दीपावली पर शहीदों के परिवारों से मिलने पहुंचे पूर्व सैनिक: अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद का अनोखा अंदाज
दीपावली पर अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद ने शहीदों के परिवारों से मिलकर दीपोत्सव की खुशियां बांटी। शहीदों के परिजनों से मिलकर उनके योगदान का सम्मान किया। जानें, इस खास मौके पर पूर्व सैनिकों का क्या संदेश था।
जमशेदपुर में दीपावली का पर्व इस बार एक खास और अनोखे अंदाज में मनाया गया। अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद के प्रतिनिधियों ने वीर शहीदों के परिवारों से मुलाकात कर इस त्यौहार की खुशियां उनके साथ साझा कीं। पूर्व सैनिकों का यह अनोखा प्रयास न केवल दीपावली की खुशियां बांटने का था, बल्कि शहीदों के परिवारों के प्रति आदर और सम्मान प्रकट करने का भी था, जिन्होंने देश की रक्षा में अपने प्रियजनों को खो दिया है।
संघर्ष और बलिदान की याद में दीपावली
अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद के प्रतिनिधिगण अपने-अपने क्षेत्रों के शहीदों के परिजनों से मिलने उनके घर पहुंचे और उन्हें दीपावली की शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर उन्होंने न केवल मिठाई और उपहार देकर खुशियां बांटीं बल्कि उनकी समस्याओं का हालचाल भी जाना। यह त्यौहार शहीदों के परिवारों के लिए एक खास मायने रखता है, क्योंकि इन परिवारों ने हमेशा समाज की सुरक्षा के लिए अपने सबसे प्यारे सदस्यों को समर्पित किया है।
जमशेदपुर के बिष्टुपुर में शहीद मनोज कुमार के परिवार से मुलाकात के दौरान पूर्व सैनिकों ने उनकी पत्नी सुनिता शर्मा को अंगवस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया। इसी प्रकार, अन्य शहीदों के परिजनों जैसे कि श्रीमती जगमाया देवी, श्रीमती दुर्गावती देवी, शहीद मनोरंजन कुमार के पिता नायब सूबेदार नवीन कुमार, हवलदार राजेंद्र शर्मा, हवलदार राम लखन ठाकुर के घर पहुंचकर दीपावली की खुशियां बांटी गईं।
एक अनोखी पहल: दीपोत्सव के रंगों में शहीद परिवारों के चेहरे पर मुस्कान
पूर्व सैनिकों ने शहीदों के परिवारों को यह संदेश दिया कि उनके त्याग और बलिदान का सम्मान कभी कम नहीं होगा। उनके अनुसार, इस तरह के मिलन का उद्देश्य शहीद परिवारों के दिलों में यह विश्वास दिलाना है कि उनके प्रियजनों का योगदान हमेशा याद रखा जाएगा। इस मुलाकात के दौरान पूर्व सैनिकों ने सभी जिला वासियों को दीपावली की शुभकामनाएं दीं और अपील की कि वे भी इस त्यौहार को सौहार्द्रपूर्ण वातावरण में मनाएं।
शहीदों के योगदान का अद्वितीय सम्मान
पूर्व सैनिकों का कहना था कि दीपावली का असली अर्थ तभी है जब यह सभी को खुशियों का अनुभव दे सके, खासकर उन लोगों को जिन्होंने अपने परिवार से बड़ा देश को माना। उन्होंने शहीदों के परिवारों को आश्वस्त किया कि उनका यह प्रयास सिर्फ दीपावली तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक दीर्घकालिक प्रथा होगी जिसमें वे नियमित रूप से शहीदों के परिवारों से मिलते रहेंगे।
समाज में अनोखे त्याग और वीरता के लिए एक संकल्प
अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद के प्रतिनिधियों में संगठन मंत्री सिद्धनाथ सिंह, वरिष्ठ सदस्य एसके सिंह, अवधेश कुमार, कुंदन सिंह, वरुण कुमार, मनोज सिंह, संजय सिंह, शैलेश सिंह, बी अन यादव और आरपी ठाकुर जैसे लोग शामिल थे। सभी ने शहीद परिवारों को हरसंभव मदद का आश्वासन भी दिया और उन्हें बताया कि उनके त्याग का समाज में एक अहम स्थान है।
इस प्रकार, दीपावली का पर्व इस बार जमशेदपुर के शहीदों के परिवारों के लिए खास था, जहां उनके बलिदानों का न केवल सम्मान हुआ बल्कि उन्हें यह महसूस कराया गया कि वे कभी अकेले नहीं हैं। यह पहल समाज को भी प्रेरित करती है कि हमें हमेशा उन लोगों के साथ खड़ा रहना चाहिए जिन्होंने देश के लिए अपनी जान दी है।
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