चाकुलिया में ग्राम प्रधानों का जोरदार प्रदर्शन, 23 सूत्री मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन

चाकुलिया में पारंपरिक ग्राम प्रधान संघ के बैनर तले ग्राम प्रधानों ने 23 सूत्री मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया और प्रखंड कार्यालय में धरना देकर ज्ञापन सौंपा। जानें उनकी मुख्य मांगें।

Aug 31, 2024 - 14:08
Aug 31, 2024 - 14:12
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चाकुलिया में ग्राम प्रधानों का जोरदार प्रदर्शन, 23 सूत्री मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन
चाकुलिया में ग्राम प्रधानों का जोरदार प्रदर्शन, 23 सूत्री मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन

चाकुलिया में शनिवार को पारंपरिक ग्राम प्रधान संघ के बैनर तले ग्राम प्रधानों ने अपनी 23 सूत्री मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। ग्राम प्रधानों ने जिला परिषद के डाक बंगला परिसर से एक जुलूस निकाला, जो मुख्य सड़कों से होते हुए प्रखंड मुख्यालय पहुंचा और धरना प्रदर्शन में तब्दील हो गया।

इस जुलूस का नेतृत्व संघ के संरक्षक कोकिल चंद्र महतो, अध्यक्ष अरुण कुमार बारिक, उपाध्यक्ष गोपबंधु मिश्रा, लक्ष्मण सोरेन, सचिव मनींद्र नाथ महतो, सह सचिव रतनलाल किस्कू और कोषाध्यक्ष गिरीश चंद्र महतो ने किया। धरना प्रदर्शन के बाद, एक प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री के नाम प्रखंड विकास पदाधिकारी आरती मुंडा और अंचल अधिकारी उपेंद्र कुमार को ज्ञापन सौंपा।

प्रदर्शन के मुख्य बिंदु और मांगें:

प्रदर्शन में ग्राम प्रधानों ने अपनी विभिन्न मांगों को प्रमुखता से रखा। सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि:

  1. मोटरसाइकिल की मांग: सरकार की पूर्व में की गई घोषणा के अनुसार, ग्राम प्रधानों को अविलंब मोटरसाइकिल प्रदान की जाए ताकि वे अपने कर्तव्यों का पालन अधिक सुगमता से कर सकें।

  2. सम्मान राशि में समानता: ग्राम प्रधान और ग्राम सभा ग्राम प्रधान के लिए सम्मान राशि को समान रूप से दिया जाए। इसके साथ ही, पूर्वी सिंहभूम के बाकुआ को भी यह सम्मान राशि दी जाए।

  3. ग्राम सभा फंड की बहाली: ग्राम सभा फंड को पुनः चालू किया जाए ताकि ग्राम सभाएं स्वतंत्र रूप से विकास योजनाओं पर काम कर सकें।

  4. मासिक बैठक और समीक्षा: प्रखंड स्तर पर ग्राम प्रधानों की मासिक बैठक आयोजित कर सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी जाए और उनकी समीक्षा की जाए।

  5. विकास योजनाओं में प्राथमिकता: ग्राम सभा में पारित योजनाओं को विधायक निधि, सांसद निधि सहित सभी योजनाओं में प्राथमिकता दी जाए।

  6. गुणवत्ता और सत्यापन: विकास योजनाओं की कार्यपूर्णता और गुणवत्ता की सत्यापन ग्राम सभा से कराया जाए ताकि पारदर्शिता और जिम्मेदारी सुनिश्चित हो सके।

ग्राम प्रधानों का कहना है कि सरकार ने इन मुद्दों पर लंबे समय से ध्यान नहीं दिया है, जिससे वे अपने गांवों के विकास के लिए जरूरी संसाधनों और सुविधाओं से वंचित रह गए हैं। ग्राम प्रधानों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं की गईं, तो वे और भी बड़ा आंदोलन करेंगे।

धरना प्रदर्शन के दौरान ग्राम प्रधानों ने सरकार से अपील की कि वे जल्द से जल्द उनकी मांगों पर विचार करें और उन्हें पूरा करें ताकि ग्रामीण क्षेत्रों का समग्र विकास हो सके और स्थानीय प्रशासन की कार्यक्षमता में सुधार हो।

सरकार की प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा:

फिलहाल, सरकार की ओर से इस ज्ञापन पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। ग्रामीण विकास के इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर सभी की नजरें अब सरकार की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं। क्या सरकार ग्राम प्रधानों की मांगों को पूरा करेगी, या आने वाले दिनों में यह आंदोलन और तेज होगा? यह देखना दिलचस्प होगा।

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Chandna Keshri चंदना केशरी, जो गणित-विज्ञान में इंटरमीडिएट हैं, स्थानीय खबरों और सामाजिक गतिविधियों में निपुण हैं।