Palamu Siege: जंगल बचाओ को लेकर उग्र प्रदर्शन! सतबरवा अंचल कार्यालय का मुख्य गेट जाम, पारंपरिक हथियारों के साथ ग्रामीण घुसे अंचलाधिकारी के कक्ष तक, पत्थर माइंस पर जारी संग्राम

पलामू के सतबरवा में रेवारातु गांव के ग्रामीणों ने पत्थर माइंस के खिलाफ 'जंगल बचाओ अभियान समिति' के बैनर तले उग्र प्रदर्शन किया। पारंपरिक हथियारों के साथ प्रदर्शनकारियों ने अंचल कार्यालय का गेट जाम कर दिया और अंचलाधिकारी के कक्ष तक जाकर हंगामा किया।

Oct 7, 2025 - 18:46
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Palamu Siege: जंगल बचाओ को लेकर उग्र प्रदर्शन! सतबरवा अंचल कार्यालय का मुख्य गेट जाम, पारंपरिक हथियारों के साथ ग्रामीण घुसे अंचलाधिकारी के कक्ष तक, पत्थर माइंस पर जारी संग्राम
Palamu Siege: जंगल बचाओ को लेकर उग्र प्रदर्शन! सतबरवा अंचल कार्यालय का मुख्य गेट जाम, पारंपरिक हथियारों के साथ ग्रामीण घुसे अंचलाधिकारी के कक्ष तक, पत्थर माइंस पर जारी संग्राम

झारखंड के पलामू जिले के सतबरवा प्रखंड सह अंचल कार्यालय में मंगलवार को अराजकता और जन-विरोध का अभूतपूर्व दृश्य देखने को मिला। रेवारातु गांव के ग्रामीणों ने जंगल और पहाड़ को बचाने की मांग को लेकर इतना उग्र प्रदर्शन किया कि अंचल कार्यालय का मुख्य द्वार पूरी तरह से जाम हो गया और अफरा-तफरी का माहौल बन गया। यह संघर्ष विकास और पर्यावरण के बीच की उस पुरानी रस्साकशी को फिर से उजागर करता है, जिसमें स्थानीय लोग अपनी प्राकृतिक विरासत को बचाने के लिए अंतिम दम तक लड़ने को तैयार हैं।

‘जंगल बचाओ अभियान समिति’ के बैनर तले जुटे ग्रामीणों ने न केवल जमकर नारेबाजी की, बल्कि पारंपरिक हथियारों के साथ शक्ति प्रदर्शन भी किया। इस उग्र प्रदर्शन ने प्रशासन को हिलाकर रख दिया।

पारंपरिक हथियारों के साथ प्रदर्शन और मुख्य गेट जाम

प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व शिवराज सिंह (अध्यक्ष, जंगल बचाओ अभियान समिति) ने किया, जबकि आशीष कुमार सिन्हा ने संचालन संभाला। उनके साथ महेश यादव, अशोक यादव, प्रवेश, संदीप यादव, अशर्फी यादव, बनौधी यादव और रविन्द्र सिंह खरवार जैसे कई अन्य ग्रामीण शामिल थे, जिनकी संख्या ने प्रशासन पर दबाव बना दिया।

  • उग्रता: ग्रामीणों का गुस्सा इतना अधिक था कि उन्होंने अंचल कार्यालय के मुख्य द्वार को बंद कर दिया, जिससे सामान्य कामकाज ठप हो गया।

  • अंचलाधिकारी के कक्ष तक धावा: घेराव के बाद उत्तेजित भीड़ नाराजगी दिखाते हुए अंचल पदाधिकारी के कक्ष तक धक्का-मुक्की करते हुए जा पहुँची और जमकर हंगामा किया।

प्रदर्शनकारियों ने अंचलाधिकारी के खिलाफ टिप्पणी करते हुए धरना पर बैठे रहे। विरोध का यह अभूतपूर्व स्तर रेवारातु के ग्रामीणों के आक्रोश को स्पष्ट करता है।

पत्थर माइंस के खिलाफ 'पहाड़ बचाओ' का संकल्प

रेवारातु के ग्रामीण लंबे समय से पत्थर माइंस के खिलाफ लगातार आन्दोलन चला रहे हैं। उनका स्पष्ट मानना है कि अंधाधुंध खनन से उनके जंगल और पहाड़ खतरे में हैं, जो उनके जीवन और आजीविका का आधार हैं।

  • मूल मांग: ग्रामीण पहाड़ बचाने के संकल्प के साथ कार्यालय पहुँचे थे। जंगल और पहाड़ों का अस्तित्व आदिवासी और ग्रामीण समुदायों के लिए केवल पर्यावरण नहीं, बल्कि उनकी संस्कृति और पहचान है।

किसी भी अप्रिय घटना से बचने और विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए मौके पर प्रदीप कुमार, संतोष कुमार गुप्ता, बसंत महतो के अलावा काफी संख्या में पुलिस के जवान तैनात थे। पुलिस की सतर्कता से बड़ा टकराव टल गया, लेकिन यह प्रदर्शन पलामू प्रशासन के सामने एक गंभीर प्रश्न खड़ा करता है कि विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन कैसे स्थापित किया जाए।

आपकी राय में, पत्थर माइंस के खिलाफ उग्र प्रदर्शनों को शांत करने और स्थानीय लोगों के हितों की रक्षा के लिए सरकार को खनन नीति में कौन से दो अनिवार्य संशोधन करने चाहिए?

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।