Ranchi Weather Alert: झारखंड में मॉनसून विदाई के बाद भी क्यों बरस रही है बारिश?
झारखंड से मॉनसून विदा होने के बावजूद बारिश क्यों हो रही है? जानिए किन जिलों में हल्की बूंदाबांदी और बिजली गिरने का अलर्ट है, और क्यों इस साल की विदाई 10 सालों में सबसे जल्दी हुई।

झारखंड से मॉनसून आधिकारिक रूप से विदा ले चुका है। 24 सितंबर को भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने प्रेस रिलीज जारी कर बताया था कि मॉनसून गुजरात और राजस्थान के साथ झारखंड से भी पूरी तरह लौट गया है। यह विदाई सामान्य तारीख 1 अक्टूबर से पूरे सात दिन पहले हो गई, जो पिछले 10 सालों में सबसे जल्दी है। लेकिन अब सवाल यह उठता है कि जब मॉनसून विदा हो चुका है, तो रांची से लेकर जमशेदपुर तक बारिश क्यों हो रही है?
जल्दी विदाई, लेकिन क्यों बरस रहे बादल?
IMD के वैज्ञानिकों के मुताबिक, झारखंड में हो रही यह बारिश असल में "पोस्ट-मॉनसून एक्टिविटी" का हिस्सा है। बंगाल की खाड़ी में बने डिप्रेशन और लो-प्रेशर सिस्टम की वजह से राज्य में हल्की बारिश और गरज-चमक वाले बादल बन रहे हैं।
रांची मौसम केंद्र के अनुसार, राजधानी में आज न्यूनतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 30 डिग्री के आसपास रहने की उम्मीद है। आसमान ज्यादातर बादलयुक्त रहेगा और करीब 83% संभावना है कि एक-दो बार हल्की बारिश या थंडरशॉवर देखने को मिले। हालांकि बारिश की तीव्रता बहुत कम होगी – लगभग 0.9 मिमी।
इन जिलों में सबसे ज्यादा असर
मौसम विभाग ने 2 और 3 अक्टूबर तक झारखंड के कई जिलों में बारिश की संभावना जताई है। इनमें शामिल हैं –
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धनबाद
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बोकारो
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गिरिडीह
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जामताड़ा
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देवघर
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दुमका
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गोड्डा
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पाकुड़
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साहिबगंज
इन जिलों में हल्की बूंदाबांदी से लेकर गरज-चमक वाले बादल देखने को मिल सकते हैं। बिजली गिरने और तेज हवाओं की चेतावनी भी जारी की गई है।
इतिहास की झलक: 10 सालों में सबसे जल्दी विदाई
आमतौर पर झारखंड से मॉनसून की विदाई सितंबर के आखिर या अक्टूबर की शुरुआत में होती है। लेकिन इस बार यह पूरे हफ्ते पहले चला गया। मौसम विशेषज्ञ बताते हैं कि 2014 के बाद यह पहली बार है जब मॉनसून ने इतनी जल्दी विदाई ली है। दिलचस्प बात यह है कि जल्दी विदाई के बावजूद इस साल झारखंड में औसत से ज्यादा बारिश हुई।
IMD के आंकड़ों के अनुसार, झारखंड में मॉनसून सीजन के दौरान औसतन 1080 मिमी बारिश होती है, लेकिन इस साल यह आंकड़ा लगभग 1150 मिमी तक पहुंच गया। यानी, जल्दी विदाई लेकिन ज्यादा बरसात – यह एक अनोखा मेल रहा।
महाअष्टमी और त्योहारों पर असर
2 और 3 अक्टूबर को नवरात्र की महाअष्टमी और नवमी की पूजा होगी। ऐसे में हल्की बारिश पूजा-अर्चना और पंडाल दर्शन को थोड़ा प्रभावित कर सकती है। रांची, धनबाद और बोकारो जैसे शहरी इलाकों में जहां बड़ी संख्या में लोग पूजा पंडालों में जाते हैं, वहां बूंदाबांदी से यातायात और भीड़ पर असर पड़ सकता है।
आगे का मौसम क्या कहता है?
मौसम विभाग ने साफ किया है कि अब राज्य में भारी बारिश की कोई संभावना नहीं है। 27 से 30 सितंबर के बीच जारी की गई चेतावनी खत्म हो चुकी है। अब केवल हल्की बारिश, तेज हवाएं और गरज-चमक वाले बादलों के साथ बिजली गिरने की आशंका बनी रहेगी।
साथ ही, अक्टूबर की शुरुआत से झारखंड में ठंडक की दस्तक महसूस होने लगेगी। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक, जैसे ही मानसून विदा होता है, उत्तर-पश्चिमी हवाएं तेज हो जाती हैं। इसका असर अक्टूबर के मध्य से तापमान पर दिखेगा, जब न्यूनतम पारा 18 से 20 डिग्री तक गिर सकता है।
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