झारखंड में किसानों की खुशी का कारण: मॉनसून की बारिश से बढ़ी खेती की रफ्तार!

झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में मॉनसून की बारिश ने किसानों के चेहरों पर मुस्कान ला दी है और कृषि कार्यों में तेजी आ गई है। जानिए कैसे कम बारिश और मजदूरों की कमी ने किसानों को नई चुनौतियों का सामना करने पर मजबूर किया।

Aug 2, 2024 - 16:04
Aug 2, 2024 - 16:31
 0
झारखंड में किसानों की खुशी का कारण: मॉनसून की बारिश से बढ़ी खेती की रफ्तार!
झारखंड में किसानों की खुशी का कारण: मॉनसून की बारिश से बढ़ी खेती की रफ्तार!

झारखंड के जमशेदपुर ग्रामीण क्षेत्र में पिछले एक सप्ताह से हो रही लगातार बारिश ने किसानों के चेहरों पर मुस्कान ला दी है। बहरागोड़ा के पाथरी पंचायत के मधुआबेड़ा गांव में मॉनसून की दस्तक ने खेती-किसानी के कार्यों में तेजी ला दी है। मौसम का मिजाज बदलते ही और बारिश शुरू होते ही किसान खरीफ की तैयारी में जुट गए हैं और खेतों में खेती के काम में व्यस्त हो गए हैं।

कम बारिश से चिंतित किसान

हालांकि, इस साल जुलाई माह में कम बारिश होने से किसानों में चिंता भी है। पिछले साल 2023 में अच्छी बारिश हुई थी, लेकिन इस बार की बारिश की तुलना में काफी कम है। कम बारिश के कारण किसानों में मायूसी है और कई कृषि मजदूर गांव से शहरों की ओर पलायन कर गए हैं, जिससे व्यवस्थित ढंग से खेती नहीं हो पा रही है। इस कारण से किसानों की चिंता बढ़ गई है।

मौसम की मार और किसानों की मुश्किलें

ग्रामीण क्षेत्र के किसानों ने बताया कि बारिश लेट से शुरू होने के कारण उपज में कमी आने की आशंका है। पिछले साल 15 जुलाई से रोपाई का काम शुरू हो जाता था, लेकिन इस साल बारिश के 15 दिन पहले शुरू न होने से किसानों के सामने समस्या खड़ी हो गई है। फिलहाल, बारिश को देखते हुए क्षेत्र में जोर-शोर से रोपाई का काम चल रहा है और किसान अपने खेतों में जुटे हुए हैं।

किसानों की उम्मीदें और चुनौतियाँ

किसानों का कहना है कि अगर बारिश समय पर होती, तो उपज में कमी नहीं आती। लेकिन अब जो भी बारिश हो रही है, उसके चलते वे अपनी फसलों की रोपाई में पूरी मेहनत और लगन से जुटे हुए हैं। वे उम्मीद कर रहे हैं कि आने वाले दिनों में मौसम उनके अनुकूल रहेगा और उनकी मेहनत रंग लाएगी।

कृषि मजदूरों की कमी और पलायन

कृषि मजदूरों के गांव से शहरों में पलायन करने के कारण किसानों को खेती के काम में भी मुश्किलें आ रही हैं। मजदूरों की कमी से किसानों को अपने खेतों में ज्यादा समय और मेहनत लगानी पड़ रही है। वे अपने परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर खेती के काम को पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं।

उपज में कमी की आशंका

किसानों ने यह भी बताया कि अगर बारिश पहले शुरू होती, तो उपज में कमी नहीं होती। पिछले साल की तुलना में इस साल बारिश लेट शुरू होने से फसलों की उपज पर असर पड़ने की संभावना है। हालांकि, किसान पूरी मेहनत से अपनी फसलों की देखभाल कर रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि आने वाले दिनों में स्थिति बेहतर होगी।

जमशेदपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में मॉनसून की बारिश ने किसानों को राहत दी है, लेकिन कम बारिश और कृषि मजदूरों की कमी ने उनकी चुनौतियों को भी बढ़ा दिया है। किसान पूरी मेहनत और लगन से अपनी फसलों की देखभाल कर रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि उनकी मेहनत रंग लाएगी। उम्मीद है कि आने वाले दिनों में मौसम उनके अनुकूल रहेगा और उनकी उपज अच्छी होगी।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

Chandna Keshri चंदना केशरी, जो गणित-विज्ञान में इंटरमीडिएट हैं, स्थानीय खबरों और सामाजिक गतिविधियों में निपुण हैं।