Jharkhand Weather: अलविदा मानसून! झारखंड में मौसम का बदला मिजाज, 24 घंटे में विदाई की घोषणा, लातेहार में सर्दी की दस्तक और आगे के 15 दिनों का पूर्वानुमान
झारखंड में मानसून अपने अंतिम चरण में है और अगले 24 घंटे में पूरी तरह से विदाई ले सकता है। लातेहार में न्यूनतम तापमान 18.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग ने अगले दो सप्ताह में ठंड बढ़ने और बारिश कम होने की संभावना जताई है।
झारखंड का मौसम इस समय एक दिलचस्प बदलाव के दौर से गुजर रहा है। एक तरफ जहां दोपहर में तेज धूप और गर्म मौसम पसीने छुड़ा रहा है, वहीं दूसरी तरफ सुबह-शाम की हल्की ठिठुरन और ओस की बूंदें सर्दी के आगमन का संकेत दे रही हैं। मानसून, जो भारतीय अर्थव्यवस्था और कृषि के लिए इतिहास में सदैव महत्वपूर्ण रहा है, अब झारखंड से अपनी अंतिम विदाई की कगार पर है। मौसम विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि अगले 24 घंटे में मानसून झारखंड को अलविदा कह सकता है, जिसके बाद राज्य पूरी तरह से सर्दी के स्वागत की तैयारी शुरू कर देगा।
लातेहार सबसे ठंडा, गोड्डा सबसे गर्म
झारखंड में ठंड की दस्तक का पहला स्पष्ट संकेत लातेहार जिले से मिला है।
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सबसे कम तापमान: लातेहार जिले में राज्य का सबसे कम न्यूनतम तापमान 18.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह आंकड़ा दिखाता है कि पहाड़ी और वन क्षेत्रों में रात और सुबह के समय सर्दी शुरू हो चुकी है।
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गर्मी का अहसास: वहीं, गोड्डा जिले में अधिकतम तापमान 34.4 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो राज्य में सबसे अधिक रहा। यह दोहरे मौसम के मिजाज को दर्शाता है।
विदाई से पहले पलामू में सर्वाधिक वर्षा
मानसून ने विदाई से पहले भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। शुक्रवार को झारखंड के पलामू जिले में सबसे अधिक 20 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई, जहां दिनभर रुक-रुककर वर्षा होती रही। इसके विपरीत, राजधानी रांची में मौसम साफ रहा और तेज धूप चटकी रही।
अच्छी खबर यह है कि 1 अक्टूबर से 9 अक्टूबर 2025 तक झारखंड में सामान्य से 75 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है (कुल 66.7 मिमी बनाम सामान्य 38.0 मिमी)।
अगले दो हफ्तों का अनुमान: शुष्क और ठंडा
रांची स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, अगले दो सप्ताह झारखंड के मौसम को पूरी तरह से बदल देंगे।
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10 से 16 अक्टूबर: इस सप्ताह की शुरुआत में कुछ स्थानों पर गरज-चमक के साथ हल्की वर्षा हो सकती है, लेकिन सप्ताह के अंत में मौसम शुष्क हो जाएगा। सामान्य से कम वर्षा की संभावना है।
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17 से 23 अक्टूबर: यह अवधि पूरी तरह से शुष्क रहेगी। वर्षा की संभावना न्यूनतम है। इस दौरान तापमान में बड़ी गिरावट देखी जाएगी, जिससे सर्द हवाओं और हल्की ओस का प्रभाव स्पष्ट होने लगेगा।
मौसम में इस बदलाव को देखते हुए खासकर बच्चों और बुजुर्गों को सुबह और रात के समय हल्की ठंड से बचाव के उपाय करने की आवश्यकता होगी। किसान समुदाय को भी अब मानसून की विदाई के अनुसार अपनी फसलों के सिंचाई और देखभाल की रणनीति बदलनी होगी।
आपकी राय में, झारखंड में ठंड के आगमन के साथ ही किसानों को अपनी खरीफ और रबी की फसलों के लिए कौन से दो सबसे महत्वपूर्ण कृषि संबंधी बदलाव करने चाहिए?
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