Dhanbad Blaze: मंदिर में भयंकर आग! झरिया के सैकड़ों साल पुराने मां मंगल चंडी मंदिर पर कहर, बजरंगबली और शिव मंदिर को नुकसान, 2 लाख से अधिक का नुकसान
धनबाद के झरिया चार नंबर टैक्सी स्टैंड के पास स्थित सैकड़ों साल पुराना मां मंगल चंडी मंदिर शनिवार सुबह भीषण आग की चपेट में आ गया। आग पूजा समिति के कार्यालय से शुरू होकर मंदिर तक पहुंची। स्थानीय लोगों की मदद से आग पर काबू पाया गया। शॉर्ट सर्किट की आशंका है।
झारखंड के धनबाद जिले के झरिया इलाके से शनिवार की सुबह एक चिंताजनक खबर आई, जहां सैकड़ों साल पुराना और स्थानीय लोगों की आस्था का केंद्र मां मंगल चंडी मंदिर भीषण आग की चपेट में आ गया। झरिया चार नंबर टैक्सी स्टैंड के पास स्थित इस मंदिर में सुबह-सुबह आग लगने से इलाके में अफरा-तफरी मच गई। मंदिर की यह विरासत उस समय अग्नि की लपटों में घिर गई जब यहां श्रद्धालुओं की भीड़ जुटना शुरू होती है।
झरिया, जो अपने ऐतिहासिक कोयला खनन और पुरानी बस्तियों के लिए जाना जाता है, वहां यह मंदिर कई पीढ़ियों से पूजा और विश्वास का प्रतीक रहा है। ऐसे पवित्र स्थल पर हुई इस घटना ने केवल भौतिक नुकसान नहीं किया है, बल्कि स्थानीय लोगों की आस्था को भी आहत किया है।
पूजा समिति कार्यालय से फैली आग
पुजारी ने बताया कि आग की शुरुआत मंदिर के मुख्य परिसर से नहीं, बल्कि बगल में स्थित पूजा समिति के कार्यालय से हुई।
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कपड़ों में पकड़ी आग: कार्यालय में बड़ी मात्रा में कपड़े रखे हुए थे, संभवतः इन्हीं कपड़ों ने सबसे पहले आग पकड़ी। आशंका है कि यहीं से आग वेंटिलेटर के माध्यम से फैलकर तेजी से मंदिर परिसर तक पहुंच गई।
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तत्काल कार्रवाई: स्थानीय लोगों ने जैसे ही मंदिर से धुआं उठता देखा, वे शोर मचाते हुए मौके पर इकट्ठा हो गए। झरिया पुलिस को तुरंत सूचना दी गई और पुलिस ने फायर ब्रिगेड को जानकारी दी।
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स्थानीय लोगों ने बचाया: सबसे बड़ी राहत की बात यह रही कि फायर ब्रिगेड के पहुँचने से पहले ही, स्थानीय लोगों और मंदिर समिति के सदस्यों ने अपनी जान की परवाह न करते हुए मिलकर आग पर सफलतापूर्वक काबू पा लिया।
बजरंगबली और शिव मंदिर को नुकसान
इस अग्निकांड से मुख्य मंदिर को तो बचा लिया गया, लेकिन परिसर में स्थित अन्य देवताओं के मंदिरों को भारी नुकसान पहुंचा है।
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क्षतिग्रस्त सामग्री: आग की चपेट में आने से मंदिर परिसर में स्थित बजरंगबली और भगवान शिव के मंदिरों को काफी नुकसान हुआ। टाइल्स, बिजली की वायरिंग, पंखे, बल्ब समेत कुछ मूर्तियां भी क्षतिग्रस्त हुई हैं।
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डेकोरेटर का नुकसान: बगल के दुर्गा भवन रूम में रखे डेकोरेटर के तिरुपाल, बांस और कपड़े जैसे सामान भी जलकर राख हो गए।
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2 लाख से अधिक का नुकसान: पुजारी ने प्राथमिक आकलन में बताया कि इस हादसे में लगभग दो से तीन लाख रुपये का नुकसान हुआ है। आग लगने का सटीक कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है, लेकिन प्राथमिक दृष्टया शॉर्ट सर्किट की आशंका जताई जा रही है।
पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और बिजली विभाग के विशेषज्ञों की मदद से आग लगने के सटीक कारण का पता लगाया जाएगा।
आपकी राय में, सैकड़ों साल पुराने धार्मिक स्थलों को अग्निकांड जैसी घटनाओं से बचाने और ऐतिहासिक संरचनाओं की सुरक्षा के लिए मंदिर समिति और प्रशासन को कौन से दो अत्याधुनिक सुरक्षा उपाय करने चाहिए?
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