गुरु गोविंद सिंह जी की जन्मस्थली की कमेटी में प्रधान को कानूनी झटका, महासचिव हटाने की कोशिश नाकाम

तख्त श्री हरि मंदिर जी प्रबंधन कमेटी में प्रधान सरदार जगजोत सिंह सोही को कानूनी शिकस्त का सामना करना पड़ा। महासचिव इंद्रजीत सिंह को हटाने की कोशिश नाकाम हो गई। जानें पूरी खबर।

Sep 17, 2024 - 14:13
Sep 17, 2024 - 15:22
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गुरु गोविंद सिंह जी की जन्मस्थली की कमेटी में प्रधान को कानूनी झटका, महासचिव हटाने की कोशिश नाकाम
गुरु गोविंद सिंह जी की जन्मस्थली की कमेटी में प्रधान को कानूनी झटका, महासचिव हटाने की कोशिश नाकाम

मंगलवार, 17 सितंबर को गुरु गोविंद सिंह जी की जन्मस्थली तख्त श्री हरि मंदिर जी प्रबंधन कमेटी में प्रधान सरदार जगजोत सिंह सोही को कानूनी शिकस्त मिली। उन्होंने महासचिव सरदार इंद्रजीत सिंह को हटाकर नया महासचिव नियुक्त करने की कोशिश की थी, लेकिन यह प्रयास असफल रहा।

प्रधान सरदार जगजोत सिंह सोही ने इस फैसले के लिए कमेटी के कस्टोडियन, पटना के जिला एवं सत्र न्यायाधीश रूपेश देव से अनुमति मांगी थी। उनका तर्क था कि महासचिव इंद्रजीत सिंह ने कमेटी की बैठक बुलाने के अनुरोध को नजरअंदाज किया। उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 25 का हवाला देते हुए कहा कि महासचिव को हटाना जरूरी है और कमेटी को नया महासचिव चुनने का अधिकार मिलना चाहिए।

हालांकि, कस्टोडियन से उन्हें कोई अनुमति नहीं मिली। इसके बाद प्रधान जगजोत सिंह सोही और उनके पांच कट्टर समर्थक, उपाध्यक्ष गुरविंदर सिंह, सदस्य डॉक्टर गुरमीत सिंह, राजा सिंह, महेंद्र पाल सिंह ढिल्लन और हरपाल सिंह जोहल को अपना प्रस्ताव वापस लेना पड़ा। बैठक में महासचिव को हटाने का प्रस्ताव भी पेश नहीं किया जा सका।

दूसरी ओर, महासचिव सरदार इंद्रजीत सिंह ने भी कानूनी दांव खेला। उन्होंने पटना हाई कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कस्टोडियन को पत्र लिखा। उन्होंने स्पष्ट किया कि कोर्ट द्वारा तय मुद्दों पर ही बैठक बुलाई गई थी और उसमें किसी विषयांतर की अनुमति नहीं है।

हाई कोर्ट के आदेश के अनुसार, अगले तीन महीनों के भीतर मतदाता सूची तैयार करने और दावा-आपत्ति की प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया गया है। इस मामले पर राष्ट्रीय सनातन सिख सभा के राष्ट्रीय संयोजक अधिवक्ता कुलविंदर सिंह ने कहा कि कुछ लोग झूठ बोलकर अपनी पीठ थपथपाते हैं, लेकिन जब उनके झूठ का पर्दाफाश होता है, तो वे विरोधियों को प्रधान पद से हटाने की साजिशें रचने लगते हैं।

इस कानूनी शिकस्त से कमेटी की आंतरिक राजनीति और संघर्ष फिर से सामने आ गए हैं।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।