Nawada Campaign: बाल विवाह मुक्त भारत अभियान का ऐतिहासिक आगाज
नवादा में बाल विवाह मुक्त भारत अभियान का 27 नवंबर से शुभारंभ। जानिए इस अभियान का उद्देश्य, नियम, और इसे रोकने के लिए उठाए गए कदम।
नवादा, 26 नवंबर 2024 – बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराई को जड़ से मिटाने के उद्देश्य से बाल विवाह मुक्त भारत अभियान की शुरुआत होने जा रही है। यह राष्ट्रीय स्तर पर चलने वाला जागरूकता अभियान बाल विवाह के खिलाफ समाज को एकजुट करने और इसके उन्मूलन के लिए सशक्त कदम उठाने का प्रयास है।
सहायक निदेशक, सामाजिक सुरक्षा अमरनाथ कुमार ने इस अभियान की जानकारी साझा करते हुए बताया कि 27 नवंबर 2024 को पूरे जिले में बाल विवाह के खिलाफ शपथ ली जाएगी। यह अभियान बच्चों के अधिकारों को संरक्षित करने और उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य, और विकास को बाधित करने वाले इस गंभीर अपराध को रोकने के लिए समर्पित है।
बाल विवाह: एक गंभीर सामाजिक बुराई
बाल विवाह केवल कानून का उल्लंघन नहीं, बल्कि एक ऐसा अपराध है जो बच्चों के जीवन, शिक्षा, और भविष्य को अंधकारमय बना देता है। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 के तहत 18 वर्ष से कम आयु की लड़कियों और 21 वर्ष से कम आयु के लड़कों की शादी अवैध है। इस कानून का उल्लंघन करने पर दो साल की जेल या ₹1 लाख जुर्माने का प्रावधान है।
अभियान के उद्देश्य और शपथ का महत्व
महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा इस अभियान का मुख्य उद्देश्य जागरूकता के माध्यम से बाल विवाह को रोकना है। अभियान के दौरान विभिन्न स्तरों पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिनमें सरकारी अधिकारी, स्कूल-कॉलेज के शिक्षक-छात्र, अधिवक्ता, और पुलिसकर्मी भाग लेंगे।
सभी प्रतिभागियों को शपथ दिलाई जाएगी, जिसमें यह सुनिश्चित करने का वचन दिया जाएगा कि उनके आसपास बाल विवाह न हो और वे बच्चों की शिक्षा और सुरक्षा के लिए प्रयास करेंगे।
इतिहास की झलक: भारत में बाल विवाह की जड़ें
बाल विवाह भारत में कोई नई समस्या नहीं है। ऐतिहासिक रूप से, यह परंपरा सामाजिक और आर्थिक कारणों से जमी हुई थी। हालांकि, राजा राम मोहन राय, ईश्वर चंद्र विद्यासागर, और महात्मा गांधी जैसे समाज सुधारकों ने इसके खिलाफ आवाज उठाई। 1929 में, शारदा अधिनियम के तहत पहली बार बाल विवाह पर कानूनी रोक लगाई गई।
आज भी, ग्रामीण क्षेत्रों और आर्थिक रूप से पिछड़े समुदायों में यह समस्या बनी हुई है। ऐसे में, बाल विवाह मुक्त भारत अभियान सामाजिक सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम है।
नवादा में जागरूकता कार्यक्रम
अभियान के तहत नवादा जिले के प्रखंड, अनुमंडल, और जिला स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन कार्यक्रमों में स्थानीय महिलाएं, अधिकारी, और सामाजिक संगठनों की भागीदारी होगी।
सहायक निदेशक डॉ. राजकुमार सिंहा ने बताया कि यह अभियान सिर्फ एक औपचारिकता नहीं है, बल्कि समाज को जागरूक करने का एक सशक्त प्रयास है।
बाल विवाह के खिलाफ सामूहिक प्रयास जरूरी
बाल विवाह के खिलाफ लड़ाई अकेले सरकार की नहीं हो सकती। हर नागरिक को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके परिवार और समुदाय में इस बुराई को जड़ से मिटाया जाए।
अभियान की शपथ का प्रमुख अंश:
- बाल विवाह रोकने के हरसंभव प्रयास करेंगे।
- अपने समुदाय में इस बुराई को समाप्त करेंगे।
- बच्चों की शिक्षा और सुरक्षा के लिए आवाज उठाएंगे।
बाल विवाह मुक्त भारत की ओर कदम
यह अभियान बाल विवाह के खिलाफ समाज को जागरूक करने और बच्चों को उनके अधिकार दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। यदि सभी नागरिक इस प्रयास में शामिल हों, तो भारत को बाल विवाह मुक्त बनाना केवल एक सपना नहीं, बल्कि हकीकत बन सकता है।
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