Garhwa Murder: वर्दीवाले की दरिंदगी! डायन-बिसाही के शक में चाचा को टांगी से काट डाला

गढ़वा में डायन-बिसाही के शक में पुलिसकर्मी ने अपने बुजुर्ग चाचा की टांगी से काटकर हत्या कर दी। जानें पूरी घटना और झारखंड में डायन-बिसाही से जुड़ी हत्याओं का इतिहास।

Mar 3, 2025 - 14:32
Mar 3, 2025 - 14:36
 0
Garhwa Murder: वर्दीवाले की दरिंदगी! डायन-बिसाही के शक में चाचा को टांगी से काट डाला
Garhwa Murder: वर्दीवाले की दरिंदगी! डायन-बिसाही के शक में चाचा को टांगी से काट डाला

गढ़वा, झारखंड – झारखंड के गढ़वा जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक पुलिसकर्मी ने अंधविश्वास के चलते अपने ही बुजुर्ग चाचा की बेरहमी से हत्या कर दी। डायन-बिसाही के शक में पुलिसकर्मी ने अपने भाई के साथ मिलकर 70 वर्षीय रामधनी बैठा को टांगी से काटकर मौत के घाट उतार दिया। इस निर्मम हत्या के बाद इलाके में सनसनी फैल गई है।

कैसे हुआ खूनी खेल?

यह दिल दहलाने वाली घटना गढ़वा जिले के धुरकी थाना क्षेत्र के पुतुर गांव में रविवार दोपहर करीब 3:30 बजे घटी। मृतक रामधनी बैठा का अपराध सिर्फ इतना था कि भतीजा राजेश्वर बैठा उसे अपने छोटे भाई की मौत का जिम्मेदार मानता था।

राजेश्वर बैठा, जो कि धनबाद पुलिस बल में कार्यरत है, पिछले कुछ समय से अपने गांव आया हुआ था। कुछ दिन पहले ही उसके भाई मनोज बैठा, जो कि एक होमगार्ड जवान था, की मौत हो गई थी। यह घटना मनोज की पोस्टिंग वाली जगह पतरातू में हुई थी। राजेश्वर इस घटना के लिए अपने चाचा रामधनी को दोषी मानता था और इसी गुस्से में उसने खौफनाक कदम उठाया।

हत्या से पहले घर को किया क्षतिग्रस्त

रविवार की सुबह राजेश्वर और उसके भाई संजय बैठा ने मिलकर पहले रामधनी बैठा के खपड़ैल मकान को क्षतिग्रस्त कर दिया। इसके बाद जब दोपहर में रामधनी अपने घर पहुंचे, तो राजेश्वर ने बिना कुछ सोचे-समझे टांगी उठाकर उन पर ताबड़तोड़ वार कर दिए। खून से लथपथ रामधनी ने वहीं दम तोड़ दिया। इस नृशंस हत्या के बाद आरोपी मौके से फरार हो गए।

इलाके में दहशत, पुलिस जांच में जुटी

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया। मृतक के पोते के बयान पर पुलिस ने आरोपी राजेश्वर बैठा और उसके भाई संजय बैठा के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कर ली है। पुलिस की टीम अब आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है।

झारखंड में डायन-बिसाही के नाम पर बढ़ते अपराध

झारखंड में डायन-बिसाही के नाम पर हत्या और हिंसा की घटनाएं लंबे समय से चली आ रही हैं। अंधविश्वास के चलते कई निर्दोष लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। खासकर ग्रामीण इलाकों में डायन-बिसाही का डर लोगों के मन में इतना गहरा बैठा हुआ है कि इसके नाम पर आए दिन हत्याएं हो रही हैं। प्रशासन द्वारा कई जागरूकता अभियान चलाए जाने के बावजूद ऐसे मामलों में कोई खास कमी नहीं आई है।

क्या कहती है पुलिस?

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि झारखंड में डायन-बिसाही के मामलों को लेकर पहले भी सख्त कानून बनाए गए हैं, लेकिन लोगों की मानसिकता नहीं बदल रही है। इस केस में भी सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।

गढ़वा में हुई इस निर्मम हत्या ने एक बार फिर झारखंड में फैले अंधविश्वास और डायन-बिसाही के मामलों को उजागर कर दिया है। जब एक पुलिसकर्मी, जो खुद कानून का रक्षक है, अंधविश्वास की गिरफ्त में आकर हत्यारा बन सकता है, तो यह समाज के लिए एक बड़ा खतरा है। सवाल यह उठता है कि क्या प्रशासन और कानून व्यवस्था इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कोई ठोस कदम उठाएगी या ऐसे ही निर्दोष लोग अंधविश्वास की भेंट चढ़ते रहेंगे?

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।