Jamshedpur Raid: मिनी फैक्ट्री से नकली शराब बरामद, आरोपी फरार
जमशेदपुर में सहायक आयुक्त उत्पाद के निर्देश पर बड़ी कार्रवाई। सीतारामडेरा और बिष्टुपुर में छापेमारी कर 1100 लीटर से अधिक नकली शराब बरामद। आरोपी मौके से फरार।

जमशेदपुर से एक सनसनीखेज खबर सामने आई है। सोमवार को जिले में अवैध शराब के खिलाफ प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की। सहायक आयुक्त उत्पाद के निर्देश पर सीतारामडेरा और बिष्टुपुर थाना क्षेत्रों में एक के बाद एक छापेमारी कर पुलिस और उत्पाद विभाग की टीम ने अवैध कारोबारियों की कमर तोड़ दी।
सीतारामडेरा से बरामद 360 बोतल नकली शराब
पहला छापा सीतारामडेरा थाना क्षेत्र के हरिजन बस्ती में मारा गया। यहां दुर्गा साव के घर से करीब 360 बोतल नकली विदेशी शराब और लगभग 47 लीटर बीयर जब्त की गई। खास बात यह रही कि यह शराब पहले से ही झोलों में पैक कर सप्लाई के लिए तैयार रखी गई थी।
जैसे ही टीम ने दबिश दी, आरोपी दुर्गा साव पिछले दरवाजे से फरार हो गया। अब उसके खिलाफ उत्पाद अधिनियम की सुसंगत धाराओं में केस दर्ज किया जा रहा है।
बिष्टुपुर में मिनी फैक्ट्री का भंडाफोड़
इसके तुरंत बाद टीम बिष्टुपुर थाना क्षेत्र के धतकीडीह हरिजन बस्ती पहुंची। यहां जो खुलासा हुआ, उसने सभी को चौंका दिया। मुन्ना घोष की झुग्गी से नकली विदेशी शराब बनाने की मिनी फैक्ट्री पकड़ी गई।
यहां से पुलिस ने 155 लीटर नकली विदेशी शराब और 600 लीटर महुआ चुलाई शराब बरामद की। यही नहीं, बोतलें, स्टीकर, कॉर्क, ढक्कन, स्पिरिट, कैरामेल और अन्य सामग्री भी जब्त हुई। यह पूरा सिस्टम शराब बनाने और ब्रांडेड पैकेजिंग करने के लिए तैयार था।
संकरी गलियों का फायदा उठाकर आरोपी मौके से फरार हो गया। पुलिस अब उसकी तलाश में छापेमारी कर रही है।
झारखंड में अवैध शराब का इतिहास
झारखंड में अवैध शराब का कारोबार कोई नया नहीं है। ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरी बस्तियों तक, नकली शराब और महुआ चुलाई का कारोबार लंबे समय से चलता आ रहा है।
इतिहास गवाह है कि हर साल पुलिस कई हजार लीटर अवैध शराब जब्त करती है, लेकिन फिर भी यह धंधा पूरी तरह खत्म नहीं हो पाता। खासकर त्योहारों और चुनावी मौसम में इसकी डिमांड बढ़ जाती है और कारोबारी ज्यादा सक्रिय हो जाते हैं।
2016 में रांची और बोकारो में नकली शराब पीने से कई लोगों की मौत की घटना आज भी लोगों को याद है। इसके बाद सरकार ने कई बार सख्त कार्रवाई का दावा किया, लेकिन जमीनी हकीकत यही है कि यह नेटवर्क लगातार सक्रिय रहता है।
समाज पर खतरा
नकली शराब सिर्फ अवैध कारोबार नहीं है, बल्कि समाज के लिए बड़ा खतरा है। इस तरह की शराब पीने से कई बार लोगों की जान तक चली जाती है। नकली स्पिरिट और केमिकल मिलाकर बनाई गई शराब से गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।
यही वजह है कि प्रशासन इस धंधे को जड़ से खत्म करने के लिए बार-बार छापेमारी करता है। परंतु जब तक आम लोग सतर्क नहीं होंगे और इस कारोबार की जानकारी पुलिस तक नहीं पहुंचाएंगे, तब तक इसे रोकना आसान नहीं होगा।
प्रशासन का ऐलान
जिला प्रशासन ने साफ कर दिया है कि अवैध शराब कारोबारियों के खिलाफ लगातार अभियान जारी रहेगा। सीतारामडेरा और बिष्टुपुर की कार्रवाई सिर्फ शुरुआत है। अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में ऐसे धंधे से जुड़े और लोगों को गिरफ्तार किया जाएगा।
स्थानीय लोग क्या कहते हैं?
मौके पर मौजूद कुछ लोगों का कहना था कि यह कारोबार लंबे समय से यहां चल रहा था। कई बार इसकी शिकायत भी की गई, लेकिन ठोस कार्रवाई अब जाकर हुई। कॉलोनीवासियों ने प्रशासन से अपील की है कि ऐसे नेटवर्क को हमेशा के लिए खत्म किया जाए, ताकि नई पीढ़ी इस जहर से बच सके।
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