Jharkhand Bihar Crime : अपहरण के आरोप में बेंदगी के पूर्व मुखिया गिरफ्तार, पोकलेन मशीन बना सबूत

बिहार पुलिस ने बेंदगी के पूर्व मुखिया दिनेश कुमार साव को अपहरण के आरोप में गिरफ्तार किया। पोकलेन मशीन के ऑपरेटर के गायब होने से जुड़ा मामला। जानें पूरी कहानी और चौंकाने वाले खुलासे।

Dec 21, 2024 - 09:44
Dec 21, 2024 - 09:46
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Jharkhand Bihar Crime : अपहरण के आरोप में बेंदगी के पूर्व मुखिया गिरफ्तार, पोकलेन मशीन बना सबूत
Jharkhand Bihar Crime : अपहरण के आरोप में बेंदगी के पूर्व मुखिया गिरफ्तार, पोकलेन मशीन बना सबूत

बिहार पुलिस ने हाल ही में झारखंड के बेंदगी क्षेत्र के पूर्व मुखिया दिनेश कुमार साव को एक सनसनीखेज अपहरण मामले में गिरफ्तार किया है। यह मामला न सिर्फ झारखंड और बिहार के बीच जुड़ा है, बल्कि इसमें पोकलेन मशीन जैसे सबूत ने केस को और पेचीदा बना दिया है।

क्या है मामला?

दरभंगा के केवटी थाना क्षेत्र के दुबे राम ने फरवरी 2024 में अपने बेटे जितेंद्र कुमार के गायब होने की शिकायत दर्ज कराई थी। जितेंद्र, जो एक पोकलेन मशीन ऑपरेटर के रूप में काम करता था, अचानक लापता हो गया। यह पोकलेन मशीन दिनेश कुमार साव की थी, जो बिहार में काम कर रही थी।

जितेंद्र के पिता ने आरोप लगाया कि उनके बेटे को दिनेश कुमार साव और उसके सहयोगियों ने गायब किया है। इस मामले में बिहार पुलिस ने गहन जांच की और साक्ष्यों के आधार पर दिनेश कुमार साव को गिरफ्तार किया।

पोकलेन मशीन कैसे बना सबूत?

दिनेश कुमार साव की पोकलेन मशीन, जिसमें जितेंद्र काम करता था, गायब होने के मामले में एक महत्वपूर्ण सुराग बन गई। पुलिस ने जांच के दौरान पाया कि पोकलेन मशीन बिहार में काम कर रही थी, और जितेंद्र के आखिरी लोकेशन का संबंध भी इसी क्षेत्र से था।

गिरफ्तारी कैसे हुई?

बिहार पुलिस की टीम झारखंड के बरही पहुंची और सावधानीपूर्वक पूर्व मुखिया दिनेश कुमार साव को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बताया कि उनके पास पर्याप्त सबूत हैं जो इस मामले में दिनेश की संलिप्तता की पुष्टि करते हैं।

क्या कहते हैं परिजन?

जितेंद्र के पिता दुबे राम का कहना है कि उनके बेटे को साजिश के तहत गायब किया गया है। उन्होंने पुलिस से अपील की है कि जल्द से जल्द उनके बेटे को ढूंढा जाए और दोषियों को सजा मिले।

पूर्व मुखिया का बचाव

दिनेश कुमार साव ने अपनी गिरफ्तारी के बाद खुद को निर्दोष बताया है। उनका कहना है कि पोकलेन मशीन का संचालन और जितेंद्र की गायब होने की घटना से उनका कोई संबंध नहीं है।

ऐसा पहली बार नहीं हुआ

झारखंड और बिहार के सीमावर्ती इलाकों में इस तरह के अपराध पहले भी सामने आ चुके हैं। दोनों राज्यों के बीच राजनीतिक और आपराधिक मामलों का एक लंबा इतिहास रहा है।

पुलिस की कार्रवाई और आगे का कदम

बिहार पुलिस ने कहा है कि जितेंद्र की तलाश जारी है और जल्द ही इस मामले में अन्य संदिग्धों को भी गिरफ्तार किया जाएगा। पुलिस का मानना है कि इस केस के पीछे संगठित अपराधियों का हाथ हो सकता है।

समाज को सीखने की जरूरत

यह घटना न सिर्फ पुलिस की सतर्कता को चुनौती देती है, बल्कि समाज को भी सिखाती है कि ऐसे मामलों में जागरूक रहना कितना जरूरी है।

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