Indian Cricket : दिनेश कार्तिक का बड़ा खुलासा, धोनी की वजह से बनना पड़ा ‘गिरगिट’, राष्ट्रीय टीम में जगह के लिए लगातार बदलाई भूमिका

दिनेश कार्तिक ने बड़ा खुलासा किया कि महेंद्र सिंह धोनी के दौर में टीम में जगह पाने के लिए उन्हें बार-बार खुद को बदलना पड़ा। जानिए कैसे उन्होंने अलग-अलग भूमिका निभाकर टीम में बने रहने की कोशिश की।

Sep 9, 2025 - 18:39
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Indian Cricket : दिनेश कार्तिक का बड़ा खुलासा, धोनी की वजह से बनना पड़ा ‘गिरगिट’, राष्ट्रीय टीम में जगह के लिए लगातार बदलाई भूमिका
Indian Cricket : दिनेश कार्तिक का बड़ा खुलासा, धोनी की वजह से बनना पड़ा ‘गिरगिट’, राष्ट्रीय टीम में जगह के लिए लगातार बदलाई भूमिका

भारत के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज और वर्तमान क्रिकेट विश्लेषक दिनेश कार्तिक ने हाल ही में एक बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि जब महेंद्र सिंह धोनी भारतीय टीम में आए तो उन्हें टीम में जगह पाने के लिए गिरगिट की तरह रंग बदलने पड़े। कार्तिक ने कहा कि धोनी की शानदार शुरुआत के बाद उन्हें अलग-अलग बल्लेबाजी पोजीशन पर खुद को आजमाना पड़ा।

दिनेश कार्तिक ने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत अक्टूबर 2004 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मुंबई टेस्ट से की थी। उसी साल उन्होंने वनडे में भी डेब्यू किया। लेकिन बहुत जल्दी धोनी ने सीमित ओवरों की टीम में विकेटकीपर-बल्लेबाज के रूप में अपनी जगह पक्की कर ली। इससे कार्तिक को बाहर होना पड़ा।

2006 में कार्तिक को दोबारा मौका मिला, लेकिन तब तक धोनी भारतीय क्रिकेट का बड़ा सितारा बन चुके थे। इसलिए कार्तिक को टीम में बने रहने के लिए लगातार खुद को साबित करना पड़ा। इंडिया टुडे से बातचीत में उन्होंने बताया, “अगर टीम में ओपनिंग स्लॉट खाली होता तो मैं तमिलनाडु लौटकर कहता – ‘सर, मुझे ओपन कराइए।’ अगर मिडिल ऑर्डर की जगह होती तो वहीं खेलने की मांग करता। मैं गिरगिट की तरह रंग बदलता रहा।”

कार्तिक ने यह भी माना कि कई बार खुद पर इतना दबाव बना लेते थे कि टीम की जरूरत के अनुसार खेल नहीं पाते थे। फिर भी जब भी मौका मिला, उन्होंने भारत के लिए महत्वपूर्ण पारियां खेलीं और खुद को भरोसेमंद खिलाड़ी साबित किया।

धोनी को लेकर शुरुआती चर्चाओं को याद करते हुए कार्तिक ने कहा कि 2004 में ए टीम के साथ केन्या दौरे पर धोनी का प्रदर्शन सबकी जुबान पर था। “उनके शॉट्स की ताकत इतनी थी कि लोग उन्हें गैरी सोबर्स से तुलना करने लगे थे,” कार्तिक ने बताया।

धोनी की पारंपरिक तकनीक नहीं थी, लेकिन उनकी ताकत और खेल ने उन्हें अलग पहचान दी। धीरे-धीरे वह टीम के कप्तान बने और भारतीय क्रिकेट को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया। वहीं, कार्तिक को अलग-अलग भूमिका निभाकर मौके तलाशने पड़े।

कार्तिक की ईमानदार स्वीकारोक्ति ने क्रिकेट प्रेमियों का ध्यान खींचा है। उन्होंने कहा कि धोनी के दौर में जगह पाना बेहद कठिन था, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। यह कहानी उन खिलाड़ियों के संघर्ष को दिखाती है जो बड़े सितारों की छाया में अपनी पहचान बनाने की कोशिश करते हैं।

अब जब वह क्रिकेट विश्लेषक के रूप में टीम के अंदर की बातों को साझा कर रहे हैं, तो उनके अनुभव नए खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा बन सकते हैं।

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।