Jamshedpur Cleaning Issues: विधायक सरयू राय की दो टूक

जमशेदपुर के कदमा और सोनारी क्षेत्र में सफाई व्यवस्था पर विधायक सरयू राय ने जेएनएसी और टाटा स्टील यूवाईएसएल अधिकारियों को सख्त हिदायत दी। जानिए सफाई कर्मियों और जनता से जुड़ी बड़ी बातें।

Jan 21, 2025 - 18:13
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Jamshedpur Cleaning Issues: विधायक सरयू राय की दो टूक
Jamshedpur Cleaning Issues: विधायक सरयू राय की दो टूक

जमशेदपुर में सफाई व्यवस्था को लेकर जनता के बीच गहराती समस्याओं ने अब नया मोड़ ले लिया है। कदमा और सोनारी क्षेत्र में गंदगी और सफाई कर्मियों की अनुपस्थिति पर जमशेदपुर पश्चिम के विधायक सरयू राय ने सख्त रुख अपनाते हुए टाटा स्टील यूवाईएसएल और जेएनएसी को कटघरे में खड़ा किया है।

जनहित पर जोर, नहीं चलेगी दबंगई

सरयू राय ने स्पष्ट कहा कि जनता की समस्याओं को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि वे किसी व्यक्ति विशेष के प्रभाव में आकर काम न करें। उन्होंने कहा, "चुनाव के समय सफाई के लिए 25 कर्मी उपलब्ध कराए जा सकते हैं, तो जनता के लिए क्यों नहीं?"

राय ने कहा कि अधिकारियों को बस्तियों का दौरा कर वास्तविक समस्याओं को समझना चाहिए। कचरा, नालियों की सफाई, और पीने के पानी की किल्लत जैसी समस्याएं जनता के लिए विकराल होती जा रही हैं।

चुनाव के बाद बिगड़ी स्थिति

चुनाव खत्म होने के बाद कदमा और सोनारी इलाकों में सफाई व्यवस्था में लापरवाही स्पष्ट दिख रही है। सफाई के लिए नियुक्त ठेकेदार अब गायब हैं, जिससे गंदगी का साम्राज्य फैलता जा रहा है। राय ने कहा, "सफाई कर्मियों का उपयोग नैतिकता के साथ होना चाहिए, न कि किसी के व्यक्तिगत हित के लिए।"

उन्होंने टाटा स्टील यूवाईएसएल पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव के पहले जो सफाई कर्मी तैनात थे, वे अब कहां हैं? सोनारी में पहले 48 और कदमा में 80 से 100 कर्मी तैनात थे। अब मुख्य सड़कों और बस्तियों में कचरे का जमाव हो चुका है।

पीने के पानी पर सवाल

टाटा स्टील यूवाईएसएल द्वारा बस्तीवासियों से अधिक कनेक्शन चार्ज वसूलने पर भी राय ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि सरकार ने दर तय किया है, लेकिन बस्तियों में इसे कम किया जाना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा, "यह नैतिक जिम्मेदारी है कि गरीबों को सस्ती दरों पर पेयजल मुहैया कराया जाए।"

बैठक में क्या हुआ?

राय ने जेएनएसी, टाटा स्टील यूवाईएसएल, और भूमि विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने सफाई और पानी की समस्याओं पर विस्तृत चर्चा की। लेकिन हैरानी की बात यह रही कि टाटा स्टील यूवाईएसएल ने अब सफाई के काम से हाथ खींच लिए हैं। राय ने पूछा कि जब पहले यह जिम्मेदारी निभाई जा रही थी, तो अब अचानक बदलाव क्यों?

उन्होंने अधिकारियों से कहा कि जनता की समस्याओं के समाधान के लिए पारदर्शिता और ईमानदारी के साथ काम करें।

क्या है अगला कदम?

राय ने घोषणा की है कि 25 जनवरी तक वे सफाई व्यवस्था का निरीक्षण करेंगे। यदि सफाई कर्मी बस्तियों में नजर नहीं आए, तो नगर निगम से जवाब मांगा जाएगा। जरूरत पड़ने पर कानूनी कार्रवाई की सिफारिश भी की जाएगी।

उन्होंने कहा कि यदि टाटा स्टील यूवाईएसएल सफाई और पेयजल की जिम्मेदारी नहीं लेता, तो अन्य विकल्पों पर विचार किया जाएगा।

इतिहास और समस्याओं की जड़

जमशेदपुर को हमेशा से एक आदर्श औद्योगिक शहर माना गया है। लेकिन समय के साथ, बस्तियों में बढ़ती आबादी और संसाधनों की कमी ने व्यवस्थाओं पर दबाव डाला है। 2021 में औद्योगिक नगर समिति के गठन के बावजूद समस्याएं जस की तस हैं।

राय ने जनता को आश्वस्त किया कि वे इस मुद्दे पर जल्द समाधान लाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।

जमशेदपुर के कदमा और सोनारी इलाकों की सफाई और पेयजल समस्याएं स्थानीय प्रशासन और कंपनियों की जवाबदेही पर सवाल उठाती हैं। सरयू राय ने इन मुद्दों को सुलझाने की दिशा में ठोस कदम उठाने की बात कही है। क्या प्रशासन इन समस्याओं का समाधान करेगा, या जनता को और इंतजार करना पड़ेगा?

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