Seraikela Protest: युवती की हत्या पर सड़क जाम, न्याय की मांग
सरायकेला के राजनगर मार्ग पर मिली युवती के शव मामले में सैकड़ों लोग विरोध प्रदर्शन पर उतरे। जानिए इस घटना से जुड़ी नई जानकारियां और क्यों पुलिस की कार्यशैली पर उठे सवाल।
सरायकेला, 3 दिसंबर: सरायकेला-खरसावां जिले के सरायकेला थाना अंतर्गत राजनगर मार्ग पर राधा स्वामी सत्संग के पीछे खरकई नदी से सटे जंगल में मिले युवती के शव ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। बीते गुरुवार को आरआईटी, सीतारामपुर निवासी युवती संजीता हांसदा का क्षत-विक्षत शव बरामद होने के बाद पुलिस की जांच पर सवाल उठाते हुए स्थानीय लोग आक्रोशित हो गए हैं।
मंगलवार को भाजपा नेता रमेश हांसदा के नेतृत्व में सैकड़ों लोग जिला मुख्यालय पहुंचे और पुलिस की कार्यशैली पर नाराजगी जाहिर करते हुए धरने पर बैठ गए। प्रदर्शनकारियों ने सरायकेला-टाटा मुख्य मार्ग को जाम कर दिया, जिससे यातायात बाधित हो गया। समाचार लिखे जाने तक प्रदर्शन जारी था।
निष्पक्ष जांच की मांग
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे भाजपा नेता रमेश हांसदा ने चेतावनी दी कि जब तक पीड़िता को न्याय नहीं मिलेगा, तब तक उसका अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि, "घटनास्थल से बरामद सबूतों से यह साफ है कि इस वारदात में एक से अधिक लोग शामिल थे। लेकिन पुलिस ने केवल एक युवक को हिरासत में लेकर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है, जो मामले की गहनता पर सवाल खड़ा करता है।"
हांसदा ने जोर देकर कहा कि पुलिस को मामले की निष्पक्ष और तेज़ जांच करनी चाहिए ताकि सभी दोषियों को कड़ी सजा मिल सके।
क्या हुआ था घटनास्थल पर?
युवती का शव क्षत-विक्षत अवस्था में जंगल से बरामद किया गया था। घटनास्थल से शक्तिवर्धक टेबलेट, खून से सने पत्थर और अन्य सामग्री जब्त की गई थी। आशंका जताई जा रही है कि युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद पत्थरों से कुचलकर हत्या कर दी गई।
युवती के परिजनों ने उसके कथित प्रेमी और उसके दोस्तों पर सामूहिक दुष्कर्म और हत्या का आरोप लगाया है।
आक्रोशित जनता और पुलिस की परीक्षा
घटना ने पूरे सरायकेला क्षेत्र को आक्रोशित कर दिया है। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि पुलिस की ढिलाई के कारण हत्यारे खुलेआम घूम रहे हैं।
पुलिस के मुताबिक, घटनास्थल से बरामद साक्ष्यों की जांच की जा रही है और मामले में शामिल अन्य लोगों की तलाश जारी है।
क्षेत्र में बढ़ते अपराध और पुलिस पर भरोसा
यह पहली बार नहीं है जब सरायकेला जैसे इलाके में महिलाओं के खिलाफ अपराध ने सुर्खियां बटोरी हैं। झारखंड में महिलाओं की सुरक्षा एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। पुलिस प्रशासन पर बढ़ता दबाव और जनता के सवाल यह साफ संकेत देते हैं कि अब सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है।
न्याय के लिए संघर्ष
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह सिर्फ एक केस नहीं है, बल्कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर पुलिस की लापरवाही को उजागर करता है। भाजपा नेता रमेश हांसदा ने कहा कि जब तक पीड़िता को न्याय नहीं मिलता, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा।
"यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि हमारे समाज और प्रशासन को महिलाओं की सुरक्षा के प्रति अधिक संवेदनशील होना होगा," उन्होंने कहा।
क्या कहती है घटना की पृष्ठभूमि?
झारखंड का इतिहास इस तरह की घटनाओं से अछूता नहीं रहा है। पहले भी कई बार महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में न्याय पाने के लिए लंबा संघर्ष करना पड़ा है।
क्या मिलेगा न्याय?
सरायकेला की यह घटना सिर्फ एक क्राइम स्टोरी नहीं है, बल्कि एक समाज और व्यवस्था के लिए चुनौती है। अब देखना यह होगा कि पुलिस इस मामले में कितनी तेजी से कार्रवाई करती है और क्या पीड़िता को न्याय मिल पाता है।
झारखंड के लोगों को उम्मीद है कि इस बार का संघर्ष बदलाव की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
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