झारखंड सरकार की देर रात की कार्रवाई: चंपई सोरेन और उनके बेटे की सुरक्षा हटाई, ग्रामीणों ने संभाली जिम्मेदारी
झारखंड सरकार ने देर रात राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन और उनके बेटे बाबूलाल सोरेन की सुरक्षा हटा दी। इस कदम के बाद गांववालों ने सुरक्षा की जिम्मेदारी अपने हाथों में ले ली है। भाजपा ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है!
झारखंड सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए भाजपा में शामिल हुए राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन और उनके पुत्र बाबूलाल सोरेन की सुरक्षा हटा दी है। यह कार्रवाई देर रात की गई, जिसमें चंपई सोरेन के पैतृक गांव जिलिंगगोडा के घर के बाहर तैनात सुरक्षाकर्मियों को भी हटा लिया गया। सुरक्षा हटाने का आदेश राज्य सरकार की तरफ से जारी किया गया था, जो पूर्व मुख्यमंत्री के साथ-साथ उनके बेटे और प्रेस सलाहकार धर्मेंद्र गोस्वामी उर्फ चंचल पर भी लागू होता है।
गांववालों ने संभाला मोर्चा: इस घटनाक्रम के बाद गांववालों ने मोर्चा संभाल लिया है और चंपई सोरेन की सुरक्षा को लेकर खुद जिम्मेदारी ली है। भाजपा संगठनों ने इस कार्रवाई पर कड़ी आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि चंपई सोरेन की बढ़ती लोकप्रियता से हेमंत सरकार घबराई हुई है, इसीलिए उनके खिलाफ इस तरह के कदम उठाए जा रहे हैं। पार्टी कार्यकर्ताओं ने कहा कि "चंपई दा" की सुरक्षा को लेकर पूरे कोल्हान क्षेत्र के आदिवासी समुदाय के लोग उनके साथ खड़े हैं और उनकी सुरक्षा का जिम्मा उठाएंगे।
भाजपा की तीखी प्रतिक्रिया: भाजपा नेताओं का आरोप है कि सरकार राजनीतिक द्वेष के कारण यह कदम उठा रही है। चंपई सोरेन का झारखंड और खासकर संथाल परगना क्षेत्र में लगातार दौरा हो रहा है, जिससे उनकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। भाजपा का कहना है कि इस तरह की कार्रवाई से जनता और कार्यकर्ताओं में आक्रोश बढ़ सकता है और इसे लोकतंत्र के लिए खतरा बताया जा रहा है।
सुरक्षा हटाने का कारण: चंपई सोरेन के कार्यालय प्रभारी मिथुन कुमार ने बताया कि देर रात राज्य सरकार के आदेश के अनुसार, उनके पुत्र बाबूलाल सोरेन और पूर्व मुख्यमंत्री की सुरक्षा वापस ले ली गई है। उन्होंने यह भी कहा कि इस घटना से उनके समर्थकों और ग्रामीणों में चिंता है, लेकिन वे किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार हैं।
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