EPFO Transfer Process : नौकरी बदलने पर पीएफ ट्रांसफर अब हुआ बेहतरीन और सरल

ईपीएफओ ने पीएफ ट्रांसफर प्रक्रिया को सरल बनाते हुए नौकरी बदलने वाले कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। अब 94% दावे सीधे ईपीएफओ को जाएंगे, जानिए नई प्रक्रिया की खास बातें।

Jan 21, 2025 - 18:16
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EPFO Transfer Process : नौकरी बदलने पर पीएफ ट्रांसफर अब हुआ बेहतरीन और सरल
EPFO Transfer Process : नौकरी बदलने पर पीएफ ट्रांसफर अब हुआ बेहतरीन और सरल

नौकरी बदलते समय पीएफ ट्रांसफर की जटिल प्रक्रिया से अब मुक्ति मिलेगी। ईपीएफओ (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) ने पीएफ हस्तांतरण प्रक्रिया को और अधिक सरल बना दिया है। इस बदलाव के साथ, करोड़ों कर्मचारियों के लिए पीएफ ट्रांसफर अब तेजी से और बिना रुकावट के पूरा होगा।

कैसे बदलेगी प्रक्रिया?

ईपीएफओ ने स्पष्ट किया है कि अब 94% पीएफ ट्रांसफर दावे सीधे ईपीएफओ को भेजे जाएंगे। पहले यह प्रक्रिया नियोजक (एम्प्लॉयर) के हस्तक्षेप पर निर्भर थी। अब, अधिकतर मामलों में यह अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है। इसका मतलब है कि कर्मचारी बिना अपने पुराने या नए नियोक्ता की मंजूरी के, अपने पीएफ को नए खाते में ट्रांसफर कर सकेंगे।

इतिहास पर नजर:
ईपीएफओ की स्थापना 1952 में हुई थी, जिसका उद्देश्य कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित करना था। तब से लेकर अब तक, संगठन ने कई बार तकनीकी और नीतिगत बदलाव किए हैं। पहले पीएफ ट्रांसफर के लिए भारी कागजी कार्रवाई और नियोक्ताओं की स्वीकृति जरूरी होती थी, जो प्रक्रिया को लंबा और जटिल बना देता था।

2024 के आंकड़े क्या कहते हैं?

1 अप्रैल 2024 से अब तक ईपीएफओ ने लगभग 1.30 करोड़ स्थानांतरण दावे ऑनलाइन प्राप्त किए हैं। इनमें से 45 लाख (34.5%) ऑटो-जेनरेटेड स्थानांतरण दावे थे। नए नियमों के तहत 1.20 करोड़ से अधिक दावे सीधे ईपीएफओ को पहुंचेंगे।

क्या होगा कर्मचारियों को फायदा?

  1. तेजी से काम होगा:
    दावों के मंजूर होने में लगने वाला समय अब कम होगा।
  2. शिकायतें घटेंगी:
    वर्तमान में, ईपीएफओ को मिलने वाली 17% शिकायतें पीएफ ट्रांसफर से जुड़ी होती हैं। यह संख्या अब घटने की उम्मीद है।
  3. व्यवसाय में सहूलियत:
    बड़े नियोजकों के लिए भी यह प्रक्रिया सरल होगी, क्योंकि उन्हें अब मंजूरी देने के बोझ से मुक्ति मिलेगी।

टेक्नोलॉजी और पारदर्शिता का साथ:

ईपीएफओ ने नई प्रक्रिया में तकनीकी सुधारों को प्राथमिकता दी है। डिजिटल दावों के माध्यम से न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि कर्मचारियों का संगठन पर भरोसा भी मजबूत होगा। यह बदलाव सरकार की “डिजिटल इंडिया” पहल का हिस्सा है, जिसमें तकनीक का उपयोग करके नागरिकों की जिंदगी को आसान बनाने पर जोर दिया गया है।

सदस्यों के लिए क्या बदलाव?

  • अब ईपीएफओ सदस्य बिना किसी झंझट के ऑनलाइन दावा कर सकते हैं।
  • नियोक्ताओं का हस्तक्षेप केवल विशेष मामलों में ही होगा।
  • प्रक्रियाएं तेज और सुरक्षित होंगी।

भविष्य की राह:

ईपीएफओ का यह कदम सदस्य-केंद्रित नीतियों को बढ़ावा देने का हिस्सा है। यह पहल न केवल कर्मचारियों की सेवाओं को सुगम बनाएगी, बल्कि देश में व्यापार करने की प्रक्रिया को भी आसान बनाएगी।

ईपीएफओ द्वारा पीएफ ट्रांसफर प्रक्रिया में किया गया यह बदलाव कर्मचारियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगा। अब नौकरी बदलने पर पीएफ ट्रांसफर की प्रक्रिया सुगम, तेज और पारदर्शी होगी। इस पहल से न केवल करोड़ों कर्मचारी लाभान्वित होंगे, बल्कि यह भारत की डिजिटल यात्रा में एक और महत्वपूर्ण कदम है।

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