डॉ. अजय कुमार ने चुनाव आयोग में रघुवर दास के खिलाफ की शिकायत, बहू के लिए प्रचार करने पर जताई नाराजगी
कांग्रेस प्रत्याशी अजय कुमार ने रघुवर दास पर संवैधानिक पद का दुरुपयोग कर चुनाव में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया। चुनाव आयोग से की शिकायत।
झारखंड की राजनीति में एक बड़ा मोड़ तब आया जब कांग्रेस उम्मीदवार डॉ. अजय कुमार ने पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई। यह शिकायत इस बात को लेकर है कि रघुवर दास, जो संवैधानिक पद पर आसीन हैं, अपनी बहू के लिए झारखंड विधानसभा चुनाव में प्रचार कर रहे हैं। डॉ. अजय कुमार ने इसे असंवैधानिक करार देते हुए चुनाव आयोग से इस मामले में उचित कार्रवाई की मांग की है।
क्या है विवाद?
रघुवर दास इस समय ओडिशा के राज्यपाल हैं, और संवैधानिक पद पर होने के नाते, उनके लिए चुनाव में किसी भी प्रकार का प्रचार करना नियमों के खिलाफ है। लेकिन, डॉ. अजय कुमार का आरोप है कि रघुवर दास अपनी बहू के लिए पूर्वी विधानसभा क्षेत्र में प्रचार कर रहे हैं, जो कांग्रेस उम्मीदवार के अनुसार, चुनाव आचार संहिता का सीधा उल्लंघन है।
चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कांग्रेस उम्मीदवार डॉ. अजय कुमार ने चुनाव आयोग को शिकायत भेजी है। उन्होंने मांग की है कि संवैधानिक पद पर आसीन किसी व्यक्ति को चुनावी प्रचार में शामिल होने से रोका जाए। डॉ. अजय कुमार के अनुसार, रघुवर दास का इस तरह चुनाव प्रचार में भाग लेना न केवल असंवैधानिक है, बल्कि इससे चुनाव की निष्पक्षता पर भी सवाल उठते हैं।
डॉ. अजय कुमार की चुनावी रणनीति
डॉ. अजय कुमार, जो कि कांग्रेस के टिकट पर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं, इस बार का चुनाव पूरी तरह से निष्पक्ष और नियमों के तहत देखना चाहते हैं। उन्होंने रघुवर दास के खिलाफ इस मुद्दे को उठाते हुए चुनाव आयोग से हस्तक्षेप की मांग की है। उनका कहना है कि इस तरह के संवैधानिक उल्लंघन से चुनाव में असमानता उत्पन्न होती है और मतदाताओं को भ्रमित किया जा सकता है।
राजनीतिक दांव-पेंच: कांग्रेस बनाम बीजेपी
यह मुद्दा कांग्रेस और बीजेपी के बीच के राजनीतिक संघर्ष को और भी तीव्र कर रहा है। रघुवर दास, जो कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रहे हैं, अब ओडिशा के राज्यपाल के पद पर आसीन हैं। ऐसे में उनके द्वारा चुनाव प्रचार में हिस्सा लेना कई सवाल खड़े कर रहा है। कांग्रेस इसे चुनावी नियमों का उल्लंघन मान रही है, जबकि बीजेपी की ओर से अब तक इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
क्या कहता है कानून?
भारतीय संविधान और चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार, संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति को चुनावी गतिविधियों से दूर रहना चाहिए। राज्यपाल जैसे उच्च पदों पर बैठे लोग किसी भी चुनाव में किसी पार्टी का समर्थन नहीं कर सकते। ऐसे में अगर चुनाव आयोग डॉ. अजय कुमार की शिकायत को सही मानता है, तो रघुवर दास को इस मामले में कानूनी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि चुनाव आयोग इस मामले में क्या फैसला करता है। क्या रघुवर दास के खिलाफ कार्रवाई होगी या फिर यह मामला राजनीतिक जंग का एक और हिस्सा बनकर रह जाएगा?
डॉ. अजय कुमार ने इस शिकायत के माध्यम से चुनावी माहौल में एक बड़ा मुद्दा खड़ा कर दिया है, जिससे आने वाले दिनों में इस चुनाव में और भी ताजगी देखने को मिलेगी। अगर चुनाव आयोग इस मामले को गंभीरता से लेता है, तो यह आगामी झारखंड विधानसभा चुनावों में बड़ा मोड़ साबित हो सकता है।
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