Jamshedpur Celebration: लक्ष्मीनगर विद्यालय में संविधान दिवस पर देशभक्ति का जश्न
जमशेदपुर के लक्ष्मीनगर विद्यालय में संविधान दिवस हर्षोल्लास से मनाया गया। छात्र-छात्राओं ने संविधान की प्रस्तावना पढ़ी और एकता व विकास का संदेश दिया।
जमशेदपुर, 26 नवंबर – टेल्को क्षेत्र के लक्ष्मीनगर उत्क्रमित उच्च विद्यालय में आज संविधान दिवस का आयोजन उत्साह और प्रेरणा से भरा रहा। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं और शिक्षकों ने संविधान की प्रस्तावना पढ़ते हुए इसके आदर्शों और उद्देश्यों को आत्मसात करने की शपथ ली।
संविधान दिवस का उद्देश्य और महत्व
26 नवंबर, 1949 को भारतीय संविधान को स्वीकार किया गया, जिसे हर साल संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस ऐतिहासिक दिन पर विद्यालय की शिक्षिका डॉ. अनीता शर्मा ने बच्चों को संविधान के निर्माण, उसकी प्रस्तावना, और अधिकारों एवं कर्तव्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि संविधान का मुख्य उद्देश्य राष्ट्र की एकता और विकास को बढ़ावा देना है।
देशभक्ति का अद्भुत प्रदर्शन
इस विशेष दिवस पर विद्यार्थियों और शिक्षकों ने मानव शृंखला बनाकर देश की एकता और अखंडता को प्रदर्शित किया। बच्चों ने संविधान के निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि दी, जिन्होंने सामाजिक समानता और न्याय के सिद्धांतों को भारत के संविधान में शामिल किया।
प्रतियोगिताओं से बढ़ा उत्साह
कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों ने अपनी कला और ज्ञान का प्रदर्शन किया।
- चित्रांकन प्रतियोगिता में बच्चों ने संविधान और भारत की एकता से संबंधित रचनात्मक चित्र बनाए।
- प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में छात्रों ने संविधान, अधिकारों, और कर्तव्यों पर अपने ज्ञान का प्रदर्शन किया।
इन गतिविधियों ने न केवल बच्चों के उत्साह को बढ़ाया बल्कि उन्हें संविधान की गहराई से समझने का मौका भी दिया।
शिक्षकों और प्रधानाध्यापिका का योगदान
विद्यालय की प्रधानाध्यापिका प्रिया कुमारी सिंह ने संविधान दिवस की महत्ता पर जोर देते हुए बच्चों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों की जानकारी दी। शिक्षकों की टीम, जिसमें डॉ. अनीता शर्मा, राजीव, पुष्पांजलि, विमल, वंदना, और उपेंद्र शामिल थे, ने बच्चों को संविधान के आदर्शों से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इतिहास की झलक: भारतीय संविधान का निर्माण
भारत का संविधान, जिसे डॉ. भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता में तैयार किया गया था, दुनिया का सबसे विस्तृत संविधान है। इसे लिखने में 2 साल, 11 महीने, और 18 दिन लगे। संविधान ने भारत को एक लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष गणराज्य का स्वरूप दिया, जिसमें प्रत्येक नागरिक को समानता, स्वतंत्रता, और न्याय का अधिकार प्राप्त है।
संविधान दिवस से प्रेरणा
इस आयोजन ने बच्चों में राष्ट्र के प्रति प्रेम और कर्तव्य का भाव जागृत किया। कार्यक्रम का हर क्षण बच्चों को प्रेरित करने और उन्हें जिम्मेदार नागरिक बनाने के उद्देश्य से डिजाइन किया गया था।
प्रधानाध्यापिका प्रिया कुमारी ने कहा,
"संविधान दिवस केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि अपने अधिकारों और कर्तव्यों को समझने और उनका पालन करने का संकल्प है।"
एकता और विकास का संदेश
लक्ष्मीनगर विद्यालय का यह आयोजन छात्रों और शिक्षकों के लिए एक यादगार अनुभव बना। इसने बच्चों में संविधान के प्रति सम्मान और देश के प्रति जिम्मेदारी का भाव विकसित किया।
जैसा कि संविधान की प्रस्तावना में कहा गया है, "हम भारत के लोग, सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं," यह संदेश इस कार्यक्रम के माध्यम से हर बच्चे के दिल में गूंजा।
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