Jamshedpur Education: 'छुट्टी' के दिन भी जल रहा है ज्ञान का दीपक! 120 गरीब बच्चों का भविष्य संवार रहे राम पात्रों

जमशेदपुर के बागबेड़ा निवासी समाजसेवी राम पात्रों और उनकी संस्था 'हेल्पिंग हैंडस' हर रविवार को 120 वंचित बच्चों को निःशुल्क शिक्षा दे रही है। आर्थिक तंगी के कारण स्कूल न जा पाने वाले बच्चों को किताबें, अनुशासन और जीवन मूल्य सिखाकर उनका भविष्य संवारने का यह सराहनीय प्रयास।

Oct 3, 2025 - 13:20
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Jamshedpur Education: 'छुट्टी' के दिन भी जल रहा है ज्ञान का दीपक! 120 गरीब बच्चों का भविष्य संवार रहे राम पात्रों
Jamshedpur Education: 'छुट्टी' के दिन भी जल रहा है ज्ञान का दीपक! 120 गरीब बच्चों का भविष्य संवार रहे राम पात्रों

पूर्वी सिंहभूम जिले का जमशेदपुर, जो अपनी औद्योगिक प्रगति के लिए जाना जाता है, वहां एक शख्सियत ऐसी भी है जो चुपचाप ज्ञान का प्रकाश फैलाकर समाज में असली क्रांति ला रहा है। जुगसलाई क्षेत्र के बागबेड़ा निवासी राम पात्रों नामक ये समाजसेवी, हर उस गरीब और वंचित बच्चे के लिए आशा की किरण बन गए हैं, जो केवल आर्थिक तंगी के कारण शिक्षा के अधिकार से वंचित रह जाते हैं।

इतिहास गवाह है कि जब भी किसी समाज में बड़ा बदलाव आया है, उसकी नींव में शिक्षा ही रही है। राम पात्रों इस बात को गहराई से समझते हैं। उनका मानना है कि अगर समाज में समानता लानी है, तो शिक्षा ही सबसे बड़ा हथियार है। इसी सोच को ज़मीन पर उतारने के लिए उन्होंने एक अनोखा अभियान शुरू किया है, जहां छुट्टी का दिन ही शिक्षा का दिन बन जाता है।

रविवार को 'ज्ञान का मेला'

जब अधिकांश शहरी लोग रविवार की छुट्टी का आनंद लेते हैं और आराम करते हैं, तब राम पात्रों एक अलग ही काम में जुटे होते हैं। वह उन बच्चों के साथ समय बिताते हैं जो स्कूल की फीस या साधनों के अभाव में शिक्षा से दूर रह गए हैं।

उन्होंने कई साल पहले 'हेल्पिंग हैंडस बागबेड़ा' नामक संस्था के माध्यम से यह पहल शुरू की थी। शुरुआत में इस अभियान से करीब 450 बच्चे जुड़े थे। आज, उनमें से कई बच्चे शिक्षा पाकर अपने जीवन की राह पर निकल चुके हैं, और वर्तमान में लगभग 120 बच्चे हर रविवार नियमित रूप से निःशुल्क शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।

राम पात्रों का उद्देश्य केवल अक्षर ज्ञान देना नहीं है। वह इन बच्चों को न केवल बुनियादी शिक्षा (किताबें, कॉपी-कलम उपलब्ध कराकर) देते हैं, बल्कि उन्हें जीवन मूल्यों, अनुशासन और समाज सेवा की भी सीख प्रदान करते हैं। उनका लक्ष्य बच्चों में आत्मविश्वास और भविष्य के प्रति जागरूकता जगाना है।

प्रेरणादायक प्रयास: माता-पिता में भी आई खुशी

राम पात्रों के इस सराहनीय प्रयास से स्थानीय लोगों में काफी खुशी है। माता-पिता, जो अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेज पा रहे थे, वे अब इस पहल से प्रसन्न हैं और बच्चों को नियमित रूप से पढ़ाई के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

  • स्थानीय लोगों का कहना है: "जिन बच्चों के पास विद्यालय जाने की सुविधा नहीं थी, वे अब राम पात्रों जी की वजह से नियमित रूप से पढ़ाई में रुचि दिखा रहे हैं। यह प्रयास पूरे समाज के लिए एक प्रेरणा है।"

राम पात्रों ने समाज के सक्षम लोगों से अपील की है कि वे भी इस 'शिक्षा से सशक्तिकरण' अभियान से जुड़ें और अपने समय या संसाधनों के माध्यम से योगदान दें।

इस नेक काम में राम पात्रों के साथ-साथ हेमन्त कुमार पान, बीरबल साहू, बिशु लोहार, अजय लोहार, नंदनी दास और शिव दास जैसे समर्पित सदस्य भी सक्रिय योगदान दे रहे हैं। ये सभी मिलकर यह साबित कर रहे हैं कि समाज को बदलने के लिए बड़े फंड की नहीं, बल्कि एक नेक दिल और मजबूत इच्छाशक्ति की आवश्यकता होती है।

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।