बहरागोड़ा में स्थानीय लोगों का विरोध प्रदर्शन, सरकार से कई मुद्दों पर कार्रवाई की मांग
बहरागोड़ा प्रखंड में स्थानीय लोगों ने विभिन्न मुद्दों को लेकर सरकार के प्रति विरोध प्रदर्शन किया और उपायुक्त के नाम ज्ञापन सौंपा। पूर्व विधायक कुणाल षाडंगी ने इस प्रदर्शन को नैतिक समर्थन दिया।
बहरागोड़ा प्रखंड के कालियाडिंगा चौक पर फ्लाईओवर के नीचे शनिवार को स्थानीय लोगों ने विभिन्न मुद्दों को लेकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। इस विरोध प्रदर्शन के माध्यम से उन्होंने राज्य में बढ़ती बेरोजगारी, स्थानीय नीति लागू करने, स्वास्थ्य विभाग के आउटसोर्स कर्मियों को नियमित करने, जर्जर सड़कों की मरम्मत और राशन कटौती रोकने जैसी मांगें उठाई।
विरोध प्रदर्शन का कारण
प्रदर्शनकारियों ने उपायुक्त के नाम बीडीओ को एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में उन्होंने मांग की कि राज्य में बेरोजगारी दर तेजी से बढ़ रही है, जिसे तत्काल प्रभाव से कम किया जाना चाहिए। इसके साथ ही, स्थानीय नीति को शीघ्रता से लागू करने की मांग की गई ताकि झारखंड के युवाओं को सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता मिल सके।
सड़क निर्माण और मरम्मत की मांग
बहरागोड़ा एनएच-18 और एनएच-49 के संगम स्थल पर बनी जर्जर सर्विस रोड की हालत बहुत खराब हो चुकी है, जिससे स्थानीय लोगों को आवागमन में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। प्रदर्शनकारियों ने सरकार से इस सड़क को आरसीसी करने और ओडिशा और पश्चिम बंगाल जाने वाले वाहनों के लिए अलग मुख्य सड़क बनाने की मांग की।
राशन कटौती पर नाराजगी
प्रदर्शनकारियों ने गरीबों के राशन में की जा रही कटौती पर भी नाराजगी जताई और इसे तुरंत बंद करने की मांग की।
पूर्व विधायक कुणाल षाडंगी का समर्थन
पूर्व विधायक कुणाल षाडंगी ने इस विरोध प्रदर्शन को नैतिक समर्थन दिया। उन्होंने कहा, "एनएच द्वारा निर्मित जर्जर सड़क से स्थानीय लोगों को चलने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए सरकार इसे अविलंब दुरुस्त करे।" उन्होंने यह भी कहा कि सरकारी नौकरियों के लिए स्थानीय नीति को शीघ्र लागू किया जाए।
सीपीआई(एम) के सपन कुमार महतो का बयान
सीपीआई(एम) के सपन कुमार महतो ने राज्य गठन के 24 साल बाद भी ठोस स्थानीय नीति नहीं बनने पर चिंता जताई। उन्होंने कहा, "यहां की सरकारी नौकरियों में बाहरी लोगों का दबदबा बढ़ता जा रहा है और यहां के युवा बेरोजगार होते जा रहे हैं। सहायक नगर निवेशक के पद पर बाहरी राज्यों के 80 फीसदी लोगों का चयन दुर्भाग्यपूर्ण है। इसे तुरंत रद्द कर नियोजन नीति बनाकर पुनः बहाली की जाए।"
प्रदर्शन में शामिल अन्य लोग
इस विरोध प्रदर्शन में फागुराम टुडू, रंजीत बास्के, बलिराम हांसदा, चितरंजन महतो, सुबोध नायक, हितलाल बारिक, बड़ा मुमू, अनु नायक, मंगल मुर्मू समेत कई अन्य लोग उपस्थित थे।
बहरागोड़ा के स्थानीय लोगों का यह विरोध प्रदर्शन सरकार के प्रति उनकी नाराजगी और मांगों को दर्शाता है। उनकी मांगें स्पष्ट हैं: बेरोजगारी कम हो, स्थानीय नीति लागू हो, सड़कों की मरम्मत हो और गरीबों का राशन ना कटे। अब देखना यह है कि सरकार इन मांगों पर कितना ध्यान देती है और कितना समय लेती है इनको पूरा करने में।
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