Bahargora Tragedy: लोहे के दरवाजे में उतरा करंट! बिंदावनपुर गांव में घरेलू काम करते मिता रानी सीट की मौत, विधायक ने दिया सांत्वना और आश्वासन
बहरागोड़ा प्रखंड की गोपालपुर पंचायत के बिंदावनपुर गांव में घर के लोहे के दरवाजे में करंट आने से मिता रानी सीट की मौत हो गई। विद्युत तार के संपर्क से यह हादसा हुआ। विधायक समीर मोहंती ने घटनास्थल पर पहुंचकर परिजनों को सहायता का आश्वासन दिया है।
बहरागोड़ा प्रखंड की गोपालपुर पंचायत के बिंदावनपुर गांव में आज एक अविश्वसनीय और दर्दनाक दुर्घटना सामने आई है, जिसने गांव को स्तब्ध कर दिया है। घर के रोजमर्रा के काम में लगी मिता रानी सीट नामक महिला की मौत घर के लोहे के दरवाजे में उतरे बिजली के करंट के झटके से हो गई। यह हादसा इतना अचानक हुआ कि किसी को संभलने का मौका भी नहीं मिला।
मिली जानकारी के अनुसार, मिता रानी रोजाना की तरह अपने घरेलू काम कर रही थीं। दुर्भाग्यवश, इसी दौरान घर पर लगे लोहे के दरवाजे से विद्युत तार का सीधा संपर्क हो गया, जिससे पूरे दरवाजे में खतरनाक करंट फैल गया। जैसे ही मिता रानी ने दरवाजे को छुआ, वह तेज करंट की चपेट में आ गईं और मौके पर ही दम तोड़ दिया।
घरों तक पहुंचा 'करंट' का खतरा
यह दुर्घटना एक बार फिर ग्रामीण क्षेत्रों में जर्जर विद्युत व्यवस्था और असुरक्षित वायरिंग के गहरे खतरे को उजागर करती है। बिजली का करंट घरों के दरवाजे तक पहुंचना विद्युत विभाग की घोर लापरवाही की ओर स्पष्ट इशारा करता है।
स्थानीय लोगों का गुस्सा इस बात पर है कि असुरक्षित विद्युत तार और ढीली फिटिंग के कारण उनके जीवन को हर पल खतरा रहता है। मिता रानी सीट की असामयिक मौत ने पूरे गांव में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है, क्योंकि अब हर कोई अपने घर के लोहे के दरवाजे या ग्रिल को छूने से डर रहा है।
विधायक ने पहुंचकर दिया सहायता का आश्वासन
घटना की सूचना स्थानीय विधायक समीर मोहंती तक भी पहुंची। विधायक मोहंती ने तत्काल बिंदावनपुर गांव पहुंचकर शोक संतप्त मृतक के परिजनों से मुलाकात की और गहरा दुःख व्यक्त करते हुए उन्हें सांत्वना दी।
-
सहायता का वादा: विधायक ने परिजनों को आश्वस्त किया कि वह जल्द ही प्रशासन और विद्युत विभाग से संपर्क करेंगे और मृतक परिवार को नियमों के अनुसार आवश्यक सहायता और मुआवजा सुनिश्चित कराएंगे।
मिता रानी सीट की अचानक मौत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। यह दुर्घटना बहरागोड़ा ही नहीं, बल्कि पूरे झारखंड के ग्रामीण विद्युत ढांचे की कमजोरियों को सामने लाती है, जहां एक साधारण दरवाजा भी जानलेवा साबित हो सकता है।
आपकी राय में, बहरागोड़ा जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली के करंट से होने वाली मौतों को रोकने के लिए विद्युत विभाग को कौन से दो अनिवार्य सुरक्षा मानक तुरंत लागू करने चाहिए?
What's Your Reaction?


