जमशेदपुर में 1100 भक्तों के लिए मुफ्त कांवड़ यात्रा का आयोजन !
जमशेदपुर में 1100 भक्तों के लिए मुफ्त कांवड़ यात्रा का आयोजन !
जमशेदपुर : सावन के शुरू होते ही कांवड़ यात्रा की भी शुरुआत हो जाएगी। श्रावण का महीना 4 जुलाई से शुरू होगा और 31 अगस्त को इसका समापन होगा। कांवड़ यात्रा भी इसी के साथ समाप्त हो जाएगी। सावन के महीने में कावंड़ यात्रा का विशेष महत्व होता है। जो व्यक्ति कावंड़ लेकर जाता है, उन्हें कांवड़िए कहते हैं। हर साल कांवड़िए कांवड़ में जल लेकर जाते हैं और भोलेनाथ को जल अर्पित करते हैं।
जमशेदपुर में इस बार कांवड़ यात्रा के लिए 1100 भक्तों का मुफ्त यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। यह यात्रा भगवान शिव के भक्तों के लिए एक विशेष त्योहार है, जहां लोग कांवड़ उठा कर हरिद्वार से गंगा जल लेकर अपने स्थानीय मंदिरों में चढ़ाते हैं!
जमशेदपुर के एक प्रमुख सामाजिक संगठन ने घोषणा की है कि इस साल 1100 भक्तों के लिए मुफ्त कांवड़ यात्रा का आयोजन किया जाएगा। यह यात्रा 7 दिनों की होगी जहां भक्तों को हरिद्वार ले जाया जाएगा और वहां से गंगा जल भरकर जमशेदपुर लाया जाएगा।
संगठन के प्रमुख, राजेश कुमार, ने कहा, "हमारे लिए यह गर्व की बात है कि हम इतने सारे भक्तों के लिए यह यात्रा आयोजित कर रहे हैं। हमारा लक्ष्य है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को भगवान शिव के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करने का अवसर मिले।"
भक्तों में इस यात्रा को लेकर बहुत उत्साह है। एक भक्त, सुनील शर्मा, ने कहा, "मैं पहली बार कांवड़ यात्रा पर जा रहा हूँ। यह मेरे लिए एक सपने का सच होने जैसा है। सामाजिक संगठन का यह कदम वाकई प्रशंसनीय है।"
संगठन ने यात्रा के दौरान भक्तों की सुरक्षा और सुविधाओं का पूरा ख्याल रखा है। हर भक्त को यात्रा के दौरान खाना, पीना और रहने की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। सुरक्षा के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए हैं ताकि यात्रा सुखद और सुरक्षित रहे!
सामाजिक कार्यकर्ता, मीना देवी, ने इस कदम को बहुत ही प्रशंसनीय बताया। उन्होंने कहा, "ऐसे आयोजन भक्त को उनके धार्मिक कार्यों में भाग लेने का अवसर देते हैं और उन्हें अपनी संस्कृति से जुड़ने का अवसर मिलता है।"
जमशेदपुर में 1100 भक्तों के लिए मुफ्त कांवड़ यात्रा का आयोजन एक सराहनीय कदम है जो भगवान शिव के प्रति भक्तों की श्रद्धा और समर्पण को प्रकट करता है। इससे न सिर्फ भक्तों को उनकी भक्ति प्रकट करने का अवसर मिलेगा, बल्कि समाज में एकता और सद्भाव का संदेश भी प्रसारित होगा।
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