Ranchi Ground Dispute: खेल के लिए मैदान चाहिए या राजनीति के लिए? हरमू ग्राउंड पर क्यों भड़का विवाद!
रांची का हरमू ग्राउंड खेलकूद के लिए है या राजनीतिक कार्यक्रमों के लिए? स्थानीय लोगों ने झारखंड राज्य आवास बोर्ड से मैदान पर राजनीतिक और व्यावसायिक आयोजनों पर रोक लगाने की मांग की। जानिए पूरा विवाद!
रांची का हरमू ग्राउंड अब सिर्फ खेल का मैदान नहीं रहा, बल्कि राजनीतिक और व्यावसायिक आयोजनों का केंद्र बन चुका है! लेकिन क्या यह सही है? इसी सवाल को लेकर अब स्थानीय लोग झारखंड राज्य आवास बोर्ड के सामने खड़े हो गए हैं। इंजीनियर वेदांत कौस्तव ने इस मैदान को राजनीति और व्यापारिक गतिविधियों से मुक्त करने की मांग करते हुए बोर्ड अध्यक्ष संजय लाल पासवान को ज्ञापन सौंपा है।
क्या है पूरा मामला?
हरमू ग्राउंड रांची के सबसे बड़े आवासीय क्षेत्रों में स्थित है। यहां हजारों की संख्या में लोग रहते हैं और रोजमर्रा के जीवन में इस मैदान का इस्तेमाल खेल-कूद और मॉर्निंग वॉक के लिए करते हैं। लेकिन हाल के वर्षों में यह मैदान राजनीतिक रैलियों, व्यावसायिक प्रदर्शनियों और मेलों के लिए एक हॉटस्पॉट बन गया है।
- हर महीने यहां कोई न कोई मेला या प्रदर्शनी लग जाती है।
- राजनीतिक सभाओं की वजह से स्थानीय लोग मैदान का इस्तेमाल नहीं कर पाते।
- बच्चे और युवा खेल से वंचित हो जाते हैं।
क्या यह मैदान खेल के लिए बना था या राजनीति के लिए? यही सवाल अब स्थानीय निवासियों के बीच चर्चा का विषय बन गया है।
इतिहास में भी रहा है खेल मैदानों का ऐसा विवाद
यह कोई पहला मामला नहीं है जब खेल मैदान को किसी अन्य उद्देश्य के लिए इस्तेमाल करने पर विवाद हुआ हो।
- दिल्ली के रामलीला मैदान को लेकर भी वर्षों तक राजनीतिक और खेल प्रेमियों के बीच टकराव रहा।
- कोलकाता के मैदानों पर भी प्रदर्शनियों और राजनीतिक आयोजनों को लेकर विवाद होते रहे हैं।
- मुंबई का शिवाजी पार्क भी खेल और राजनीति के लिए एक संघर्ष का क्षेत्र रहा है।
लेकिन क्या हरमू ग्राउंड का भी वही हश्र होने वाला है?
क्या कहते हैं स्थानीय लोग?
स्थानीय निवासी इस मुद्दे पर एकमत हैं कि हरमू ग्राउंड को सिर्फ खेल-कूद और सामाजिक गतिविधियों के लिए ही इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
"हमारे पास खेलने के लिए कोई और बड़ा मैदान नहीं है। अगर यह भी छिन गया तो बच्चों का भविष्य अंधकार में चला जाएगा," एक स्थानीय खिलाड़ी ने कहा।
"राजनीतिक सभाओं और मेलों की वजह से यहां इतनी भीड़ हो जाती है कि कई बार यातायात जाम तक लग जाता है," एक निवासी ने शिकायत की।
क्या झारखंड राज्य आवास बोर्ड लेगा कोई बड़ा फैसला?
झारखंड राज्य आवास बोर्ड के अध्यक्ष संजय लाल पासवान को ज्ञापन सौंप दिया गया है, लेकिन अब सवाल यह है कि क्या इस पर कोई ठोस कार्रवाई होगी?
- क्या राजनीतिक कार्यक्रमों पर लगेगी रोक?
- क्या व्यावसायिक आयोजनों को किसी अन्य स्थान पर शिफ्ट किया जाएगा?
- क्या यह मैदान सिर्फ खेल-कूद के लिए सुरक्षित किया जाएगा?
स्थानीय प्रशासन क्या कर सकता है?
अगर प्रशासन चाहे तो इस मुद्दे को हल करने के लिए कई उपाय कर सकता है:
हरमू ग्राउंड को खेल-कूद क्षेत्र घोषित कर देना चाहिए।
राजनीतिक और व्यावसायिक आयोजनों के लिए कोई अन्य स्थान तय किया जाना चाहिए।
स्थानीय लोगों से सुझाव लेकर उनके हितों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
क्या होगा अगला कदम?
अब देखना यह है कि झारखंड राज्य आवास बोर्ड इस मुद्दे पर क्या निर्णय लेता है। अगर जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो यह विवाद और गहरा सकता है। स्थानीय लोगों को उम्मीद है कि हरमू ग्राउंड को सिर्फ खेल-कूद के लिए ही सुरक्षित रखा जाएगा।
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