दस्त से बुजुर्ग की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग की त्वरित कार्रवाई, सोनुआ सीएचसी की टीम पहुंची गांव
पश्चिमी सिंहभूम के जोनो गांव में दस्त से 70 वर्षीय बुजुर्ग की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने त्वरित कार्रवाई की। गांव में साफ पेयजल की समस्या के कारण दस्त और डायरिया के मामले बढ़ रहे हैं।
सुदूर Gudri Prakhand के Jono Gaon में दस्त से एक बुजुर्ग की मौत की खबर ने स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट कर दिया है। इस घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और मेडिकल टीम तुरंत हरकत में आई और ग्रामीणों की जांच में जुट गई।
घटना का विवरण
70 वर्षीय हारुन डहंगा, जो Jono Gaon का निवासी था, एक हफ्ते से दस्त से पीड़ित था। घर वाले उसे स्थानीय स्तर पर दवा दे रहे थे, लेकिन समुचित इलाज के अभाव में उसकी मौत हो गई। यह गांव साफ पेयजल की समस्या से जूझ रहा है। गांव के कई टोले में चापाकल नहीं हैं, जिसके कारण बस्तीवासी नदी-नालों का पानी पीने को मजबूर हैं।
पिछली घटनाएँ
यह पहली बार नहीं है जब इस गांव में दस्त की वजह से मौतें हुई हैं। वर्ष 2019 में भी इस गांव के दर्जनों लोग डायरिया के शिकार हो गए थे, जिनमें से दो की मौत हो गई थी। इसी प्रकार, हाल ही में दो और लोगों को दस्त की शिकायत हुई थी, जो बाद में ठीक हो गए।
स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई
जैसे ही स्वास्थ्य विभाग को इस घटना की सूचना मिली, सोनुआ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. पराव माझी अपनी मेडिकल टीम के साथ गांव पहुंचे। टीम ने तुरंत गांव के लोगों की जांच शुरू कर दी। डॉ. माझी ने बताया कि ग्रामीणों को साफ पेयजल की सुविधा नहीं मिल पाने के कारण ऐसे मामले सामने आ रहे हैं।
समस्या की जड़
गांव में साफ पेयजल की कमी एक गंभीर समस्या है। कई टोलों में चापाकल नहीं होने के कारण बस्तीवासी नदी-नालों का पानी पीने के लिए मजबूर हैं। स्वच्छ पेयजल की कमी के कारण ग्रामीणों को दस्त और डायरिया जैसी बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है।
सरकार और प्रशासन की भूमिका
इस घटना ने प्रशासन और सरकार की तरफ से त्वरित कार्रवाई की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक साफ पेयजल की सुविधा नहीं मिलेगी, तब तक ऐसी घटनाओं को रोका नहीं जा सकता। प्रशासन को चाहिए कि जल्द से जल्द गांव में साफ पानी की व्यवस्था करे ताकि ग्रामीणों को इन बीमारियों से बचाया जा सके। इस दुखद घटना ने साफ पेयजल की समस्या को एक बार फिर उजागर किया है। ग्रामीणों की स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने के लिए सरकार और प्रशासन को त्वरित कदम उठाने की जरूरत है।
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