Rajasthan Bus Accident : टोंक-सवाईमाधोपुर हाईवे पर बस पलटी, 38 यात्री घायल, भगवान का शुक्र
टोंक-सवाईमाधोपुर हाईवे पर यात्रियों से भरी रोडवेज बस अनियंत्रित होकर खाई में पलट गई। हादसे में 38 यात्री घायल हुए, लेकिन किसी की मौत नहीं हुई। प्रशासन और स्थानीय लोगों ने तेजी से घायलों को अस्पताल पहुंचाया।

राजस्थान के टोंक जिले में मंगलवार सुबह एक बड़ा सड़क हादसा हुआ, जिसने इलाके में हड़कंप मचा दिया। टोंक-सवाईमाधोपुर हाईवे-116 पर यात्रियों से भरी रोडवेज बस अनियंत्रित होकर गहरी खाई में पलट गई। यह बस सवाईमाधोपुर डिपो की थी और जयपुर जा रही थी। हादसे में करीब 38 यात्री घायल हुए, जिनमें दो बच्चे भी शामिल हैं। गनीमत रही कि किसी की मौत नहीं हुई।
हादसे का दृश्य
सदर थाना क्षेत्र के तारण गांव के पास अचानक बस का टायर फटने से यह भयावह हादसा हुआ। बस चालक घनश्याम ने बताया कि “सब कुछ सामान्य चल रहा था, लेकिन अचानक टायर फट गया और बस अनियंत्रित होकर खाई में पलट गई।” बस परिचालक गिर्राज प्रसाद मीना ने भी कहा कि “बस में लगभग 45 यात्री सवार थे। हादसा इतना तेज था कि किसी को संभलने का मौका नहीं मिला।”
घटना के तुरंत बाद आसपास के ग्रामीण घटनास्थल पर पहुंचे और घायलों को निकालने में मदद की। सदर थानाधिकारी जयमल सिंह और उनकी टीम ने मौके पर पहुंचकर राहत कार्य में हाथ बंटाया।
अस्पताल में त्वरित इलाज
घायलों को तुरंत सआदत अस्पताल पहुंचाया गया। अस्पताल प्रभारी नविंद्र पाठक ने बताया कि सुबह 8.30 बजे हादसे की सूचना मिलते ही पूरे स्टाफ को अलर्ट किया गया और सभी घायलों का तुरंत उपचार शुरू किया गया। अब तक सभी की हालत स्थिर है। डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ की तत्परता ने बड़ी तबाही को टालने में मदद की।
पूर्व विधायक अजीत सिंह मेहता और भाजपा जिलाध्यक्ष चंद्रवीर सिंह चौहान भी अस्पताल पहुंचे। उन्होंने घायलों से मुलाकात की और कहा कि “भगवान की कृपा है कि इतनी बड़ी दुर्घटना के बाद भी किसी की जान नहीं गई।”
यात्रियों के अनुभव
यात्रियों ने बताया कि हादसा अचानक हुआ और कोई भी समय रहते प्रतिक्रिया नहीं कर पाया। वंशिका शर्मा ने कहा, “बस पलटते ही डर और हड़बड़ी का माहौल बन गया, लेकिन शुक्र है कि सबको चोटें लगीं, मौत नहीं हुई।” धर्मराज ने भी इस हादसे को भगवान की रहम बताया।
सड़क हादसों का इतिहास और सुरक्षा की चुनौती
टोंक-सवाईमाधोपुर हाईवे पर यह पहला गंभीर हादसा नहीं है। पिछले कुछ वर्षों में इस हाईवे पर तेज रफ्तार और रखरखाव की कमी के कारण कई दुर्घटनाएँ हो चुकी हैं। राजस्थान सरकार और प्रशासन ने समय-समय पर सड़क सुरक्षा के लिए चेतावनी जारी की है, लेकिन रोडवेज बसों में सुरक्षा मानकों की नियमित जांच की आवश्यकता पर अब और जोर देने की जरूरत है।
विशेषज्ञों का मानना है कि टायर फटने और वाहन की गति अधिक होने की वजह से हादसे की गंभीरता बढ़ जाती है। यात्रियों को हमेशा सीट बेल्ट पहनने और अपने सुरक्षा उपाय अपनाने की सलाह दी जाती है।
प्रशासन और ग्रामीणों की भूमिका
इस हादसे में प्रशासन और स्थानीय लोगों की तीव्र प्रतिक्रिया ने कई जानें बचाईं। स्थानीय ग्रामीणों ने अपनी जान की परवाह किए बिना घायलों को बस से बाहर निकालने में मदद की। यह घटना एक बार फिर याद दिलाती है कि सड़क सुरक्षा और सामूहिक प्रयास कितना महत्वपूर्ण है।
Tonk Accident ने एक बार फिर यह दिखाया कि दुर्घटनाओं की अनहोनी स्थिति में तत्काल राहत और अस्पताल की तैयारी कितनी महत्वपूर्ण होती है। प्रशासन की तत्परता और स्थानीय लोगों की मदद से बड़ी त्रासदी टली। अब टोंक-सवाईमाधोपुर हाईवे पर बसों की सुरक्षा और सड़क रखरखाव पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
यह हादसा यात्रियों और सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए सुरक्षा चेतावनी बन गया है।
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