Hazaribagh-Accident Shock: खाई में गिर गई राजश्री बस, खलासी चला रहा था बस, ड्राइवर फरार!
हजारीबाग में सोमवार सुबह एक दर्दनाक हादसे में पटना से आ रही राजश्री बस खाई में गिर गई। बस को खलासी चला रहा था। 9 लोग घायल हुए, 3 की हालत गंभीर है। ड्राइवर और स्टाफ मौके से फरार।
हजारीबाग में सोमवार की सुबह एक ऐसा दर्दनाक हादसा हुआ जिसने न सिर्फ यात्रियों को दहशत में डाल दिया बल्कि बस संचालन की लापरवाही की भी पोल खोल दी। पटना से हजारीबाग आ रही "राजश्री" नामक यात्री बस, रांची-पटना रोड पर गहरी खाई में जा गिरी, जिससे 9 लोग घायल हो गए, जिनमें 3 की हालत नाजुक बताई जा रही है।
लेकिन हादसे से भी ज्यादा चौंकाने वाला पहलू ये रहा कि बस को ड्राइवर नहीं, खलासी चला रहा था, जो हादसे के तुरंत बाद ड्राइवर और बाकी स्टाफ के साथ मौके से फरार हो गया।
कैसे हुआ हादसा? यात्रियों की जुबानी
हादसे के समय बस में ज्यादा भीड़ नहीं थी, जो एक राहत की बात रही। बस में सवार यात्रियों ने बताया कि रास्ते में खलासी ने बस की कमान संभाल ली थी। तेज रफ्तार में बस चलाते समय खलासी ने नियंत्रण खो दिया, और यही अनदेखी बस को हादसे की ओर ले गई।
जैसे ही बस गहरी खाई में गिरी, यात्रियों में चीख-पुकार मच गई। कई यात्री बस के शीशे तोड़कर बाहर निकले और आसपास के लोगों की मदद से घायलों को बाहर लाया गया।
ड्राइवर और स्टाफ क्यों फरार? क्या था छिपाने को?
सबसे बड़ा सवाल यही है कि जब बस हादसे का शिकार हुई, तो ड्राइवर, खलासी और पूरा स्टाफ क्यों मौके से भाग गया? क्या वे जानते थे कि उन्होंने नियम तोड़े हैं?
सूत्रों के मुताबिक बस चालक हादसे से पहले ही खलासी को बस चलाने की अनुमति देकर आराम कर रहा था, जो कानूनन अपराध है। दुर्घटना के बाद बस संचालक को भी सूचना दी गई, लेकिन वो भी घटनास्थल पर नहीं पहुंचा। इससे यात्रियों में और भी नाराजगी फैल गई।
पदमा ओपी पुलिस ने संभाला मोर्चा
हादसे की सूचना मिलते ही पदमा ओपी पुलिस मौके पर पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। सभी घायलों को शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां इलाज जारी है।
पुलिस अब फरार चालक, खलासी और संचालक की तलाश में जुट गई है। साथ ही यह भी जांच की जा रही है कि बस में खलासी को ड्राइविंग की अनुमति किसने और क्यों दी।
राजश्री बस सेवा पर सवाल
यह पहला मौका नहीं है जब राजश्री बस सेवा को लेकर शिकायतें सामने आई हों। पूर्व में भी कई यात्रियों ने तेज रफ्तार, समय से पहले बस रोकना, और अनुभवहीन स्टाफ के बस चलाने की शिकायतें की हैं।
लेकिन अब जब यह हादसा हुआ है, तो सवाल यह भी उठता है कि क्या परिवहन विभाग ने कभी इस कंपनी की निगरानी की? क्या इसके संचालन पर कोई जवाबदेही तय की गई थी?
हजारीबाग की सड़कें और पुराने हादसों का इतिहास
हजारीबाग के आसपास का इलाका, खासकर रांची-पटना रोड, पहले भी सड़क हादसों का गवाह बन चुका है। बीते तीन वर्षों में इस मार्ग पर दर्जनों बड़े हादसे हो चुके हैं। वजह वही— खस्ताहाल सड़कें, लापरवाह ड्राइविंग, और बस ऑपरेटरों की गैरजिम्मेदारी।
यात्रियों की मांग: मुआवजा और जवाबदेही
हादसे में बचे यात्रियों और घायलों ने न सिर्फ बस संचालक से मुआवजे की मांग की है, बल्कि प्रशासन से यह भी गुहार लगाई है कि ऐसे लापरवाह बस ऑपरेटरों पर सख्त कार्रवाई हो।
एक घायल यात्री ने कहा—
"हमने अपनी जान बचाई, लेकिन क्या अगली बार कोई और बच पाएगा? जो भी जिम्मेदार हैं, उन्हें सजा मिलनी चाहिए।"
यह हादसा सिर्फ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम की लापरवाही का जीता-जागता उदाहरण है। यदि अब भी प्रशासन और परिवहन विभाग नहीं जागा, तो आगे और भी बड़े हादसे हो सकते हैं।
अब समय आ गया है कि नियम तोड़ने वाले बस ऑपरेटरों पर नकेल कसी जाए, और यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोपरि माना जाए, न कि मुनाफे को।
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