Ranchi Fire: शर्मा टावर में लगी भीषण आग, लाखों का नुकसान, फायर ब्रिगेड पर उठे सवाल

रांची के महावीर चौक स्थित शर्मा टावर में भीषण आग, 8 घंटे तक जलती रही दुकानें, दमकल विभाग की लापरवाही उजागर, लाखों का नुकसान। क्या रांची में दमकल व्यवस्था फेल हो रही है पढ़ें पूरी खबर।

Feb 21, 2025 - 17:52
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Ranchi Fire: शर्मा टावर में लगी भीषण आग, लाखों का नुकसान, फायर ब्रिगेड पर उठे सवाल
Ranchi Fire: शर्मा टावर में लगी भीषण आग, लाखों का नुकसान, फायर ब्रिगेड पर उठे सवाल

रांची: अपर बाजार स्थित महावीर चौक के शर्मा टावर में गुरुवार सुबह आग लगने से हड़कंप मच गया। बताया जा रहा है कि शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी इस आग ने देखते ही देखते तीन बड़ी दुकानों को अपनी चपेट में ले लिया। घटना सुबह 6 बजे की है, लेकिन जब तक लोग कुछ समझ पाते, तब तक लाखों का सामान जलकर खाक हो चुका था।

फायर ब्रिगेड को सूचना मिलते ही दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। इस घटना ने एक बार फिर रांची के दमकल विभाग की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

आग से भारी नुकसान, फायर ब्रिगेड की लापरवाही उजागर

इस भयानक आगजनी में तीन प्रमुख दुकानों को भारी नुकसान हुआ है—

  • पायल होजियरी एंड टेक्सटाइल्स के मालिक हरजीत सिंह बेदी को करीब 55 लाख रुपये का नुकसान
  • पायल गारमेंट्स के समीर बेदी का 75 लाख रुपये का माल जलकर स्वाहा
  • रांची होम फर्निशिंग की संचालिका शोभा देवी को 54 लाख रुपये का नुकसान

स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर नगर निगम का टैंकर समय पर नहीं आता, तो हालात और भी भयावह हो सकते थे।

8 घंटे तक जलती रही आग, दमकल की गाड़ियां फेल

सुबह 7 बजे से आग बुझाने की कवायद शुरू हुई, लेकिन आग पर काबू पाने में 8 घंटे से ज्यादा का समय लग गया।

  • सबसे बड़ा सवाल यह उठा कि जब महावीर चौक से महज 2 किमी दूर दमकल केंद्र स्थित है, तो वहां से गाड़ियां आने में आधा घंटा क्यों लगा
  • पहली दो गाड़ियां आईं, लेकिन उनमें सिर्फ 25% पानी था
  • फायर ब्रिगेड की हाइड्रोलिक सीढ़ी दूसरी मंजिल तक भी नहीं पहुंच पाई

आखिरकार विधायक सीपी सिंह और पूर्व पार्षद सुनील सिंह मामा के प्रयासों से नगर निगम का टैंकर बुलाया गया। एलईडी लाइट ठीक करने वाली हाइड्रोलिक मशीन की मदद से आग पर काबू पाया गया।

संकीर्ण गलियों में कैसे पहुंचेगा फायर ब्रिगेड

अपर बाजार की संकरी गलियां दमकल विभाग के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई हैं।

  • रंगरेज गली, सोनार पट्टी, बूचड़ गली, गांधी चौक, अग्रसेन पथ, श्रद्धानंद रोड जैसी गलियां इतनी संकरी हैं कि दमकल की बड़ी गाड़ियां वहां नहीं पहुंच सकतीं
  • अगर वहां आग लगती है, तो दमकल विभाग के पास कोई ठोस रणनीति नहीं दिखती
  • छोटी दमकल गाड़ियां हैं, लेकिन उनकी क्षमता बेहद सीमित है

इंश्योरेंस से जुड़े सवाल

इस आगजनी में कई दुकानदारों को बड़ा नुकसान हुआ, लेकिन कुछ के पास बीमा था, तो कुछ के पास नहीं।

  • पायल होजियरी एंड टेक्सटाइल्स और पायल गारमेंट्स का इंश्योरेंस था, लेकिन पूरी क्षति की भरपाई संभव नहीं
  • रांची होम फर्निशिंग का कोई बीमा नहीं था, जिससे संचालिका को बड़ा झटका लगा

रांची में पहले भी हो चुकी हैं बड़ी आगजनी घटनाएं

रांची में शॉर्ट सर्किट से आग लगने की घटनाएं कोई नई बात नहीं हैं।

  • 2021 में अपर बाजार के ही एक गोदाम में भीषण आग लगी थी, जिसमें करोड़ों का नुकसान हुआ था
  • 2019 में अल्बर्ट एक्का चौक के पास एक कपड़े की दुकान जलकर राख हो गई थी

लेकिन सवाल उठता है—क्या दमकल विभाग ने इन घटनाओं से कोई सबक लिया

आग लगने पर क्या करें (सावधानियां और बचाव के तरीके)

  • इलेक्ट्रिक वायरिंग की नियमित जांच कराएं
  • दुकान और घर में फायर एक्सटिंग्विशर रखें
  • दमकल विभाग का इमरजेंसी नंबर 101 तुरंत डायल करें
  • इमारतों में अग्निशमन प्रणाली होनी जरूरी है

सरकार और प्रशासन से सवाल

  • रांची जैसे बड़े शहर में दमकल की इतनी लचर व्यवस्था क्यों
  • फायर ब्रिगेड में पर्याप्त पानी क्यों नहीं था
  • संकीर्ण गलियों में आग लगने पर क्या उपाय हैं

अगर समय रहते दमकल विभाग अपनी तैयारियों को दुरुस्त नहीं करता, तो भविष्य में इससे भी बड़ी घटनाएं हो सकती हैं

रांची की यह आगजनी सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि सिस्टम की नाकामी का नतीजा है। समय रहते सुधार नहीं हुआ, तो यह लापरवाही किसी बड़े जान-माल के नुकसान का कारण बन सकती है

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।