Jamshedpur Initiative: टाटा स्टील यूआईएसएल का जल संरक्षण मिशन, नदी सफाई और जागरूकता अभियान से बढ़ी हलचल

टाटा स्टील यूआईएसएल ने विश्व जल दिवस पर जल संरक्षण के लिए जागरूकता रैली और नदी सफाई अभियान का आयोजन किया। जानिए इस पहल के बारे में और कैसे इससे जल संकट पर असर पड़ेगा।

Mar 22, 2025 - 18:07
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Jamshedpur Initiative: टाटा स्टील यूआईएसएल का जल संरक्षण मिशन, नदी सफाई और जागरूकता अभियान से बढ़ी हलचल
Jamshedpur Initiative: टाटा स्टील यूआईएसएल का जल संरक्षण मिशन, नदी सफाई और जागरूकता अभियान से बढ़ी हलचल

जमशेदपुर: टाटा स्टील की 100% सहायक कंपनी टाटा स्टील यूआईएसएल ने जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए विश्व जल दिवस पर कई अहम पहल की। इस दौरान औद्योगिक विशेषज्ञों की पैनल चर्चा, तकनीकी केस स्टडीज, जागरूकता रैली और नदी सफाई अभियान जैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इन सभी गतिविधियों ने जल संसाधनों की सुरक्षा और पर्यावरणीय स्थिरता के प्रति टाटा स्टील की प्रतिबद्धता को और मजबूत किया।

पानी की किल्लत और टाटा स्टील का बड़ा कदम

जल संकट आज सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक गंभीर समस्या बन चुका है। कई शहरों में ग्राउंड वाटर का स्तर तेजी से गिर रहा है, नदियां प्रदूषित हो रही हैं, और स्वच्छ पानी की उपलब्धता लगातार कम हो रही है।

इसी को ध्यान में रखते हुए टाटा स्टील यूआईएसएल ने जल संरक्षण को लेकर एक व्यापक रणनीति अपनाई है। कंपनी का मानना है कि जल प्रबंधन सिर्फ सरकार या उद्योगों की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि आम नागरिकों को भी इसमें योगदान देना होगा। इसी उद्देश्य से इस बार विश्व जल दिवस पर एक अनोखी पहल की गई।

टाटा स्टील का बड़ा जल अभियान - विशेषज्ञों की बैठक से नदी सफाई तक

1. विशेषज्ञ पैनल चर्चा - जल संकट से कैसे निपटें?

कार्यक्रम की शुरुआत एक विशेषज्ञ पैनल चर्चा से हुई, जिसमें जल संरक्षण और स्थिरता पर चर्चा की गई। इस पैनल में टाटा स्टील के वरिष्ठ अधिकारी और औद्योगिक विशेषज्ञ शामिल थे, जिन्होंने जल प्रबंधन की आधुनिक तकनीकों और रणनीतियों पर प्रकाश डाला।

प्रमुख वक्ताओं में शामिल थे:

  • राजीव मंगल (वीपी, सेफ्टी, हेल्थ - टाटा स्टील)

  • अमित रंजन (चीफ एनवायरनमेंट, टाटा स्टील)

  • वरुण बजाज (चीफ सिटी लॉजिस्टिक्स और इंफ्रास्ट्रक्चर)

  • डॉ. रघु राम (सस्टेनेबिलिटी एक्सपर्ट, XLRI)

  • संजीव कुमार झा (जीएम वाटर, टाटा स्टील यूआईएसएल)

विशेषज्ञों ने जल संरक्षण की जरूरत और नई तकनीकों के इस्तेमाल पर जोर दिया। वियोलिया और ग्राडियेंट जैसी कंपनियों के विशेषज्ञों ने भी जल शुद्धिकरण और रिसाइक्लिंग पर अपने विचार साझा किए।

2. जागरूकता रैली - जल बचाने का संदेश

किनन स्टेडियम से एक विशाल जागरूकता रैली निकाली गई, जो जमशेदपुर के प्रमुख इलाकों से गुजरी। इसमें टाटा स्टील के कर्मचारियों, स्वयंसेवकों और स्थानीय नागरिकों ने भाग लिया। रैली में "जल ही जीवन है", "पानी बचाओ, भविष्य संवारो" जैसे नारे गूंजते रहे।

3. नदी सफाई अभियान - स्वच्छ जल के लिए संकल्प

कार्यक्रम का सबसे प्रभावशाली हिस्सा था नदी सफाई अभियान, जो स्वच्छता पुकारे संगठन के सहयोग से चलाया गया। स्वयंसेवकों ने नदी किनारे फैले कचरे को हटाकर जल स्रोतों की स्वच्छता का संदेश दिया।

इतिहास - टाटा स्टील और पर्यावरणीय स्थिरता का पुराना रिश्ता

टाटा स्टील सिर्फ एक उद्योग नहीं, बल्कि पर्यावरणीय स्थिरता का प्रतीक भी है। कंपनी दशकों से ग्रीन टेक्नोलॉजी और जल संरक्षण पर काम कर रही है।

  • 1930s: जमशेदपुर को एक "ग्रीन इंडस्ट्रियल सिटी" बनाने की शुरुआत।

  • 2000s: जल संरक्षण और कचरा प्रबंधन के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग।

  • 2020: टाटा स्टील यूआईएसएल ने जल पुनर्चक्रण और कचरा जल शुद्धिकरण संयंत्रों की स्थापना की।

क्या यह पहल जल संकट को हल कर पाएगी?

टाटा स्टील यूआईएसएल की ये पहल निश्चित रूप से एक सराहनीय कदम है, लेकिन सवाल उठता है - क्या इससे जल संकट का समाधान होगा?

विशेषज्ञों का मानना है कि बड़े उद्योगों को जल संरक्षण की तकनीकों को अपनाने के साथ-साथ आम जनता को भी जागरूक करना होगा। सरकार, उद्योग और नागरिकों के सामूहिक प्रयासों से ही जल संकट का स्थायी समाधान निकलेगा।

अब आगे क्या?

  1. क्या अन्य कंपनियां भी टाटा स्टील की इस पहल से सीखेंगी?

  2. क्या सरकार जल संरक्षण को लेकर और सख्त कानून बनाएगी?

  3. क्या जल पुनर्चक्रण तकनीक को बड़े पैमाने पर लागू किया जाएगा?

टाटा स्टील यूआईएसएल ने जल संरक्षण का बीड़ा उठाया है, लेकिन असली बदलाव तब आएगा जब हर नागरिक इस मुहिम का हिस्सा बनेगा। जल बचाने का समय अब आ चुका है!

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।