कलम की कीमत - अर्चना जी ( गाजीपुर, उत्तर प्रदेश )
कलम की कीमत
कलम ने वेद की ऋचा बताई,
बताई मनीषी की मंत्रणा।
कलम ने क्या खूब बताई,
चीर हरण की वो यंत्रणा।।
शक्ति,सीता,सावित्री,
बताई बाई लक्ष्मी की गर्जना।
कलम ने क्या खूब बताई,
जौहर की वो ज्वलंत वेदना।।
राम की मर्यादा सिखाई,
सिखाई गीता की गुरु साधना।
द्वैत, अद्वैत से परे सिखाई,
ब्रह्म की है बड़ी चेतना।।
राधा का प्रेम बताई,
बताई मीरा की विरह व्यंजना।
कलम ने कबीरा की बताई,
भौतिकता पे लिखी भर्त्सना।।
कलम ने पूंजीवाद बताया,
बताई समाजवाद की संभावना।
कलम ने कम्युनिस्ट की बताई,
एक वर्ग हीन समाज की अवधारणा।।
वैदिक युग की गरिमा गाई,
कही मध्य युग की क्रूर क्रंदना।
आजादी के मतवालों की लिखी,
लहू से लथपथ वीर वंदना।।
कलम ने इतिहास लिखा,
लिख रही भविष्य की भवितव्यता।
कलम ने कही संत से,
करो सत्य की अनुसंधना।।
स्वरचित मौलिक
अर्चना जी - गाजीपुर, उत्तर प्रदेश
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