Dhanbad Cyber Fraud: 15 लाख की ऑनलाइन ठगी का मास्टरमाइंड गिरफ्तार, खोले थे 14 फर्जी बैंक अकाउंट
धनबाद साइबर थाना की पुलिस ने 15 लाख रुपये की ऑनलाइन ठगी करने वाले अभिनंदन कुमार को गिरफ्तार किया, जो पहले भी कई राज्यों में दर्जनों लोगों को बना चुका है शिकार।

Dhanbad के बरवाअड्डा इलाके में साइबर ठगी के ऐसे जाल का खुलासा हुआ है, जिसमें एक अकेला युवक कई राज्यों में दर्जनों लोगों को चूना लगा चुका था।
धनबाद साइबर थाना की टीम ने न्यू कॉलोनी, बरवाअड्डा के रहने वाले अभिनंदन कुमार को 15 लाख रुपये की ठगी के आरोप में गिरफ्तार किया है।
यह गिरफ्तारी सिर्फ एक शिकायत की बुनियाद पर नहीं, बल्कि तकनीकी साक्ष्यों और डिजिटल पड़ताल के बाद हुई है। आरोपी अभिनंदन को रविवार को जेल भेज दिया गया है।
रिटायर्ड कर्मी को बनाया शिकार
अभिनंदन ने ठगी के लिए जो तरीका अपनाया, वो बेहद आम दिखने वाला लेकिन खतरनाक था।
उसने बरवाअड्डा निवासी रिटायर्ड कर्मचारी योगेंद्र प्रसाद को ऑनलाइन खरीदारी के झांसे में फंसाया और उनसे 15 लाख रुपये ठग लिए।
योगेंद्र ने 28 सितंबर 2024 को अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ बरवाअड्डा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसके बाद केस के आईओ एसआई कुंदन कुमार सिंह ने मामले की जांच शुरू की।
तकनीक के सहारे पकड़ा गया मास्टरमाइंड
जांच के दौरान पुलिस ने योगेंद्र के बैंक खातों से निकली रकम की ट्रैकिंग शुरू की।
बैंक डिटेल्स, मोबाइल लोकेशन, और डिजिटल फुटप्रिंट्स की सहायता से जब कड़ी से कड़ी जोड़ी गई, तो सभी निशान अभिनंदन कुमार की ओर जाते दिखे।
फिर क्या था, पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए उसे बरवाअड्डा से गिरफ्तार कर लिया।
उसके पास से दो सिम कार्ड, एक मोबाइल फोन और अन्य डिजिटल सामान बरामद किए गए।
14 फर्जी बैंक खाते और 29 शिकायतें
गिरफ्तारी के बाद खुलासा हुआ कि अभिनंदन सिर्फ एक ठग नहीं, बल्कि साइबर क्राइम का उभरता हुआ नेटवर्क ऑपरेटर है।
उसने देशभर के अलग-अलग बैंकों में 14 खाते खुलवा रखे थे। इन खातों से जुड़ी 29 शिकायतें NCRP (नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल) पर दर्ज हैं।
पुलिस को आशंका है कि इन खातों के जरिए अभिनंदन ने देश के विभिन्न राज्यों में लाखों की ठगी को अंजाम दिया है।
प्रतिबिंब ऐप ने निभाई अहम भूमिका
गिरफ्तारी में तकनीक की सबसे बड़ी भूमिका रही प्रतिबिंब ऐप की।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, संदिग्ध सिम कार्ड की जांच के दौरान पता चला कि इन नंबरों के खिलाफ पहले से साइबर ठगी की शिकायतें दर्ज थीं।
प्रतिबिंब ऐप से इन नंबरों की लोकेशन और यूजर डीटेल मिलते ही अभिनंदन को ट्रैक किया गया और कड़ी निगरानी के बाद गिरफ्तार किया गया।
इतिहास भी है काला
अभिनंदन का रिकॉर्ड नया नहीं है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक वह पहले भी झारखंड और बिहार में कई डिजिटल फ्रॉड में शामिल रहा है।
हर बार वह नया बैंक खाता और नया मोबाइल नंबर इस्तेमाल करता था, जिससे उसका ट्रैक करना मुश्किल होता था।
यह गिरफ्तारी इसलिए भी अहम मानी जा रही है क्योंकि साइबर अपराधों में स्थानीय युवक अब इंटरस्टेट नेटवर्क का हिस्सा बनते जा रहे हैं।
अब सवाल: क्या यह गिरफ्तारी आखिरी है?
साइबर क्राइम के मामलों में अभिनंदन जैसे युवाओं की गिरफ्तारी से एक बड़ा सवाल उठता है—क्या सिर्फ एक गिरफ्तारी से डिजिटल अपराधों पर लगाम लगेगी?
या फिर जरूरत है डिजिटल साक्षरता, बैंकिंग सुरक्षा, और साइबर निगरानी तंत्र को और मजबूत करने की?
Dhanbad का यह मामला महज़ ठगी नहीं, बल्कि डिजिटल सुरक्षा के लिए चेतावनी है।
सरकार और आम लोगों को अब सतर्क होना होगा, क्योंकि ऑनलाइन अपराध अब गांव-शहर की सीमाओं को पार कर चुका है।
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