Jamshedpur Mahadev: बन्ना गुप्ता की स्वर्णरेखा आरती में जुटेंगे लाखों भक्त, भव्य आयोजन की तैयारियां तेज
महाशिवरात्रि पर जमशेदपुर में पूर्व मंत्री बन्ना गुप्ता द्वारा स्वर्णरेखा महाआरती का भव्य आयोजन। 50 हजार निमंत्रण कार्ड बांटे गए, लाखों श्रद्धालु शामिल होंगे। जानें पूरी जानकारी।
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जमशेदपुर: एक ओर पूरा देश कुंभ की आस्था में डूबा है, वहीं दूसरी ओर झारखंड के पूर्व मंत्री बन्ना गुप्ता महाशिवरात्रि पर भव्य स्वर्णरेखा महाआरती की तैयारियों में जुटे हुए हैं। जमशेदपुर के सोनारी दोमुहानी संगम घाट पर हर साल की तरह इस बार भी भव्य आयोजन होगा, जिसमें लाखों श्रद्धालु शामिल होंगे। खास बात यह है कि इस आरती के पहले मां स्वर्णरेखा नदी की पूजा की जाएगी और आयोजन के दौरान आतिशबाजी एवं पुष्पवर्षा भी की जाएगी।
स्वर्णरेखा आरती: चार साल से बन रही भव्य परंपरा
बन्ना गुप्ता पिछले चार वर्षों से स्वर्णरेखा आरती का आयोजन कर रहे हैं। यह आयोजन केवल एक धार्मिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि आस्था और सांस्कृतिक धरोहर को संजोने की परंपरा बन गया है। गुप्ता ने महाशिवरात्रि पर शिवभक्तों की आस्था को एक नया आयाम देने के लिए इस आरती की शुरुआत की थी। धीरे-धीरे इसका दायरा बढ़ता गया और अब यह झारखंड के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक बन गया है।
50 हजार निमंत्रण कार्ड बांटे गए, लाखों भक्तों के आने की उम्मीद
इस साल के आयोजन को और भव्य बनाने के लिए 50 हजार निमंत्रण कार्ड बांटे गए हैं। आयोजकों का दावा है कि इस बार एक लाख से ज्यादा लोग स्वर्णरेखा आरती में शामिल होंगे। पूरे शहर में पोस्टर, बैनर और सोशल मीडिया के जरिए भी इस आयोजन का प्रचार किया जा रहा है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस पुण्य कार्य में भागीदार बन सकें।
बन्ना गुप्ता ने की तैयारियों की समीक्षा, सफाई पर दिया जोर
बन्ना गुप्ता ने खुद दोमुहानी संगम घाट का निरीक्षण किया और सफाई व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने आयोजन स्थल का चयन कर स्थानीय प्रशासन और कार्यकर्ताओं को विशेष निर्देश दिए कि किसी भी श्रद्धालु को कोई असुविधा न हो। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि यह सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि आस्था का उत्सव है, जिसमें हर व्यक्ति को सहयोग देना चाहिए।
महाशिवरात्रि और स्वर्णरेखा नदी का ऐतिहासिक महत्व
महाशिवरात्रि का पर्व भगवान शिव और मां गंगा से जुड़ा हुआ है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, इसी दिन शिव और पार्वती का विवाह हुआ था और इस दिन गंगा स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। स्वर्णरेखा नदी का ऐतिहासिक महत्व भी कम नहीं है। यह नदी झारखंड, पश्चिम बंगाल और उड़ीसा से होकर बहती है और आदिवासी समाज की सांस्कृतिक धरोहर से गहराई से जुड़ी हुई है। यहां के लोग इसे "मां स्वर्णरेखा" के रूप में पूजते हैं और इसकी आरती करना शिव भक्ति का एक अनूठा रूप है।
बन्ना गुप्ता की अपील – इस आस्था संगम में सपरिवार शामिल हों
बन्ना गुप्ता ने सभी श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे महाशिवरात्रि के इस पावन अवसर पर अपने परिवार के साथ आकर पुण्य के भागी बनें। आयोजन को लेकर पूरे शहर में जबरदस्त उत्साह है, और श्रद्धालु बेसब्री से इस महाआरती का इंतजार कर रहे हैं।
आयोजन की खास बातें:
स्वर्णरेखा नदी पूजन
भव्य महाआरती और शिव भजन संध्या
विशाल आतिशबाजी और पुष्पवर्षा
श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था और प्रसाद वितरण
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