Latehar Fire : लातेहार अस्पताल में शॉर्ट सर्किट से लगी आग, बड़े हादसे से टला
झारखंड के लातेहार जिले के सदर अस्पताल में ममता वाहन सेल में शॉर्ट सर्किट के कारण आग लग गई। अस्पताल कर्मियों की तत्परता से समय रहते आग पर काबू पा लिया गया और बड़ा नुकसान टल गया।

Latehar Fire : झारखंड के लातेहार जिले में मंगलवार को सदर अस्पताल के ममता वाहन सेल में अचानक आग लगने से अफरा-तफरी मच गई। घटना के वक्त वहां मौजूद कर्मचारी और अस्पताल कर्मी घबरा गए, लेकिन उनकी सक्रियता और तत्परता ने बड़ी त्रासदी को टाल दिया।
कैसे हुआ हादसा
जानकारी के अनुसार, ममता वाहन सेल के कॉल सेंटर में एक कर्मचारी ने जैसे ही पंखा चालू किया, उसमें शॉर्ट सर्किट हो गया। अचानक निकलती आग की लपटों ने पूरे कॉल सेंटर में हड़कंप मचा दिया। कर्मचारी और मरीजों के संपर्क में आए लोग घबरा गए, लेकिन अस्पताल स्टाफ ने तुरंत आग बुझाने के प्रयास शुरू कर दिए।
सिविल सर्जन डॉ. राजमोहन खलखो ने पुष्टि करते हुए बताया कि “हमें आग लगने की सूचना मिली और अस्पताल के कर्मियों ने समय रहते आग पर नियंत्रण पा लिया। इस कारण कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ। मैं उनके प्रयासों की सराहना करता हूँ।”
अस्पताल की तैयारी और सक्रियता
यह घटना साबित करती है कि आपातकालीन परिस्थितियों में तत्परता कितनी महत्वपूर्ण होती है। अस्पताल में मौजूद फायर सेफ्टी उपकरण और प्रशिक्षित कर्मियों ने आग को फैलने से रोक दिया। कॉल सेंटर के कर्मचारियों ने भी घबराए बिना, अपने अनुभव के अनुसार आग को नियंत्रित करने में मदद की।
विशेषज्ञों का मानना है कि अस्पताल जैसे संवेदनशील स्थानों पर विद्युत उपकरणों की नियमित जांच और रखरखाव बेहद जरूरी है। शॉर्ट सर्किट जैसी घटनाओं के लिए फायर अलार्म और अग्निशमन यंत्र समय पर कार्य करना जीवन और संपत्ति दोनों की सुरक्षा के लिए अहम है।
इतिहास में हुई इसी तरह की घटनाएं
झारखंड में बीते वर्षों में कई सरकारी और निजी संस्थानों में शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगने की घटनाएं हुई हैं। इनमें से कुछ में बड़ा जनहानि भी हुई। लातेहार सदर अस्पताल की इस घटना में कर्मियों की तत्परता ने अन्य जिलों के अस्पतालों के लिए एक सुरक्षा मॉडल प्रस्तुत किया है।
पिछले कुछ सालों में राज्य सरकार ने अस्पतालों और सार्वजनिक स्थानों में फायर सेफ्टी प्रोटोकॉल लागू किए हैं। इसमें आग बुझाने के यंत्र, फायर एग्जिट, और कर्मचारियों का प्रशिक्षण शामिल है। यही वजह है कि लातेहार हादसे में कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ।
स्थानीय लोगों और अधिकारियों की प्रतिक्रिया
स्थानीय लोगों ने कहा कि यह एक सतर्कता का उदाहरण है। कई लोग सोशल मीडिया पर अस्पताल कर्मचारियों की तारीफ कर रहे हैं। प्रशासन ने भी अस्पताल में सुरक्षा मानकों और आपातकालीन प्रोटोकॉल की समीक्षा करने का आदेश दिया है।
सिविल सर्जन ने कहा कि आगे ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए नियमित ऑडिट और विद्युत उपकरणों की जांच आवश्यक है। अस्पताल प्रशासन ने भी सभी विभागों को अलर्ट किया है और आवश्यक सुधारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं।
Latehar Fire घटना ने यह स्पष्ट किया कि छोटे हादसे भी बड़े नुकसान में बदल सकते हैं। हालांकि इस बार अस्पताल कर्मियों की तत्परता और समय पर कार्रवाई ने बड़ी त्रासदी को टाल दिया।
यह घटना सावधानी और तैयारी का उदाहरण है, जिसे राज्य भर के अस्पताल और सार्वजनिक संस्थान सीख सकते हैं। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए फायर अलार्म, शॉर्ट सर्किट रोकने वाले उपकरण और कर्मचारियों का नियमित प्रशिक्षण बेहद जरूरी है।
लातेहार सदर अस्पताल की इस घटना ने सबको यह याद दिलाया कि सुरक्षा की सतर्कता और त्वरित प्रतिक्रिया ही जीवन और संपत्ति की रक्षा कर सकती है।
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