Jamshedpur Cleanup: 5 साल से जमे कचरे पर एक्शन, MLA सरयू राय का बड़ा फैसला
जमशेदपुर में 5 साल से गंदगी से भरे नाले पर बड़ा एक्शन! विधायक सरयू राय के निर्देश पर सफाई अभियान शुरू। जानिए पूरा मामला और क्या होगा इसका स्थायी समाधान।

जमशेदपुर: क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि एक नाले की सफाई पूरे 5 साल तक न हो? सोचिए, बरसात में यह नाला गंदगी और बदबू से लबालब भर जाता होगा, जिससे आसपास के लोगों का जीना मुश्किल हो जाता होगा। लेकिन अब इस समस्या का समाधान होने वाला है। जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक सरयू राय के निर्देश पर मानगो, देशबंधु लाइन और नित्यानंद कॉलोनी में सफाई अभियान शुरू किया गया है।
5 साल की गंदगी और बरसात में दयनीय स्थिति
देशबंधु लाइन के नाले की हालत इतनी खराब थी कि वहां से गुजरना भी मुश्किल था। स्थानीय लोगों के मुताबिक, इसकी सफाई पिछले 5 सालों से नहीं हुई थी, जिसके कारण बरसात के मौसम में पानी ओवरफ्लो होकर घरों तक घुस जाता था।
लोगों का कहना है कि बार-बार शिकायत करने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। मानगो नगर निगम भी इस समस्या पर चुप्पी साधे बैठा था। लेकिन इस बार मामला विधायक सरयू राय तक पहुंचा, और फिर जो हुआ, उसने सभी को चौंका दिया!
MLA सरयू राय ने लिया संज्ञान, तुरंत भेजा प्रतिनिधिमंडल
जैसे ही सरयू राय को इस गंभीर समस्या की जानकारी मिली, उन्होंने तुरंत एक प्रतिनिधिमंडल भेजा और खुद इस मामले को X (Twitter) पर उपायुक्त के संज्ञान में लाया।
उनके निर्देश पर मानगो नगर निगम की टीम मौके पर पहुंची और तत्काल सफाई अभियान शुरू किया गया। विधायक ने अधिकारियों को इस समस्या का स्थायी समाधान निकालने के लिए भी निर्देश दिया।
सरयू राय का एक्शन और नगर निगम की सफाई शुरू
नगर निगम के अधिकारियों ने विधायक सरयू राय को आश्वासन दिया कि यह समस्या अब स्थायी रूप से हल की जाएगी। मौके पर मौजूद अधिकारियों ने प्रतिनिधिमंडल की मौजूदगी में तुरंत सफाई कार्य शुरू करवाया।
प्रतिनिधिमंडल में कौन-कौन शामिल था?
- आशुतोष राय, नीरज सिंह, पप्पु सिंह, धर्मेंद्र प्रसाद, संतोष भगत, पिंटू सिंह, विनोद सिंह, बीरू कुमार, रोहन कुमार, मुकेश सिंह, आकाश साह आदि।
नगर निगम की ओर से किन अधिकारियों ने लिया हिस्सा?
- सहायक नगर आयुक्त अरविंद अग्रवाल और आकीब जावेद
- सहायक अभियंता मयंक मिश्रा और संतोष कुमार
- सिटी मैनेजर निशांत कुमार
- कनीय अभियंता सुबोध कुमार और महेश कुमार
इतिहास भी गवाह है—जमशेदपुर में सफाई हमेशा से बड़ी समस्या रही है
जमशेदपुर, जो कभी टाटा स्टील कंपनी के कारण भारत का सबसे आधुनिक और सुव्यवस्थित शहर माना जाता था, वहां आज कई इलाकों में सफाई की भारी दिक्कतें हैं।
- 2000 के दशक में भी यहां के कई इलाकों में जलभराव और सफाई की शिकायतें आई थीं।
- 2015 में सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत सफाई व्यवस्था सुधारने की बात कही थी, लेकिन कई जगहों पर अभी भी हालात खराब हैं।
अब सवाल उठता है कि क्या मानगो नगर निगम इस बार वाकई इस समस्या का स्थायी समाधान निकाल पाएगा, या फिर अगले कुछ सालों में फिर वही हाल होगा?
स्थायी समाधान क्या हो सकता है?
- नियमित सफाई अभियान चलाया जाए, ताकि कचरा जमा न हो।
- CCTV कैमरों से निगरानी की जाए कि नाले में फिर से कचरा न डाला जाए।
- स्थानीय लोगों को भी जागरूक किया जाए, ताकि वे खुद सफाई में सहयोग करें।
- मानगो नगर निगम को हर महीने रिपोर्ट सार्वजनिक करनी चाहिए कि सफाई का काम कहां तक हुआ है।
क्या इससे बाकी शहरों को भी सबक मिलेगा?
जमशेदपुर के इस मामले ने यह साबित कर दिया है कि अगर जनप्रतिनिधि सही तरीके से एक्शन लें, तो समस्याओं का समाधान हो सकता है। अब देखना होगा कि यह सफाई अभियान सिर्फ दिखावे के लिए था, या सच में इस समस्या का स्थायी हल निकलेगा।
आपका क्या कहना है?
क्या सरकार को ऐसे सफाई अभियानों की निगरानी के लिए एक स्थायी टास्क फोर्स बनानी चाहिए? क्या अन्य शहरों में भी ऐसी ही कार्रवाई होनी चाहिए?
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