Jamshedpur Politics: "मेरे काम में गलती हो तो बताएं, मैं सुधार लूंगा"- सरयू राय का बड़ा बयान
जमशेदपुर में संविधान दिवस पर विधायक सरयू राय ने बार एसोसिएशन के सदस्यों से सीधा संवाद किया। जानें उनके विचार और राजनीति में सुधार की दिशा में दिए गए सुझाव।
26 नवंबर 2024 : जमशेदपुर के विधायक और जनप्रतिनिधि सरयू राय ने संविधान दिवस पर जमशेदपुर जिला बार एसोसिएशन के विशेष सम्मान समारोह में अपनी राजनीतिक विचारधारा और जनता के प्रति जिम्मेदारी को लेकर खुलकर बात की। राय ने अपने बयान में न केवल आत्मनिरीक्षण का आग्रह किया बल्कि राजनीतिक सुधारों के लिए भी अहम सुझाव दिए।
“गलती करें तो मुझे बताएं” - सरयू राय का जनता से सीधा संवाद
समारोह में बोलते हुए, सरयू राय ने कहा, “जो काम करेगा, वही गलती करेगा। जो काम नहीं करेगा, उससे गलती की उम्मीद भी नहीं होती। अगर मैं कोई गलती करता हूं, तो मुझे बताएं। मैं उसे सुधारने में देर नहीं करूंगा। मेरा उद्देश्य जनता की भलाई है और इसमें मैं अधिवक्ताओं और आम जनता का सहयोग चाहता हूं।”
यह बात राय ने उस संदर्भ में कही जब उन्होंने राजनीति में पारदर्शिता और जवाबदेही की बात की। उन्होंने जोर दिया कि जनप्रतिनिधियों को कानून बनाने में अधिक रुचि लेनी चाहिए, जिससे न्यायपालिका पर बोझ कम हो और अधिवक्ताओं को अपने कार्य में सहूलियत हो।
संविधान और राजनीतिक सुधारों पर चर्चा
सरयू राय ने भारतीय संविधान को दुनिया का “सबसे लचीला संविधान” बताते हुए कहा, “हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपनी भूमिकाओं का सही तरीके से निर्वहन करें। यदि नियम-कानून सही तरीके से बनाए जाएं, तो कई विसंगतियां समाप्त हो सकती हैं। कानून निर्माता कानून को शक्ति से तौलने वाले नहीं, बल्कि सृजनकर्ता बनें, तो स्थितियां बेहतर होंगी।”
उन्होंने कहा कि यदि विधानसभा और लोकसभा में कानून बनाने की प्रक्रिया में भागीदारी बढ़े, तो जनता को न्याय के लिए अदालतों का रुख कम करना पड़ेगा।
बार एसोसिएशन ने उठाईं समस्याएं
जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रतीन दास ने सरयू राय का स्वागत करते हुए बार के सदस्यों की समस्याओं को सामने रखा। इनमें इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार, पुस्तकालय सुविधाओं में विस्तार, और तकनीकी संसाधनों की मांग शामिल थी। सरयू राय ने इन मांगों को पूरा करने का आश्वासन देते हुए कहा कि वह इन्हें प्राथमिकता देंगे।
संविधान दिवस पर बार एसोसिएशन का आयोजन
इस सम्मान समारोह में बार एसोसिएशन के कई प्रमुख सदस्य, जैसे राकेश रंजन, बलई पांडा, राजहंस तिवारी, और आरडी सिंह, उपस्थित थे। इस दौरान, सरयू राय को शॉल और नारियल भेंट कर सम्मानित किया गया।
राजनीति में पारदर्शिता और संक्रमण काल
राय ने राजनीति को एक संक्रमणकालीन दौर में बताया, जहां नई चुनौतियों और बदलावों के साथ काम करना सीखना होगा। उन्होंने कहा, “नए कानूनी प्रावधानों ने कुछ परेशानियां जरूर पैदा कीं, लेकिन जनता ने इसे सकारात्मक रूप से स्वीकार किया है।”
इतिहास और संदर्भ
भारतीय संविधान दिवस को 1949 में संविधान सभा द्वारा संविधान के अंगीकरण के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य न केवल संविधान के महत्व को समझना है, बल्कि जनता और जनप्रतिनिधियों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों की याद दिलाना भी है।
सरयू राय का यह बयान इस बात को रेखांकित करता है कि एक राजनेता की जिम्मेदारी केवल कानून बनाने तक सीमित नहीं है, बल्कि उसे जनता की प्रतिक्रिया और जरूरतों पर भी ध्यान देना चाहिए।
जमशेदपुर जिला बार एसोसिएशन का यह आयोजन सिर्फ सम्मान का कार्यक्रम नहीं था, बल्कि राजनीतिक जवाबदेही और सुधारों पर संवाद का एक महत्वपूर्ण मंच भी बना। सरयू राय की “गलती बताने और सुधारने” की अपील ने राजनीति में पारदर्शिता और जनता से संवाद के महत्व को फिर से उजागर किया।
यह कार्यक्रम साबित करता है कि अगर जनप्रतिनिधि और जनता एकजुट होकर काम करें, तो न केवल प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार हो सकता है, बल्कि देश का हर नागरिक अपने अधिकारों का लाभ उठा सकता है।
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