Jamshedpur Blaze: झामुमो नेता की गाड़ी में रात 4 बजे आग! सोए थे घर में, बाहर कार जलकर राख
झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता सोनू सिंह की चार पहिया वाहन को रात के अंधेरे में क्यों जलाया गया? क्या यह सिदगोड़ा में बढ़ते राजनीतिक टकराव का नतीजा है? घर के पास खड़ी गाड़ी को शरारती तत्वों ने कैसे निशाना बनाया? पुलिस ने मौके पर पहुंचकर क्या कार्रवाई शुरू की है? पूरी सनसनीखेज घटना और उसके पीछे का राज यहां पढ़ें!
जमशेदपुर, 27 अक्टूबर 2025 - जमशेदपुर में सोमवार की सुबह एक ऐसी सनसनीखेज घटना हुई, जिसने स्थानीय राजनीति और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सिदगोड़ा थाना क्षेत्र के भुइयांडीह कानू भट्ठा इलाके में झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेता सोनू सिंह की चार पहिया वाहन को शरारती तत्वों ने रात के अंधेरे में आग के हवाले कर दिया।
घटना की प्रकृति को देखते हुए, यह महज कोई दुर्घटना नहीं, बल्कि एक साजिश या राजनीतिक बदले की कार्रवाई मानी जा रही है, जिसने पूरे इलाके में दहशत और तनाव का माहौल बना दिया है।
जब नेता घर में थे सोए, तब बाहर जल रही थी गाड़ी
घटना अहले सुबह करीब 4 बजे की बताई जा रही है। झामुमो नेता सोनू सिंह की कार उनके घर के ठीक पास खड़ी थी। उस वक्त सोनू सिंह अपने परिवार के साथ घर में गहरी नींद में सो रहे थे।
तभी, किसी शरारती तत्व ने उनकी कार को निशाना बनाया और आग लगा दी। जब सोनू सिंह को उनके वाहन में आग लगने की खबर मिली, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। वे तुरंत परिवार के साथ बाहर पहुंचे और देखा कि उनकी प्रिय कार बुरी तरह से जल रही है।
पड़ोसियों की मदद से बुझाई आग, लेकिन...
कार में लगी आग इतनी भीषण थी कि अगर समय रहते उस पर काबू नहीं पाया जाता तो यह पास के घरों तक भी फैल सकती थी। आनन-फानन में सोनू सिंह और उनके पड़ोसियों ने एकजुट होकर पानी और बालू डालकर आग पर काबू पाया।
हालांकि, आग बुझाने में वे सफल रहे, लेकिन तब तक कार का अधिकांश हिस्सा जलकर राख हो चुका था। इस घटना से सोनू सिंह को बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या यह हमला उनकी राजनीतिक सक्रियता के कारण किया गया है?
पुलिस के सामने गंभीर चुनौती
घटना की सूचना तुरंत सिदगोड़ा पुलिस को दी गई। पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी है। इस मामले में पुलिस के सामने कई गंभीर चुनौतियाँ हैं:
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'शरारती तत्व' कौन?: पुलिस को यह पता लगाना होगा कि ये 'शरारती तत्व' कौन हैं—क्या वे कोई स्थानीय गुंडे हैं, विरोधी राजनीतिक दल के सदस्य हैं, या यह किसी व्यक्तिगत रंजिश का मामला है जिसे राजनीतिक रंग दिया जा रहा है।
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साजिश की गहराई: चूंकि यह एक राजनीतिक नेता की गाड़ी को जलाया गया है, इसलिए पुलिस को राजनीतिक साजिश के कोण से भी जांच करनी होगी। क्या यह घटना किसी को डराने या इलाके में वर्चस्व स्थापित करने के लिए की गई है?
इतिहास की झलक: जमशेदपुर और आसपास के औद्योगिक क्षेत्रों में अक्सर राजनीतिक और आपराधिक प्रतिद्वंद्विता के चलते हिंसा और आगजनी की घटनाएं होती रही हैं। ऐसे में, झामुमो नेता की कार में आग लगने की यह घटना भी पुरानी प्रतिद्वंद्विता की ओर संकेत कर सकती है, जिसकी गहन जांच की आवश्यकता है।
फिलहाल, पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और दोषियों की पहचान कर जल्द ही उन्हें सलाखों के पीछे लाने का आश्वासन दिया है। लेकिन जब तक अपराधी पकड़े नहीं जाते, तब तक सिदगोड़ा और भुइयांडीह इलाके में यह डर बना रहेगा कि अगला निशाना कौन होगा।
पाठकों से सवाल:
क्या आप मानते हैं कि इस तरह की घटनाएं केवल 'शरारती तत्वों' का काम होती हैं, या इसके पीछे कोई गहरी साजिश हो सकती है? कमेंट करके अपनी राय बताएं।
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