Jamshedpur: Viral Video में पुलिस की बर्बरता, क्या कानून का डर खत्म हो गया है?
जमशेदपुर में पुलिस की बर्बरता का वीडियो वायरल! बाइक सवार को बेरहमी से पीटता दिखा वर्दीधारी। बोलेरो में बैठे अधिकारी ने दिया था आदेश? जानें पूरा मामला।

जमशेदपुर में एक चौंकाने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसने पूरे सिस्टम की असंवेदनशीलता को उजागर कर दिया है। इस वीडियो में पुलिस की वर्दी पहने एक व्यक्ति को एक बाइक सवार को बेरहमी से लात-घूंसों से पीटते हुए देखा जा सकता है। कहा जा रहा है कि यह वीडियो बिष्टुपुर थाना अंतर्गत जुबिली पार्क के समीप का है।
क्या हुआ इस वायरल वीडियो में?
वीडियो में देखा जा सकता है कि एक बाइक सवार ने जैसे ही ओवरटेक करने की कोशिश की, तभी वर्दीधारी व्यक्ति ने उसे रोक लिया और बर्बरता से पीटना शुरू कर दिया। हैरानी की बात यह है कि इस पूरी घटना के दौरान वहां मौजूद भीड़ तमाशबीन बनी रही। इसके बाद, अचानक एक बोलेरो से आवाज आती है – "चलो!" और वह पुलिसकर्मी तुरंत वहां से निकल जाता है। बताया जा रहा है कि ऐसी बोलेरो आमतौर पर थानेदारों द्वारा इस्तेमाल की जाती हैं।
यह वीडियो वायरल होते ही प्रशासन पर सवाल उठने लगे हैं। क्या यह पुलिसकर्मी अपनी वर्दी की ताकत का गलत इस्तेमाल कर रहा था, या इसके पीछे कोई और वजह थी? सवाल यह भी उठता है कि अगर कानून की रक्षा करने वाली पुलिस खुद इस तरह कानून तोड़ने लगे, तो आम जनता किस पर भरोसा करेगी?
जमशेदपुर पुलिस पर उठते सवाल!
यह पहली बार नहीं है जब जमशेदपुर पुलिस विवादों में आई हो। अतीत में भी कई बार पुलिस की बर्बरता और अराजक रवैये को लेकर लोगों ने सवाल उठाए हैं।
- 2019 में एक व्यक्ति को पुलिस हिरासत में पीट-पीटकर मार डालने का मामला सामने आया था, जिसके बाद इलाके में भारी प्रदर्शन हुआ था।
- 2022 में भी एक सब-इंस्पेक्टर का वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह राहगीरों से बदसलूकी कर रहा था।
- 2023 में एक युवक को लॉकअप में पीटने का मामला सामने आया था, जहां पीड़ित ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए थे।
इन मामलों के बावजूद प्रशासन पर कोई खास असर नहीं दिखता। सवाल उठता है कि आखिर कब तक पुलिस अपनी वर्दी की आड़ में कानून को ठेंगा दिखाती रहेगी?
क्या बोले प्रशासन और आम लोग?
इस वायरल वीडियो पर अब तक पुलिस प्रशासन की कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, सोशल मीडिया पर लोग जमकर पुलिस को निशाने पर ले रहे हैं।
- एक यूजर ने लिखा – "क्या पुलिस का काम जनता की रक्षा करना है या उन्हें पीटना?"
- दूसरे यूजर ने कहा – "अगर आम आदमी ने किसी पुलिस वाले के साथ ऐसा किया होता, तो अब तक उसे जेल में डाल दिया जाता!"
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि इस मामले की जांच करेगा कौन? क्या प्रशासन इस घटना को गंभीरता से लेकर दोषी पुलिसकर्मी पर कार्रवाई करेगा, या यह मामला भी बाकी मामलों की तरह ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा?
क्या वर्दीधारी दोषी है या बोलेरो में बैठा अधिकारी?
इस पूरी घटना में सवाल सिर्फ उस पुलिसवाले पर नहीं, बल्कि बोलेरो में बैठे उस अधिकारी पर भी उठता है, जिसने उसे आदेश दिया।
- क्या वह अधिकारी इस पुलिसकर्मी से कानून तोड़ने का काम करा रहा था?
- क्या पुलिस के लिए अब कानून कोई मायने नहीं रखता?
- अगर यही हाल रहा, तो जनता अपना न्याय खुद लेना शुरू कर देगी!
मुख्यमंत्री को देना होगा जवाब!
अगर राज्य सरकार और मुख्यमंत्री इस मामले को हल्के में लेते हैं, तो जनता चुप नहीं बैठेगी। आज का दौर सोशल मीडिया का है, जहां हर गलत कदम को जनता वायरल करके सरकार की पोल खोल सकती है।
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि अगर सरकार ने इस मामले में जल्द कार्रवाई नहीं की, तो आने वाले चुनावों में इसका भारी खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
अब देखना होगा कि क्या सरकार इस वीडियो पर संज्ञान लेकर दोषी पुलिसकर्मी पर कार्रवाई करती है, या फिर जनता को खुद न्याय के लिए सड़कों पर उतरना पड़ेगा?
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