दो सगे भाइयों की सड़क हादसे में मौत, परिजनों और बस्तीवासियों का आक्रोश, बिष्टुपुर थाना का घेराव
जमशेदपुर में बिष्टुपुर लाइट सिगनल के पास हुए एक सड़क हादसे में दो सगे भाइयों की मौत हो गई। हादसे के बाद गुस्साए परिजनों और स्थानीय लोगों ने मुख्य मार्ग को जाम कर प्रदर्शन किया।
जमशेदपुर में बीती रात एक दर्दनाक सड़क हादसे में दो सगे भाइयों की मौत हो गई, जिससे पूरे इलाके में शोक और आक्रोश का माहौल है। यह हादसा बिष्टुपुर थाना क्षेत्र के लाइट सिगनल के समीप हुआ, जहाँ जुगसलाई बलदेव बस्ती के दो भाई—आकाश नंदी और कार्तिक नंदी—ट्रेलर की चपेट में आ गए। हादसे के बाद गुस्साए परिजनों और बस्तीवासियों ने शनिवार को जुगसलाई-बिष्टुपुर मुख्य मार्ग को जाम कर दिया और जुगसलाई थाना का घेराव करते हुए प्रदर्शन किया।
हादसा कैसे हुआ?
घटना के समय दोनों भाई अपनी मां के लिए खाना लाने निकले थे। बिष्टुपुर लाइट सिगनल के पास अचानक एक तेज़ गति से आ रही ट्रेलर ने उन्हें टक्कर मार दी। इस हादसे में आकाश नंदी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि गंभीर रूप से घायल कार्तिक नंदी को पहले टाटा मेन हॉस्पिटल (TMH) ले जाया गया, जहाँ से उसे रांची के रिम्स अस्पताल रेफर किया गया। लेकिन, रिम्स ले जाते समय रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया।
परिजनों का आरोप: पुलिस की लापरवाही
इस घटना के बाद से पीड़ित परिवार और स्थानीय लोगों में जबरदस्त आक्रोश है। परिजनों का आरोप है कि बिष्टुपुर पुलिस ने हादसे के बाद समय पर मदद नहीं की, जिसके कारण कार्तिक की मौत हो गई। उनका कहना है कि पुलिस की लापरवाही से कार्तिक को समय पर इलाज नहीं मिल पाया और उसकी जान चली गई। घटना के बाद परिजन बार-बार पुलिस स्टेशन के चक्कर काटते रहे, लेकिन कोई मदद नहीं मिली।
50 लाख मुआवजे की मांग
आक्रोशित परिजनों और बस्तीवासियों ने प्रदर्शन के दौरान 50 लाख रुपये के मुआवजे की मांग की और साथ ही ट्रेलर चालक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे आंदोलन जारी रखेंगे।
पुलिस की कार्रवाई
लगभग एक घंटे तक चले इस प्रदर्शन के बाद जुगसलाई थाना प्रभारी ने आक्रोशित भीड़ को शांत किया और जाम हटवाया। इसके बाद प्रदर्शन कर रहे लोगों को बिष्टुपुर थाना ले जाया गया, जहाँ परिजनों से बातचीत कर मामले का हल निकालने की कोशिश की जा रही है।
यह हादसा एक बार फिर से शहर में सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों की अनदेखी को उजागर करता है। ट्रेलरों की तेज गति और ट्रैफिक नियंत्रण की कमी ऐसी घटनाओं को जन्म देती है। प्रशासन को चाहिए कि वह इस मामले को गंभीरता से ले और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
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