Tata Nagar Train Rescue: टीटीई की तेज़ कार्रवाई से बची यात्री की जान, हादसे की दहशत में डूब गया था स्टेशन

टाटानगर रेलवे स्टेशन पर स्टील एक्सप्रेस में एक यात्री की जान बचाई गई। टीटीई की सक्रियता से एक बड़े हादसे से बचा यात्री। जानें कैसे दोनों टिकट चेकिंग स्टाफ ने यात्री की जान बचायी।

Dec 28, 2024 - 20:34
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Tata Nagar Train Rescue: टीटीई की तेज़ कार्रवाई से बची यात्री की जान, हादसे की दहशत में डूब गया था स्टेशन
टाटानगर ट्रेन में हादसा: टीटीई ने प्लेटफॉर्म और पटरी के बीच लटके यात्री की जान बचायी, जानें कैसे

28 दिसंबर 2024 की सुबह टाटानगर रेलवे स्टेशन पर एक भयावह हादसे से बचाव की एक अद्भुत कहानी सामने आई। स्टील एक्सप्रेस ट्रेन के एक यात्री को प्लेटफॉर्म और पटरी के बीच गिरते हुए देख, दो सक्रिय टिकट चेकिंग स्टाफ ने अपनी तत्परता और साहसिकता से उसकी जान बचा ली।

खतरनाक हादसा: प्लेटफॉर्म और पटरी के बीच लटका यात्री

सुबह लगभग 06.15 बजे, जब टाटानगर के प्लेटफॉर्म नंबर 1 से ट्रेन 12814 (स्टील एक्सप्रेस) रवाना हो रही थी, एक यात्री ने भागकर ट्रेन पर चढ़ने का प्रयास किया। लेकिन भागते हुए वह संतुलन खो बैठा और ट्रेन के दरवाजे से गिरकर प्लेटफॉर्म और पटरी के बीच आ गया। इससे पहले कि यात्री की जान पर भारी संकट मंडराता, ट्रेन में ड्यूटी पर तैनात सीनियर सीसीटीसी राकेश कुमार पांडे की सक्रियता ने उसकी जान बचा ली।

टीटीई की सूझबूझ और तत्परता ने बचाई जान

राकेश कुमार पांडे ने तुरंत बिना समय गवाए, घायल यात्री को प्लेटफॉर्म से खींचते हुए सुरक्षित किया। उन्होंने यात्री को पटरी की ओर गिरने से बचाया, जिससे उसे गंभीर चोटों से बचाया जा सका। इस दौरान अन्य यात्री भी दौड़कर उनकी मदद करने आए, लेकिन टीटीई की तत्परता और साहसिकता ने पूरी घटना को मोड़ दिया।

यात्री को तत्काल ट्रेन के एसी कोच में ले जाया गया, जहां दूसरे टिकट चेकिंग स्टाफ विनय कुमार चौधरी ने राकेश कुमार पांडे के साथ मिलकर उसे प्राथमिक चिकित्सा दी। इस दौरान वह घायल यात्री मानसिक संतुलन बनाए रखने में भी सहायता करते रहे।

घायल यात्री की हालत और परिजनों की मदद

घायल यात्री घाटशिला जाने के लिए टाटानगर से यात्रा कर रहा था। ट्रेन के घाटशिला स्टेशन पहुंचने पर, दोनों टिकट चेकिंग स्टाफ ने उसे सुरक्षित रूप से उसके परिजनों के हवाले कर दिया। परिजनों ने उन्हें धन्यवाद देते हुए कहा कि यह दिन उनके लिए कभी नहीं भूलने वाला रहेगा।

इतिहास में ऐसे कई मामले

इस प्रकार की घटनाएं हमारे रेलवे नेटवर्क में दुर्लभ नहीं हैं। रेलवे में टिकट चेकिंग स्टाफ का कर्तव्य न केवल यात्रियों के टिकट चेक करना होता है, बल्कि सुरक्षा उपायों को भी सुनिश्चित करना होता है। कई बार ऐसे हादसों में समय रहते मदद करने से यात्रियों की जान बचाई जाती है। राकेश कुमार पांडे और विनय कुमार चौधरी की तरह कई रेलवे कर्मचारी समय पर अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए जान बचाने के मामले में उदाहरण प्रस्तुत करते हैं।

रेलवे विभाग द्वारा सम्मान और प्रोत्साहन

इस घटना के बाद सीनियर डीसीएम खड़गपुर ने राकेश कुमार पांडे और विनय कुमार चौधरी की साहसिक कार्रवाई की सराहना की। उनका कहना था कि रेलवे विभाग को ऐसे कर्मचारियों को प्रोत्साहन देना चाहिए, जो अपनी जान की परवाह किए बिना दूसरों की जान बचाते हैं।

मामले का असर: रेलवे सुरक्षा और जागरूकता

इस घटना ने टाटानगर स्टेशन और आसपास के इलाकों में सुरक्षा और जागरूकता की नई चर्चा शुरू कर दी है। यात्रियों से अपील की जा रही है कि वे ट्रेन के पास भागने से बचें और समय रहते अपनी यात्रा की योजना बनाएं। रेलवे सुरक्षा की दिशा में यह घटना एक सशक्त उदाहरण बनकर सामने आई है, जिससे हमें यह सिखने को मिलता है कि हर कर्मचारी का जीवन बचाने में योगदान हो सकता है।

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