ईचा डैम के विरोध में तांतनगर ग्राम सभा का प्रस्ताव, हेमंत सरकार से वादा पूरा करने की मांग
तांतनगर में ग्रामीणों ने ईचा डैम के खिलाफ ग्राम सभा में प्रस्ताव पारित किया और हेमंत सरकार से वादा पूरा करने की मांग की। डैम से जमीन, संस्कृति और पहचान को खतरा है।
तांतनगर प्रखण्ड के राजस्व ग्राम तांतनगर, टोला बाटीगुट्टू में ग्रामीणों द्वारा आयोजित ग्राम सभा में ईचा खरकई डैम परियोजना का पुरजोर विरोध किया गया। इस ग्राम सभा की अध्यक्षता मुंडा सुभाष बिरुली ने की, जबकि मुखिया तुराम बिरुली और उप मुखिया बादल बिरुली भी इसमें उपस्थित थे। ग्रामीणों ने सर्वसम्मति से इस डैम को रद्द करने का प्रस्ताव पारित किया और सरकार से वादा पूरा करने की मांग की।
बैठक में ग्रामीणों ने कहा कि यह विनाशकारी डैम उनकी बहुमूल्य जमीन, सभ्यता, संस्कृति, कला, धर्म, अस्तित्व, और पहचान के लिए एक गंभीर खतरा है। सुभाष बिरुली ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, "पिछले 45 वर्षों से हम ईचा डैम परियोजना को रद्द कराने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। वर्तमान झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) सरकार ने वादा किया था, लेकिन अभी तक इसे पूरा नहीं किया गया। सरकार ने हमें ठगा है।"
झारखंड जनजातीय सलाहकार परिषद ने भी इस डैम परियोजना को रद्द करने की अनुशंसा की है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। ग्रामीणों की मांग है कि हेमंत सोरेन सरकार कैबिनेट में इस डैम को रद्द करने का प्रस्ताव लाए और अपना वादा पूरा करे।
ग्राम सभा में उपस्थित ग्रामीणों ने सरकार पर दबाव डालने का आह्वान किया और कहा कि यदि सरकार ने जल्द ही कोई निर्णय नहीं लिया, तो विरोध तेज किया जाएगा। इस महत्वपूर्ण सभा में प्रमुख रूप से सुभाष बिरुली, तुराम बिरुली, बादल बिरुली, बीर सिंह बिरुली, तुलसी बिरुली, बबिता बिरुआ, सूर्य सिंह बिरुली, कृष्णप्रकाश बिरुली, शांति बिरुली, राम बिरुली, अनिता बिरुली, बानी बिरुली, जितेंद्र पुर्ती, शिव चरण पुर्ती, गोनो पुर्ती, लेबेया पुर्ती समेत अन्य ग्रामीण शामिल थे।
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