सड़क हादसे में युवक की मौत: अज्ञात वाहन बना काल, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल!
जमशेदपुर के एक 25 वर्षीय युवक की अज्ञात वाहन की चपेट में आने से मौत हो गई। जानिए कैसे एक मामूली सफर बना जिंदगी का आखिरी सफर और कैसे परिवार इस सदमे से जूझ रहा है।
जमशेदपुर के एमजीएम थाना क्षेत्र के इदिलबेड़ा गांव में शनिवार की रात एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसने सबको झकझोर कर रख दिया। 25 वर्षीय हरिपौधों सिंह सरदार, जो एक उभरता हुआ छात्र था, ने अपनी जिंदगी के सबसे अनचाहे मोड़ पर अपना अंतिम सफर तय किया।
डिमना चौक से अपने घर की ओर बढ़ते हुए हरिपौधों शायद अपनी पढ़ाई या भविष्य के सपनों में खोया होगा, लेकिन मुखियाडांगा के पास किसी अज्ञात वाहन ने उसकी दुनिया ही उजाड़ दी। वाहन की जोरदार टक्कर से हरिपौधों गंभीर रूप से घायल हो गया।
पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए उसके परिजनों को घटना की जानकारी दी और तुरंत उसे टीएमएच अस्पताल में भर्ती कराया। परंतु इलाज के दौरान रविवार की रात, जब बाकी लोग चैन की नींद सो रहे थे, हरिपौधों ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया।
हरिपौधों, जो वर्कर्स कॉलेज में सेकंड ईयर का छात्र था, हमेशा अपने दोस्तों और परिवार के बीच हंसमुख और मिलनसार के रूप में जाना जाता था। उसकी आकस्मिक मृत्यु से पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई है।
सोमवार को, पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद हरिपौधों का शव उसके परिजनों को सौंप दिया। परिवार के लिए यह हादसा किसी सपने के टूटने जैसा है। गांव वालों का कहना है कि "हमारे गांव का ये चिराग ऐसे बुझ जाएगा, ये किसी ने सोचा भी नहीं था।"
हरिपौधों के जाने के बाद अब सवाल उठता है कि क्या सड़क सुरक्षा को लेकर हम सबकुछ सही कर रहे हैं? क्या अज्ञात वाहन चालक को कभी सज़ा मिलेगी? और सबसे बड़ा सवाल - क्या हरिपौधों जैसे और भी युवा इन खतरनाक सड़कों पर अपनी जान गंवाएंगे?
इस घटना ने एक बार फिर से सड़क सुरक्षा और जिम्मेदार ड्राइविंग की अहमियत को उजागर कर दिया है। उम्मीद है कि हरिपौधों की मौत केवल एक आँकड़ा बनकर नहीं रह जाएगी, बल्कि हमें सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करेगी।
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