Jharkhand Murder: मां की हैवानियत! डेढ़ साल की बेटी का गला रेतकर उतारा मौत के घाट
झारखंड के गुमला जिले में दिल दहला देने वाली घटना, मां ने अपनी ही बेटी की हत्या कर दी। पढ़ें इस हैवानियत भरे मामले की पूरी जानकारी।
झारखंड के गुमला जिले के घाघरा थाना क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया है। यहां के बड़ा अजियातू गांव में एक मां ने अपनी ही डेढ़ साल की मासूम बेटी की गला रेतकर हत्या कर दी। यह खौ़फनाक घटना शुक्रवार रात करीब 9.30 बजे हुई, जिससे पूरा गांव सन्न रह गया। इस घटना ने न केवल बच्चों की सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे को भी फिर से सामने ला दिया है। आइए जानते हैं इस जघन्य अपराध के बारे में और क्या कहा है पीड़ित परिवार ने।
क्या था पूरा मामला?
इस दर्दनाक घटना के बारे में बच्ची के पिता कैलाश गोप ने बताया कि वह अपनी पत्नी फूलमनी देवी के साथ रसोई में खाना बना रहे थे। उन्होंने अपनी पत्नी से कहा था कि वह बच्ची को तेल लगाकर गर्म कपड़े पहनाए। इसके बाद फूलमनी देवी कमरे में चली गईं, लेकिन कुछ देर बाद ही बच्ची की चीखने की आवाजें आईं। जब कैलाश गोप अंदर पहुंचे, तो यह देखकर उनके होश उड़ गए कि फूलमनी देवी ने अपनी बेटी नीतू की गर्दन सब्जी काटने वाले चाकू से रेत डाली थी। यह देखकर कैलाश गोप ने तुरंत पुलिस को सूचना दी, और पुलिस ने आरोपी मां को गिरफ्तार कर लिया।
आखिर क्यों की मां ने ऐसा खौ़फनाक कदम?
इस मामले में पुलिस ने बताया कि आरोपी महिला फूलमनी देवी की मानसिक स्थिति 2018 से ठीक नहीं थी। वह इसके लिए नियमित दवाइयां भी ले रही थी, और माना जा रहा है कि मानसिक असंतुलन के कारण ही उसने यह जघन्य अपराध किया। परिवार के सदस्य भी यह मानते हैं कि फूलमनी की मानसिक स्थिति के कारण ही इस तरह की घटना घटी। घटना के बाद पुलिस ने महिला को गिरफ्तार किया और जेल भेज दिया।
मानसिक स्वास्थ्य और परिवार की जिम्मेदारी
यह घटना मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को फिर से उजागर करती है। मानसिक बीमारी के साथ जी रहे लोगों की देखभाल और सही इलाज न मिलने के कारण कभी-कभी ऐसे खतरनाक परिणाम सामने आते हैं। फूलमनी देवी की मानसिक स्थिति बिगड़ने के बावजूद परिवार ने उसकी देखभाल में कोई कसर नहीं छोड़ी थी, लेकिन फिर भी इस घटना ने सभी को हैरान कर दिया। यह समाज के लिए एक गंभीर सवाल है कि मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता और इलाज की प्रक्रिया को किस तरह और बेहतर बनाया जाए, ताकि ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
घटना के बाद क्या हुई पुलिस की कार्रवाई?
घटना के तुरंत बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर आरोपित महिला फूलमनी देवी को गिरफ्तार कर लिया और उसे जेल भेज दिया। पुलिस ने बताया कि महिला को मानसिक रोग से संबंधित जानकारी पहले से थी, लेकिन उसकी स्थिति में सुधार की कोई उम्मीद नहीं थी, और इस वजह से उसे इलाज के बावजूद इस कदर खतरनाक कदम उठाने की स्थिति आ गई।
समाज में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता की आवश्यकता
यह घटना समाज में मानसिक स्वास्थ्य की जागरूकता की आवश्यकता को भी दर्शाती है। मानसिक विकारों का सही समय पर इलाज और देखभाल न होने के कारण कई बार समाज में इस तरह की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं सामने आती हैं। अगर मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे पर पहले से अधिक ध्यान दिया जाता तो शायद यह घटना नहीं होती।
गुमला जिले में हुई इस घटना ने यह साबित कर दिया कि मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दे अब सिर्फ चिकित्सकीय नहीं, बल्कि सामाजिक भी बन गए हैं। हमें समाज में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने और उन लोगों के लिए बेहतर इलाज की व्यवस्था करने की आवश्यकता है जो इस समस्या से जूझ रहे हैं।
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