Jamshedpur Surrender: कुख्यात गैंगस्टर मनीष सिंह ने पुलिस के सामने टेक दिए घुटने!
जमशेदपुर के कुख्यात गैंगस्टर मनीष सिंह ने पुलिस के दबाव में आखिरकार सरेंडर कर दिया। जानिए, क्यों किया कांग्रेस नेता अभिजीत सिंह पर हमला और आगे क्या होगा?

जमशेदपुर। शहर के कुख्यात गैंगस्टर और अपराध की दुनिया में दहशत का दूसरा नाम बन चुके मनीष सिंह ने आखिरकार पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है। जुगसलाई निवासी मनीष सिंह पर कांग्रेस नेता अभिजीत सिंह पर फायरिंग करने का गंभीर आरोप है। इस घटना के बाद से ही वह फरार था, लेकिन पुलिस के लगातार दबाव के चलते उसने सोमवार को जुगसलाई थाना में आत्मसमर्पण कर दिया।
कैसे बढ़ा पुलिस का शिकंजा?
घटना के बाद से ही पुलिस की कई टीमें मनीष सिंह को पकड़ने के लिए लगातार दबिश दे रही थीं। जुगसलाई थाना प्रभारी सचिन दास की अगुवाई में पुलिस की विशेष टीम उसकी हर गतिविधि पर नजर रख रही थी। सूत्रों के मुताबिक, पुलिस ने मनीष के करीबियों और उसके संभावित ठिकानों पर छापेमारी तेज कर दी थी।
इस कड़ी कार्रवाई से घबराकर मनीष सिंह के पास सरेंडर के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचा। सोमवार को जब वह जुगसलाई थाने पहुंचा, तो पुलिस ने उसे तुरंत हिरासत में ले लिया।
कौन है मनीष सिंह?
मनीष सिंह जमशेदपुर का एक कुख्यात अपराधी है, जिस पर हत्या, रंगदारी और कई अन्य संगीन अपराधों के मामले दर्ज हैं। जुगसलाई इलाके में उसकी पकड़ बेहद मजबूत मानी जाती थी, और वह लंबे समय से पुलिस की 'मोस्ट वांटेड' लिस्ट में शामिल था।
अपराध की दुनिया में उसकी एंट्री
मनीष सिंह ने अपराध की दुनिया में कदम रखने के बाद जल्दी ही अपने इलाके में दहशत का माहौल बना लिया था। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, उसने पहली बार 2010 में रंगदारी के एक मामले में अपना नाम दर्ज कराया था। इसके बाद उसने कई संगीन वारदातों को अंजाम दिया, जिनमें हत्या, मारपीट और अवैध वसूली जैसे अपराध शामिल हैं।
अभिजीत सिंह पर हमला – कैसे हुई फायरिंग?
पिछले हफ्ते, कांग्रेस नेता अभिजीत सिंह पर फायरिंग की घटना ने पूरे शहर को हिला कर रख दिया था। पुलिस के मुताबिक, मनीष सिंह और उसके गिरोह ने एक सुनियोजित साजिश के तहत हमला किया था। हालांकि, अभिजीत सिंह इस हमले में बाल-बाल बच गए, लेकिन इस घटना ने पुलिस को हाई अलर्ट पर ला दिया।
पुलिस की लगातार दबिश से टूटा मनीष
घटना के बाद पुलिस ने न केवल मनीष के संभावित ठिकानों पर छापेमारी की, बल्कि उसके करीबियों और सहयोगियों को भी हिरासत में लिया। इसके अलावा, पुलिस ने मनीष की संपत्तियों और अवैध कारोबार की भी जांच शुरू कर दी थी।
सूत्रों का कहना है कि अगर मनीष सरेंडर नहीं करता, तो पुलिस जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लेती। पुलिस की बढ़ती सख्ती से डरकर उसने खुद को कानून के हवाले कर दिया।
अब आगे क्या?
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, मनीष सिंह से कड़ी पूछताछ की जा रही है ताकि उसके बाकी सहयोगियों और अपराध जगत से जुड़े अन्य राज खुल सकें। यह भी संभावना है कि उसके अन्य गिरोह सदस्यों पर जल्द ही बड़ी कार्रवाई हो सकती है।
गिरफ्तारी के बाद इलाके में सुकून
मनीष सिंह की गिरफ्तारी के बाद जुगसलाई और आसपास के इलाकों में लोगों ने राहत की सांस ली है। स्थानीय व्यापारियों और आम नागरिकों का कहना है कि पिछले कुछ महीनों में रंगदारी और अपराध की घटनाओं में अचानक वृद्धि हो गई थी। पुलिस को उम्मीद है कि मनीष के जेल जाने के बाद अपराध की यह लहर कुछ हद तक थमेगी।
शहर के गैंगस्टर्स पर शिकंजा कसने की तैयारी
मनीष सिंह के सरेंडर के बाद अब पुलिस अन्य अपराधियों पर भी शिकंजा कसने की योजना बना रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अपराध और गैंगस्टर राज खत्म करने के लिए यह सिर्फ शुरुआत है। आने वाले दिनों में शहर के अन्य कुख्यात अपराधियों के खिलाफ भी बड़े अभियान चलाए जाएंगे।
क्या यह पुलिस की बड़ी जीत है?
जमशेदपुर पुलिस ने यह दिखा दिया है कि अपराधी कितना भी शातिर क्यों न हो, कानून के हाथ लंबे होते हैं। मनीष सिंह का सरेंडर पुलिस के दबाव और उसकी रणनीतिक कार्रवाई की बड़ी जीत मानी जा रही है।
अब देखना यह होगा कि पुलिस की यह सख्ती शहर के अपराध पर कितनी लगाम लगा पाती है और बाकी अपराधियों के लिए यह कितनी बड़ी चेतावनी साबित होती है।
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