब परीक्षा शुरू हुई, तो वीक्षकों को एक परीक्षार्थी की गतिविधियां संदिग्ध लगीं। गहन जांच के बाद सामने आया कि यह युवक असल में रोहित कुमार साव नहीं, बल्कि उसका दोस्त प्रिंस कुमार था। पूछताछ में आरोपी ने कबूल किया कि वास्तविक परीक्षार्थी इस समय प्रयागराज में महाकुंभ में स्नान करने गया हुआ था और उसने दोस्त से परीक्षा देने की गुजारिश की थी। लेकिन यह चालाकी ज्यादा देर तक नहीं चल सकी और वीक्षकों की सतर्कता के चलते पूरा मामला उजागर हो गया।

इतिहास में भी हुए हैं ऐसे चौंकाने वाले फर्जीवाड़े!

भारत में परीक्षा फर्जीवाड़ा कोई नया मामला नहीं है। इतिहास में कई बार ऐसी घटनाएं दर्ज की गई हैं, जहां छात्र अपने स्थान पर किसी और को परीक्षा में बैठाते पाए गए हैं। बिहार के 1979 और 1996 के बोर्ड परीक्षा घोटाले से लेकर 2015 के चर्चित "टॉपर घोटाला" तक, भारत की परीक्षा प्रणाली कई बार सवालों के घेरे में रही है। झारखंड का यह ताजा मामला भी इसी कड़ी में जुड़ता नजर आ रहा है।

महाकुंभ बना राज़ खोलने की वजह?

इस परीक्षा फर्जीवाड़े की सबसे दिलचस्प बात यह है कि रोहित कुमार साव के परिवारवालों ने बताया कि वह परीक्षा के समय प्रयागराज में महाकुंभ में स्नान कर रहा था। महाकुंभ भारत का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, जहां लाखों श्रद्धालु गंगा में स्नान के लिए जाते हैं। लेकिन इस महाकुंभ ने एक बड़े फर्जीवाड़े की पोल खोल दी! यदि रोहित प्रयागराज नहीं गया होता, तो शायद यह फर्जीवाड़ा पकड़ में भी नहीं आता।

कैसे होता है परीक्षा फर्जीवाड़ा?

भारत में परीक्षा में नकल और फर्जी परीक्षार्थियों के मामले अक्सर सामने आते हैं। ऐसे मामलों में आमतौर पर तीन तरीके अपनाए जाते हैं:

  1. फोटो बदलकर एडमिट कार्ड बनवाना - कई बार छात्र नकली एडमिट कार्ड तैयार करवाकर किसी और को परीक्षा में बैठा देते हैं।
  2. बाहरी मदद से परीक्षा लिखवाना - कुछ परीक्षार्थी बाहरी लोगों से मदद लेकर परीक्षा हॉल में चीटिंग करते हैं।
  3. दूसरे छात्र को बैठाना - यह सबसे आम तरीका है, जहां दोस्त या रिश्तेदार परीक्षा में बैठकर नकल करते हैं।

पकड़े जाने पर क्या होगा?

झारखंड सरकार परीक्षा में फर्जीवाड़े के मामलों को गंभीरता से ले रही है। झारखंड अधिविद्य परिषद (JAC) के नियमों के अनुसार, फर्जी परीक्षार्थी को नकल और धोखाधड़ी के तहत गिरफ्तार किया गया है। ऐसे मामलों में आमतौर पर 3 से 7 साल की जेल और आर्थिक दंड का प्रावधान होता है।

फर्जी परीक्षार्थी को जेल भेजा गया

पकड़े जाने के बाद वीक्षकों ने तुरंत कॉलेज प्रशासन को सूचना दी और मामले की जांच शुरू हुई। झारखंड पुलिस ने प्रिंस कुमार को गिरफ्तार कर लिया और उसे जेल भेज दिया गया है। इस मामले में रोहित कुमार साव की भी भूमिका की जांच की जा रही है, क्योंकि परीक्षा में फर्जीवाड़ा करवाने के लिए उसे भी आरोपी बनाया जा सकता है।

परीक्षा प्रणाली में बदलाव की जरूरत

इस घटना ने एक बार फिर भारतीय शिक्षा प्रणाली की खामियों को उजागर किया है। परीक्षा में फर्जीवाड़े को रोकने के लिए सरकार को कड़े कदम उठाने की जरूरत है। परीक्षा हॉल में बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन, CCTV निगरानी और QR कोड आधारित एडमिट कार्ड जैसी तकनीकों को अपनाने से ऐसे मामलों पर रोक लगाई जा सकती है।

झारखंड के इस मामले ने शिक्षा क्षेत्र में मौजूद गंभीर समस्याओं को फिर से सामने ला दिया है। एक छात्र अपने दोस्त को परीक्षा में बैठा सकता है, तो यह शिक्षा प्रणाली की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े करता है। इस फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद उम्मीद की जा रही है कि झारखंड सरकार परीक्षा प्रणाली को और अधिक सख्त बनाएगी, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हो सकें।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।