Jamshedpur Honour: गांधी जयंती पर गोंड समाज ने अर्पित की श्रद्धांजलि, शांति और विजयदशमी का दिया संदेश!
जमशेदपुर में अखिल भारतीय गोंड आदिवासी संघ ने दिनेश साह की अध्यक्षता में 156वीं महात्मा गांधी जयंती मनाई। गांधी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर शहरवासियों को विजयदशमी की शुभकामनाएं दी गईं। दिनेश साह ने बापू के सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने का आह्वान किया।

भारत के इतिहास में 2 अक्टूबर का दिन दोहरे महत्व का प्रतीक है—एक ओर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती, जो अहिंसा का संदेश देती है, तो दूसरी ओर विजयदशमी का पर्व, जो बुराई पर अच्छाई की विजय का उद्घोष करता है। जमशेदपुर में, अखिल भारतीय गोंड आदिवासी संघ ने इन दोनों महान अवसरों को एक साथ मनाया और शहरवासियों को शांति और विजय का अनूठा संदेश दिया।
जमशेदपुर, जिसे केवल उद्योग ही नहीं, बल्कि विविध संस्कृति और एकता के लिए भी जाना जाता है, वहां गोंड आदिवासी संघ का यह आयोजन एक प्रेरणादायक पहल थी। जहां गांधी जी ने सत्य और अहिंसा के मार्ग से देश को आजादी दिलाई, वहीं विजयदशमी हमें अपने आंतरिक रावण को हराने का संकल्प देती है। गोंड समाज ने इन दोनों महापुरुषों के संदेश को एक साथ जोड़कर, सामाजिक समरसता और नैतिक विजय का महत्व रेखांकित किया।
156वीं जयंती पर बापू को माल्यार्पण
अखिल भारतीय गोंड आदिवासी संघ की ओर से बर्मामाइंस टियुब कंपनी गेट के सामने स्थित हरिजन बस्ती में यह गरिमामय आयोजन किया गया। संघ के अध्यक्ष श्री दिनेश साह जी की अध्यक्षता में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की 156वीं जयंती मनाई गई।
संघ के सदस्यों ने सर्वप्रथम गांधी जी की प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए माल्यार्पण किया। इस अवसर पर दिनेश साह जी ने गांधी जी के जीवन और सिद्धांतों को विस्तार से याद किया। उन्होंने कहा कि गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर में हुआ था। उन्होंने बापू के परिवार का परिचय देते हुए बताया कि उनके पिता का नाम कर्मचंद उत्तमचंद गांधी और माता का नाम पुतलीबाई गांधी था। उनके बचपन का नाम मोहनदास करमचंद गांधी था।
दिनेश साह जी ने उपस्थित लोगों से विशेष रूप से आग्रह किया कि आज के दौर में, जब समाज में तनाव और असहिष्णुता बढ़ रही है, हमें गांधी जी के दिखाए सत्य और अहिंसा के रास्ते पर हमेशा चलते रहना चाहिए।
विजयदशमी की शुभकामनाएं: आंतरिक विजय का पर्व
गांधी जयंती समारोह के साथ ही, गोंड समाज ने शहरवासियों को विजय दशमी की भी शुभकामनाएं दीं। यह दोहरा आयोजन इस बात पर जोर देता है कि सच्ची विजय तभी प्राप्त होती है, जब हम शांति और नैतिक बल के साथ अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ते हैं। रावण पर भगवान राम की विजय हमें सिखाती है कि अन्याय और अहंकार का अंत निश्चित है, बशर्ते हम धर्म और सत्य के मार्ग पर अडिग रहें।
संघ का यह कदम शहरवासियों को एकजुटता का संदेश देता है, जहां एक ओर शांतिदूत गांधी को याद किया गया, वहीं दूसरी ओर धर्म और सत्य की विजय का पर्व मनाया गया।
इस आयोजन में मुख्य रूप से शामिल हुए सदस्य:
दिनेश साह, संजय मुखिया, मदन साह, ललन साह, नागेश साह, मुन्ना लाल, उमेश साह, हरकेश साह, सोहन साह सहित समाज के अन्य गणमान्य लोग इस माल्यार्पण समारोह में शामिल हुए।
गोंड समाज की इस पहल ने साबित कर दिया कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का संदेश आज भी हमारे समाज के हर वर्ग के लिए प्रेरणा का स्रोत है और वह हमें सामाजिक एकता तथा नैतिक मूल्यों पर आधारित एक मजबूत राष्ट्र निर्माण के लिए प्रेरित करता है।
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