आदित्यपुर के पान दुकान कॉलोनी में चोरों का आतंक, लोग खुद करेंगे सुरक्षा
आदित्यपुर की पान दुकान कॉलोनी में चोरियों की बढ़ती घटनाओं से लोग परेशान हैं। पुलिस सुरक्षा में कमी के चलते स्थानीय लोगों ने खुद रात्रि गश्ती करने का फैसला लिया है। जानें पूरी खबर।
आदित्यपुर, 1 सितंबर: आदित्यपुर थाना क्षेत्र के पान दुकान कॉलोनी के लोग इन दिनों चोरों के आतंक से बेहद परेशान हैं। पिछले दो महीनों में इस आवासीय कॉलोनी में कई चोरी की घटनाएं हुई हैं, जिसने लोगों की नींद उड़ा दी है। चोरी की इन घटनाओं से तंग आकर स्थानीय लोगों ने अब खुद ही रातभर जागकर अपनी कॉलोनी की सुरक्षा का जिम्मा संभालने का निर्णय लिया है।
चोरी की घटनाओं का बढ़ता सिलसिला
पान दुकान कॉलोनी में हाल के दिनों में एक घर में लाखों रुपये की चोरी हो चुकी है। इसके अलावा कई घरों में मोबाइल और अन्य कीमती सामानों की चोरी की भी घटनाएं सामने आई हैं। रोड नंबर 19 के निवासी संजय शर्मा ने बताया कि एक सप्ताह पहले ही उनके घर से मोबाइल और नगदी की चोरी हो गई थी। इसके ठीक कुछ दिन पहले, उनके पड़ोसी और टाटा स्टील कर्मी के घर से लाखों के आभूषण चोरी कर लिए गए थे। इतना ही नहीं, एक महिला के गले से बाइक सवारों ने सोने की चेन भी छीन ली थी।
पुलिस सुरक्षा का अभाव
स्थानीय लोगों ने आदित्यपुर पुलिस से कई बार शिकायत की है, लेकिन पुलिस के पास पर्याप्त संख्या में पुलिस बल न होने और अन्य जिलों में ड्यूटी होने के कारण वे रात में गश्त करने में असमर्थ हैं। पुलिस सुरक्षा में इस कमी ने स्थानीय लोगों को अपनी सुरक्षा स्वयं करने पर मजबूर कर दिया है।
स्थानीय लोग करेंगे रात्रि गश्ती
पुलिस से मदद न मिलने के कारण, पान दुकान कॉलोनी के लोगों ने खुद टोली बनाकर रात में जागने और अपनी कॉलोनी की सुरक्षा करने का फैसला लिया है। संजय शर्मा, संतोष ठाकुर, प्रदीप कुमार सिंह, विजय सिंह जैसे स्थानीय निवासी अब खुद रात में दोपहिया वाहन से घूमकर गश्त करेंगे और किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखेंगे।
खुद पर निर्भर सुरक्षा
सुरक्षा को लेकर लोगों ने अपने स्तर पर पूरी तैयारी कर ली है। वे रात के अंधेरे में खुद जागकर अपने घर और कॉलोनी की सुरक्षा करेंगे। इसके लिए उन्होंने एक टोली बनाई है जो हर रात अलग-अलग घरों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। यह निर्णय लोगों ने अपनी सुरक्षा को लेकर बढ़ती चिंताओं के चलते लिया है।
पान दुकान कॉलोनी के लोगों का यह कदम एक मिसाल के तौर पर देखा जा सकता है। जब प्रशासन से मदद नहीं मिलती, तो समाज के लोग खुद ही एकजुट होकर अपनी सुरक्षा का प्रबंध कर सकते हैं। पुलिस को चाहिए कि इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए उचित कदम उठाए ताकि लोग बिना किसी डर के अपने घरों में चैन की नींद सो सकें।
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