Jamshedpur Statement: बाबा साहब पर टिप्पणी से मचा बवाल, बन्ना गुप्ता ने भाजपा पर साधा निशाना
पूर्व मंत्री बन्ना गुप्ता ने अमित शाह के बाबा साहब अंबेडकर पर दिए बयान की कड़ी आलोचना की। भाजपा पर दलित और पिछड़ा वर्ग विरोधी नीतियों का आरोप लगाते हुए माफी और इस्तीफे की मांग की है।
जमशेदपुर: भारतीय राजनीति में विवादित बयान कोई नई बात नहीं है, लेकिन जब बात बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जैसे महान पुरुष की हो, तो यह मुद्दा संवेदनशील हो जाता है। पूर्व मंत्री बन्ना गुप्ता ने केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा नेता अमित शाह के हालिया बयान की कड़ी आलोचना करते हुए इसे संविधान और सामाजिक समरसता पर सीधा हमला बताया है।
बाबा साहब के अपमान का आरोप
पूर्व मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि अमित शाह का बयान न केवल बाबा साहब अंबेडकर का अपमान है, बल्कि देश के संविधान के निर्माता और करोड़ों वंचितों के लिए लड़ने वाले एक महान पुरुष का भी अनादर है। उन्होंने भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि यह पार्टी संविधान बदलने की कोशिश में जुटी है और इसके लिए किसी भी हद तक जा सकती है।
उन्होंने कहा, "बाबा साहब ने केवल संविधान का निर्माण नहीं किया, बल्कि हर जाति, धर्म, और वर्ग को समान अधिकार दिलाने के लिए एक मजबूत आधार रखा। लेकिन भाजपा की दलित और पिछड़ा विरोधी मानसिकता अब खुलकर सामने आ रही है।"
संविधान बदलने की कोशिश का आरोप
बन्ना गुप्ता ने भाजपा पर आरोप लगाया कि यह पार्टी शुरू से ही संविधान को बदलने और कमजोर करने की मंशा रखती है। उन्होंने अमित शाह के बयान को दलित और पिछड़ा वर्ग के खिलाफ एक साजिश करार दिया।
“देश का संविधान सभी को बराबरी का अधिकार देता है, लेकिन भाजपा का एजेंडा इसे बदलकर केवल कुछ खास वर्गों के हित में काम करना है।" उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा की नीतियां समाज को विभाजित करने वाली हैं और यह गंगा-जमुनी तहजीब को खत्म करने पर आमादा है।
इतिहास और बाबा साहब का योगदान
डॉ. भीमराव अंबेडकर का भारतीय संविधान के निर्माण में योगदान ऐतिहासिक है। उन्होंने न केवल हर जाति और धर्म को समानता का अधिकार दिया, बल्कि दलितों, पिछड़ों, और वंचितों के लिए सामाजिक और आर्थिक न्याय सुनिश्चित किया।
बाबा साहब का मानना था कि एक सशक्त संविधान ही देश को एकजुट रख सकता है। लेकिन भाजपा पर आरोप लगाते हुए बन्ना गुप्ता ने कहा कि यह पार्टी इस एकता को खत्म करने की कोशिश कर रही है।
अमित शाह से माफी और इस्तीफे की मांग
बन्ना गुप्ता ने कहा कि अमित शाह को डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा के सामने खड़े होकर माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने शाह से केंद्रीय गृह मंत्री के पद से इस्तीफे की भी मांग की।
"यह केवल बाबा साहब का अपमान नहीं है, बल्कि पूरे देश की संवैधानिक व्यवस्था का अपमान है।"
भाजपा की पिछड़ा-विरोधी नीतियों का सच
गुप्ता ने कहा कि अमित शाह का बयान भाजपा की पिछड़ा-विरोधी सोच को उजागर करता है। उन्होंने कहा कि भाजपा के शासनकाल में दलितों और पिछड़ों के अधिकारों का लगातार हनन हो रहा है।
"देश के गरीब और वंचित वर्ग को सामाजिक और राजनीतिक अधिकार देने वाले बाबा साहब के खिलाफ टिप्पणी करना भाजपा की मानसिकता को दर्शाता है।"
राजनीतिक बवाल और भविष्य की राजनीति
यह विवाद न केवल राजनीतिक हलकों में गर्मा गया है, बल्कि समाज के वंचित वर्गों में भी आक्रोश पैदा कर रहा है। बन्ना गुप्ता के बयान ने विपक्षी पार्टियों को भी भाजपा पर हमला करने का नया मुद्दा दे दिया है।
अब देखने वाली बात यह होगी कि अमित शाह और भाजपा इस मामले पर क्या रुख अपनाते हैं। क्या माफी और इस्तीफे की मांग पर कोई प्रतिक्रिया आएगी या यह विवाद यूं ही राजनीतिक गलियारों में गूंजता रहेगा?
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