टाटा मुख्य अस्पताल का फार्मेसी सिस्टम होगा आउटसोर्स, कर्मचारियों में भविष्य की चिंता
टाटा मुख्य अस्पताल (टीएमएच) के फार्मेसी सिस्टम को टाटा 1एमजी और मणिपाल समूह को आउटसोर्स करने पर कर्मचारियों में भविष्य की चिंता बढ़ी। जानें क्या है मामला और कैसे प्रभावित हो सकते हैं कर्मचारी।
टाटा मुख्य अस्पताल का फार्मेसी सिस्टम होगा आउटसोर्स, कर्मचारियों में भविष्य की चिंता
जमशेदपुर के टाटा मुख्य अस्पताल (टीएमएच) के अधिकांश काम को टाटा 1एमजी को आउटसोर्स किया जा रहा है, जो टाटा समूह का एक ब्रांड है। इसके साथ ही मणिपाल समूह को भी अस्पताल में नयी जगह दी जा रही है। इस निर्णय से स्थायी कर्मचारियों की जगह कम होती जा रही है, जिससे कर्मचारियों में असंतोष और चिंता का माहौल है।
कर्मचारियों में असंतोष:
टीएमएच के स्थायी कर्मचारियों को अन्य विभागों में समायोजित किया जा रहा है। फार्मेसी विभाग के अधिकांश कार्यों को आउटसोर्स कर दिया जाएगा। टाटा वर्कर्स यूनियन पर दबाव बढ़ रहा है कि वे इस मुद्दे पर ठोस कदम उठाएं। हालांकि, अब तक यूनियन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है, जिससे कर्मचारी परेशान हैं।
आउटसोर्सिंग का उद्देश्य:
टाटा स्टील का कहना है कि यह कदम लोगों को बेहतर इलाज मुहैया कराने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है। टीएमएच में मणिपाल समूह का नया सेंटर ओपीडी में चालू किया गया है और मणिपाल के एक्सपर्ट्स की मदद से चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जाएंगी।
फार्मेसी सिस्टम:
टीएमएच के इमरजेंसी के बगल में एक बड़ा काउंटर बनाया जा रहा है और ओपीडी के सारे मेडिसिन काउंटर को टाटा 1एमजी को सौंपा जा रहा है। मेडिसिन डिस्ट्रीब्यूशन का सारा सिस्टम सीधे तौर पर टाटा 1एमजी को दिया जाएगा, जिससे फार्मेसी विभाग के स्थायी कर्मचारियों का स्थानांतरण हो रहा है।
कर्मचारियों की चिंता:
इस बदलाव से कर्मचारियों में भविष्य को लेकर सशंकित हैं कि कहीं उनका सारा काम आउटसोर्स न हो जाए। टाटा वर्कर्स यूनियन के पदाधिकारियों ने टाटा स्टील के प्रबंधन से बातचीत की है, लेकिन कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान अभी भी अधर में लटका हुआ है।
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