कोल्हान ईचा खरकई बांध विरोधी संघ ने विधायक निरल पुर्ती को सौंपा मांग पत्र, जानें क्या हैं ग्रामीणों की मांगें
कोल्हान ईचा खरकई बांध विरोधी संघ ने मझगांव विधायक निरल पुर्ती को मांग पत्र सौंपा, जिसमें 2019 के वायदे की याद दिलाई गई। जानें ग्रामीणों की प्रमुख मांगें और विधायक का आश्वासन।
कोल्हान ईचा खरकई बांध विरोधी संघ ने विधायक निरल पुर्ती को सौंपा मांग पत्र, जानें क्या हैं ग्रामीणों की मांगें
कोल्हान ईचा खरकई बांध विरोधी संघ ने अध्यक्ष बीर सिंह बुड़ीउली की अगुआई में मझगांव विधायक निरल पुर्ती को एक मांग पत्र सौंपा है। इस पत्र में उन्होंने उन्हें उनकी पार्टी झामुमो द्वारा वर्ष 2019 में ईचा डैम रद्द करने के किये गये वायदे की याद दिलाई है। संघ के प्रतिनिधिमंडल ने विधायक निरल पुर्ती को वर्तमान में चल रहे जनांदोलन और कानूनी लड़ाई की विस्तृत जानकारी दी और बताया कि परियोजना से सबसे अधिक मंझगांव विधानसभा क्षेत्र के गांव ही प्रभावित हो रहे हैं।
विस्थापन का भय:
प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि परियोजना के कारण यहां के लाखों आदिवासी मूलवासी ग्रामीणों को विस्थापन के भय से भयभीत होकर जीना पड़ रहा है। उन्होंने इस परिस्थिति में क्षेत्र के लोगों को भय से मुक्ति एवं संभव राहत और न्याय दिलाने का अनुरोध किया है। संघ का मानना है कि हेमंत सोरेन सरकार का यह आखिरी सत्र है और उन्हें दोबारा ऐसा सुनहरा अवसर नहीं मिलेगा डैम को रद्द कराने का।
विधायक का आश्वासन:
विधायक निरल पुर्ती ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि वह आगामी मॉनसून सत्र के दौरान डैम के मामले को सदन में उठाएंगे। प्रतिनिधिमंडल में बीरसिंह बुड़ीउली, सुरेश सोय, हरीश चंद्र अल्डा, रेयांश सामड, योगेश कालुंडिया, गुलिया कालुंडिया, रवींद्र अल्डा, मुकेश कालुंडिया, रॉबिन देवगम एवं अन्य आंदोलकारी शामिल थे।
ग्रामीणों की प्रमुख मांगें:
- परियोजना को रद्द करना।
- विस्थापन के भय से मुक्ति दिलाना।
- ग्रामीणों को राहत और न्याय प्रदान करना।
इस पत्र के माध्यम से कोल्हान ईचा खरकई बांध विरोधी संघ ने ग्रामीणों की आवाज़ को सरकार तक पहुंचाने का प्रयास किया है और उम्मीद जताई है कि उनकी मांगें पूरी की जाएंगी।
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